त्योहारों पर मत खरीदना मीठा जहर, ये रंग-बिरंगी मिठाइयां कर सकती है आपको बीमार
punjabkesari.in Saturday, Aug 09, 2025 - 12:44 PM (IST)

नारी डेस्क: त्योहारों पर मिठाई खरीदते समय मिलावट का खतरा सबसे ज़्यादा होता है, क्योंकि इस समय मांग बढ़ने के कारण कई जगह घटिया और नकली सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है। ये रंग-बिरंगी मिठाइयां सेहत को काफी नुकसान पहुंचाती है। चलिए जानते है कैसे असली और नकली मिठाई की पहचान की जा सकती है।
असली और नकली मिठाई की पहचान कैसे करें
बहुत चमकीला, तेज़ या अप्राकृतिक रंग, जैसे गहरा लाल, हरा, नारंगी आमतौर पर कृत्रिम रंगों का संकेत है। असली मिठाई का रंग हल्का और प्राकृतिक दिखता है, ज़्यादा चमकदार नहीं होता। इसके अलावा कृत्रिम खुशबू (अत्यधिक मीठी या केमिकल जैसी) मिलावटी होने का संकेत हो सकती है। शुद्ध मिठाई में दूध या सूखे मेवे की हल्की प्राकृतिक सुगंध होती है।
मावे की पहचान
बहुत ज़्यादा चिकनी और चिपचिपी मिठाई में अक्सर स्टार्च या सिंथेटिक बाइंडर डाले जाते हैं। असली मिठाई मुलायम होती है, लेकिन मुंह में जाते ही घुलने लगती है। मावा हाथ में लेकर दबाने पर तेल छोड़ता है और हल्की खुशबू आती है। नकली मावा दबाने पर टूट जाता है या बिल्कुल गंध नहीं देता। इसकी पहचान के लिए मावा का टुकड़ा पानी में डालें, असली मावा पानी में घुलता नहीं, नकली जल्दी टूटकर घुलने लगता है।
रंग-बिरंगी मिठाइयों से सेहत को होने वाले नुकसान
पेट की समस्याएं: गैस, एसिडिटी, दस्त।
खाद्य विषाक्तता (Food Poisoning): बासी या खराब सामग्री से बनी मिठाई से उल्टी और बुखार हो सकता है।
एलर्जी: सिंथेटिक रंग और फ्लेवर से स्किन रैश, खुजली, सांस लेने में दिक्कत।
लिवर और किडनी पर असर: लंबे समय तक कृत्रिम रंगों और केमिकल का सेवन अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है।
बच्चों में हाइपरएक्टिविटी: कुछ सिंथेटिक रंग बच्चों के व्यवहार और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता पर असर डालते हैं।