सास के साथ खराब रिश्तों के बीच क्यों घसीटी जाती है ननद?
punjabkesari.in Monday, Feb 01, 2021 - 05:35 PM (IST)
सास और बहू का रिश्ता खास तो होता है ही साथ ही यह रिश्ता बहुत से रंगों वाला होता है। कभी लड़ाई तो कभी प्यार तो कभी मन में सौ तरीके की बातें लेकिन इस रिश्ते को लेकर लोगों की सोच आज भी यही है कि सास और बहू कभी एक नहीं हो सकते हैं। क्या आप का भी यह मानना है कि सास और बहू कभी एक नहीं हो सकते हैं? इस पर लोगों के अलग-अलग रिएक्शन होंगे कोई इस बात से सहमत होगा तो कोई नहीं लेकिन कईं बार ऐसा देखा जाता है कि सास और बहू के बिगड़ते रिश्ते में ननद को बेवजह ही घसीट लिया जाता है। बहू को लगता है कि सास के इस तरीके के व्यवहार के पीछे ननद का ही हाथ होगा।
ननद और बहू एक घर में नहीं रह सकती?
समाज में और आस-पास के लोगों का ऐसा मानना है कि एक ही घर में ननद और बहू एक साथ नहीं रह सकते हैं। तभी तो आपने बहुत बार यह चीज देखी होगी कि लोग बेटी पहले कर देते हैं ताकि आने वाली बहू के साथ कोई अनबन न हो। लेकिन सास बहू के रिश्ते की तरह बहू और ननद का रिश्ता भी कईं रंगों वाला होता है।
सास के साथ लड़ाई का कारण ननद
ससुराल जाकर हमारी लाइफ काफी तरीके से बदल जाती है। नए रिश्ते और नईं जिम्मेदारियां हमें संभालनी पड़ती है। हर घर में प्यार होता है और लड़ाई भी होती है। वहीं सास के साथ जब भी लड़ाई होती है तो ज्यादा बहूओं के यही लगता है कि सास के दिमाग में यह बात ननद ने ही भरी होगी या फिर उसके कारण ही ऐसा हुआ होगा। लेकिन ऐसा करने से आप खुद को ही कष्ट दे रही हैं। अगर आप जिंदगी खुशहाल तरीके से जीना चाहती हैं तो ऐसी चीजों को नजरअंदाज करें। पहली बात आपको ऐसी बातें दिल में लानी नहीं चाहिए।
ननद को समझें बहन, भाभी को भी बनाएं दोस्त
देखा जाए तो ननद का भी तो रिश्ता आपसे बहन की तरह होता है अगर आप अपनी बहन को सम्मान दे सकते हैं तो ननद को क्यों नहीं। अगर ननद और बहू के रिश्ते में दूरियां आती हैं तो इसका कारण मन में बाते रखना और एक दूसरे से खुलकर बात न करना। वहीं रिश्तों को बचाने के लिए और भाई के घर को खुशहाल रहने के लिए ननद को भी अपने बढ़ा दिल दिखाना चाहिए। अगर वह किसी भी बात के कारण सास को या फिर मायके की बातों पर कुछ कहती है तो कुछ ऐसा न कहे कि जिससे भाभी का दिल दुखे क्योंकि अगर आप चाहती हैं कि एक भाभी आपको बहन की तरह माने तो आपको भी उसे उतना ही प्यार देना चाहिए।
सास के गुस्सा का कारण सिर्फ ननद
कईं बार ऐसी भी देखा गया है कि सास अगर बहू पर गुस्सा करे तो बहू को लगता है कि इन बातों से सास को नहीं बल्कि ननद को ज्यादा फर्क पड़ा है। इससे देखिए एक तो आपका सास के साथ रिश्ता खराब होता है तो वहीं दूसरी ओर ननद के बारे में भी आप खुद बखुद ही कड़वाहट भर लेती हैं।
न रखें मन में कड़वाहट
अब बात चाहे सास के साथ रिश्ते खराब होने की हो या फिर ननद के साथ लेकिन आप को मन में कभी भी कड़वाहट नहीं रखनी चाहिए। याद रखिए आप जितना मन में जहर घोलेंगी रिश्ते उतने ही खराब होते जाएंगे इसलिए रिश्तों को समेटने के लिए और खुशहाल जिंदगी के लिए एक दूसरे से मन मुटाव न रखें।
किसी को बदलें न
कईं लोग ऐसे भी होते हैं जो न ही खुद बदल सकते हैं और न ही बिना बात कहें रह सकते हैं लेकिन हर बार जरूरी तो नहीं कि आप अपनी बात रखें ही। इसलिए दूसरों के बदलने की जगह हालातों को अपना लें और शांत रहें। क्योंकि शब्दों के जख्म जल्दी नहीं भरते हैं। वो चाहे फिर सास हो, ननद हो या फिर भाभी हो। आप एक दूसरे को बदले न हालातों को अपना लें क्योंकि इसी में ही खुशहाल जिंदगी है।