क्या हाथियों को किया जा रहा है कैद? मुकेश अंबानी के बेटे के वंतारा को लेकर कोर्ट ने सुनाया फैसला
punjabkesari.in Monday, Sep 15, 2025 - 04:10 PM (IST)

नारी डेस्क: रिलायंस के ग्रुप के मालिक मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी का ड्रीम प्रोजेक्ट वनतारा एक बार फिर चर्चा में है। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के जामनगर में स्थित वनतारा जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर को विशेष जांच टीम (SIT) की जांच के बाद क्लीन चिट दे दी है। अदालत गुजरात स्थित इस वाइल्डलाइफ फैसिलिटी में हाथियों के स्थानांतरण को चुनौती देने वाली जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई कर रही थी।
यह भी पढ़ें: पहले बच्चे की उम्मीद कर रहे हैं कैटरीना और विक्की
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- वनतारा को न करें बदनाम
न्यायमूर्ति पंकज मिथल और न्यायमूर्ति प्रसन्ना बी. वराले की पीठ ने खुली अदालत में सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट खोली और एसआईटी का निष्कर्ष पढ़ा, जिसमें कहा गया था कि अभयारण्य में वन्यजीवों का स्थानांतरण वैधानिक व्यवस्था के अनुरूप था। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने SIT की रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद कहा- “वनतारा पूरी तरह से कानूनों का पालन कर रहा है इसे बदनाम न करें.”। पिछले हफ्ते, एसआईटी ने एक सीलबंद लिफाफे में एक पेन ड्राइव के साथ अपनी रिपोर्ट शीर्ष अदालत को सौंपी थी।
अदालत इस मामले में नहीं देना चाहती दखल
अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा- 'अगर वनतारा वन विभाग से हाथियों को अपने संरक्षण में लेता है और पूरी प्रक्रिया का पालन होता है, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है, हमारे द्वारा गठित एसआईटी ने बताया है कि सभी संबंधित प्राधिकरण अनुपालन और नियमों से संतुष्ट हैं'। अदालत ने स्पष्ट किया कि वह शुरू से दखल देने के पक्ष में नहीं थी, लेकिन आरोप सामने आने के बाद जांच का आदेश दिया गया।
यह भी पढ़ें: ऐश्वर्या और अभिषेक बच्चन के बाद अब करण जौहर पर भी आई आफत
यह था पूरा मामला
यह जांच दो जनहित याचिकाओं (PIL) के आधार पर शुरू की गई थी, जिसमें वनतारा पर भारत और विदेशों से, विशेष रूप से हाथियों की खरीद में कानूनों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था। याचिकाओं में मीडिया, सोशल मीडिया और विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों (NGO) व वन्यजीव संगठनों की शिकायतों का हवाला दिया गया था। वनतारा अनंत अंबानी की पहल है। यह गुजरात के जामनगर में रिलायंस रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स के ग्रीन बेल्ट के भीतर 3,000 एकड़ में फैला हुआ है. यह केंद्र विशेष रूप से वन्यजीवों, खासकर हाथियों, के बचाव और पुनर्वास के लिए बनाया गया है।