लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर भड़का कोर्ट, कहा- समाज में गंदगी फैला रहे फिल्में और टीवी सीरियल
punjabkesari.in Saturday, Sep 02, 2023 - 04:45 PM (IST)
पिछले कुछ समय से भारत में लिव-इन रिलेशनशिप का चलन काफी देखने को मिल रहा है, हालांकि इसके खौफनाक परिणाम भी सामने आ रहे हैं। ऐसे में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट का कहना है कि जानवरों जैसे पार्टनर बदलना सभ्यता नहीं है। कोर्ट का आरोप है कि फिल्म और टीवी सीरियल समाज में गंदगी फैला रहे हैं।
कोर्ट ने शादीशुदा लिव-इन पार्टनर से रेप करने के आरोपी व्यक्ति को जमानत देते हुए यह बात कही। जस्टिस सिद्धार्थ की सिंगल बेंच ने कहा कि ऊपरी तौर पर लिव-इन का रिश्ता बहुत आकर्षक लगता है और लुभाता है, लेकिन इससे बाहर आने के बाद एक महिला के लिए शादी के लिए पुरुष साथी ढूंढना बहुत मुश्किल होता है। समय बीतने के साथ उन्हें एहसास होता है कि इस रिश्ते की कोई सामाजिक स्वीकृति नहीं है। इससे युवाओं में हताशा बढ़ने लगती है।
कोर्ट का कहना है कि ''समाज वे ऐसे रिश्ते से बाहर आने वाली महिला को सामान्य व्यक्ति नहीं मानते हैं। कोई भी परिवार स्वेच्छा से ऐसी महिला को अपने परिवार के सदस्य के रूप में स्वीकार नहीं करता है। अदालतों में ऐसे मामलों की कोई कमी नहीं है, जहां लिव इन रिलेशनशिप से बाहर आई महिला ने सामाजिक रूप से खराब व्यवहार के कारण आत्महत्या कर ली।'' पीठ ने आगे कहा- अपने पति या पत्नी से बेवफाई करके आजादी से लिव-इन रिलेशनशिप में रहने को प्रोग्रेसिव सोसाइटी की निशानी बताया जा रहा है। ऐसी बातों से युवा आकर्षित होते हैं, लेकिन आगे जाकर इसका नतीजा बहुत बुरा होता है।
दरअसल नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी का कहना था कि एक साल तक लिव-इन रिलेशनशिप से गर्भवती होने के बाद पीड़िता ने उस पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है। जिस पर जस्टिस सिद्धार्थ ने कहा- ‘ऊपरी तौर पर, लिव-इन का रिश्ता बहुत आकर्षक लगता है और युवाओं को लुभाता है. लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता है और मध्यमवर्गीय सामाजिक नैतिकता मानदंड उनके चेहरे पर नजर आने लगते हैं। जज ने आखिर में कहा- टीवी सीरियल, वेब सीरीज और फिल्में देखकर युवा लिव-इन रिलेशनशिप की ओर आकर्षित होते हैं। फिल्में और टीवी सीरियल एक्ट्रा मैरिटल अफेयर और इस तरह के रिश्तों को बढ़ाने और समाज में गंदगी फैलाने का काम कर रहे हैं।