Pregnancy में कब्ज की समस्या हो जाए तो क्या करें गर्भवती?

punjabkesari.in Friday, Feb 14, 2025 - 08:30 PM (IST)

नारी डेस्कः प्रैग्नेंसी के दौरान एक महिला के शरीर में बहुत से बदलाव आते हैं। ये बदलाव अच्छे और बुरे अनुभव भी देते हैं। इस दौरान बहुत सी महिलाओं को खराब डाइजेशन से लेकर कब्ज तक की समस्या भी हो सकती है। बहुत सी गर्भवती महिलाएं कब्ज की समस्या से भी परेशान रहती हैं और यह समस्या अगर लंबा समय बनी रहे तो इस दौरान प्रैगनेंट महिला को पाइल्स यानि बवासीर होने की समस्या भी हो सकती है जो काफी तकलीफदेह और सेहत को नुकसान पहुंचाती है। वहीं जिन्हें ये समस्या प्रैगनेंसी में हो जाए उन्हें लेबर पेन के दौरान पुश करते समय और भी ज्यादा तकलीफ हो सकती है। वैसे कुछ महिलाओं को डिलीवरी के बाद से यह समस्या ठीक भी हो जाती है लेकिन इससे बचे रहना ही अच्छा विकल्प है। चलिए पाइल्स से जुड़ी आपको कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देते हैं।

प्रैगनेंसी के दौरान पाइल्स होने के कारण क्या हैं?

जैसे-जैसे गर्भ में पल रहे बच्चे का साइज बड़ा होता है वैसे वैसे गर्भाशय और यूट्रस भी बड़ा होता जाता है जिससे पेल्विक एरिया, एनस और रेक्टम एरिया के आसपास की नसों पर अधिक दबाव पड़ने लगता है। इससे गर्भवती ब्लोटेड महसूस करने लगती हैं और बॉडी की सहजता समाप्त हो जाती है। प्रैग्नेंसी में इस समस्या के होने के 3 कारण हो सकते हैं।

पहला बॉवेल मोशन के दौरान स्ट्रेस होने की वजह से कब्ज हो जाता है। यह पाइल्स होने की सबसे आम वजह है।

प्रैगनेंसी के दौरान वजन बढ़ना इसका दूसरा कारण है। आप लंबे समय तक एक जगह बैठी रहती हैं या खड़ी रहती हैं तो इस वजह से भी पाइल्स हो सकती है। वहीं एक्सपर्ट की मानें तो इसकी मुख्य वजह कब्ज ही होती है इसलिए इससे बचकर आप पाइल्स से भी बच सकती हैं और कब्ज से छुटकारा पाकर ही आप इस समस्या से बची रह सकती हैं। इसके लिए आपको उन्हीं आहारों का सेवन करना है जो आपके पेट को स्वस्थ रखें।

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कब्ज की समस्या दूर करने के लिए क्या खाएं?

कब्ज की समस्या दूर करने के लिए आप लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव कर सकते हैं ताकि प्रेगनेंसी में इस समस्या से बचा जा सकें।

हाई फाइबर फूड ज्यादा खाएं : कब्ज को दूर रखना है तो डाइट में हाई फाइबर फूड लेना जरूरी है और फाइबर आपको फलों, सब्जियों साबुत अनाज के सेवन से मिलेगा। इससे सिर्फ कब्ज ही नहीं दूर रहेगी ब्लकि ये चीजें मां-बच्चे को जरूरी पोषक तत्व भी देते हैं। दरअसल, फाइबर स्टूल को मुलायम बना देता है।

हाइड्रेटेड रहें : खूब सारा पानी पीएं। लिक्विड डाइट ज्यादा लें जैसे नारियल पानी, नींबू पानी, फलों का रस आदि लेकिन प्रिजर्वेटिव युक्त ड्रिंक का सेवन ना करें क्योंकि इससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ने की संभावना बनी रहती है।

यूरिन और मल को रोके ना: जब भी जरूरत महसूस हो तो बाथरूम जरूर जाए। यूरिन व मल को रोके रखने से यूट्रस और इंटेस्टाइन में भी प्रॉब्लम हो सकती है। वहीं महिलाओं को कब्ज की समस्या ज्यादातर इसी वजह से ही होती है।

लंबे समय तक बैठने या खड़े होने से बचें : अगर आप वर्किंग हैं तो याद रखिए आपको लंबा टाइम सिटिंग नहीं करनी। बीच बीच में उठकर टहलती रहें और ना ही ज्यादा देर खड़ी रहे। किचन में भी लंबे समय तक खड़े होकर काम करने से बचें क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान ज्यादा देर तक खड़े रहने से भी पाइल्स की समस्या हो सकती है।

रोजाना कीगल एक्सरसाइज करें: प्रेगनेंसी के दौरान ये एक्सरसाइज फायदेमंद है। इससे यूट्रस, यूरीनरी ब्लैडर और पेल्विक मसल्स को मजबूती मिलती है। इसे प्रेगनेंसी के दौरान या पोस्ट प्रेगनेंसी के बाद करने की सलाह डॉक्टर द्वारा दी जाती है। लेकिन इसे करने से पहले एक बार सलाह जरूर लें।

डॉक्टरी सलाह से इस्तेमाल करें स्टूल सॉफ़्टनर: अगर इन सबके बावजूद आपको कब्ज की समस्या ठीक नहीं हो रही और आप स्टूल सॉफ़्टनर का प्रयोग करना चाहती हैं तो अपने गाइनेकोलॉजिस्ट से इस बारे में जरूर पूछ लें क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान बिना चिकित्सकीय सलाह के किसी भी दवा का प्रयोग करना नुकसानदायक हो सकता है।

डिस्कलेमरः कब्ज की समस्या को प्रैग्नेंसी में इग्नोर ना करें। प्रैगनेंसी से जुड़ी अपनी समस्याओं को किसी एक्सपर्ट डॉक्टर या गाइनोकॉलोजिस्ट के साथ साझा करें।


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Content Writer

Vandana

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