Exam में भी बच्चा रहेगा Stress Free, जब पेरेंट्स फॉलो करेंगे ये Tips
punjabkesari.in Tuesday, Nov 18, 2025 - 12:58 PM (IST)
नारी डेस्क: जैसे-जैसे साल खत्म हो रहा है, छात्र परीक्षाओं की तैयारी में जुट रहे हैं। यह समय बच्चों के लिए बहुत भारी पड़ सकता है क्योंकि उन्हें घंटों लगातार पढ़ाई करने, नोट्स याद करने से लेकर माता-पिता और शिक्षकों की अनकही उम्मीदों पर खरा उतरने तक, बहुत सारा दबाव झेलना पड़ता है। कुल मिलाकर, वे खुद को एक साथ कई चुनौतियों से जूझते हुए, मुश्किलों के बीच पा सकते हैं। अगर आपके बच्चे को साल के अंत की परीक्षाओं के कारण तनाव हो रहा है, तो एक मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह के आधार पर पेरेंट्स इन 5 असरदार तरीकों को अपना सकते हैं।
अपने तनाव को मैनेज करें
विशेषज्ञ कहती हैं कि बच्चे अक्सर माता‑पिता के भावनात्मक व्यवहार को “स्पंज” की तरह सोख लेते हैं। अगर आप शांत, संयमित और सकारात्मक रहें, तो आपका बच्चा देखेगा कि तनाव का सामना कैसे किया जाए। आप मेडिटेशन, योग या गहरी सांस लेने जैसी विधियाँ अपना सकते हैं, ताकि आप खुद मानसिक रूप से स्थिर रह सकें।

मेमोरी (रटे‑रटे) पढ़ाई की बजाय कॉन्सेप्ट‑समझ पर ध्यान दें
सिर्फ रटकर पढ़ने से बच्चों का तनाव बढ़ता है क्योंकि उन्हें डर रहता है कि परीक्षा हॉल में याद ही न रह जाए। माता‑पिता उन्हें समझा सकते हैं कि विषयों की मूल अवधारणाओं (Concept) को समझना ज़्यादा महत्वपूर्ण है- इससे लंबी अवधि में आत्मविश्वास बढ़ता है और दबाव कम होता है।
सांस लेने की आसान तकनीकें सिखाएं
तनाव या घबराहट महसूस होने पर, बच्चे “3‑2‑1” नामक एक सरल टेकनीक का उपयोग कर सकते हैं। इसमें उन्हें तीन चीजें देखनी हैं, दो चीजें छूनी हैं और एक गंध महसूस करनी है- यह एक्सरसाइज दिमाग को वर्तमान पल में लाने में मदद करती है। ऐसा करना उन्हें घबराहट से बाहर आने में सहायता करता है और उनका फोकस वापस आता है।
बाहर समय बिताने के लिए प्रेरित करें
हर दिन थोड़ा समय “ग्रीन स्पेस” (जैसे पार्क, बगीचा) में बिताना बहुत फायदेमंद हो सकता है। बाहर चलना, ताज़ा हवा लेना या हल्की‑फुल्की वॉक करना तनाव‑हॉर्मोन (जैसे कोर्टिसोल) को कम करता है और बच्चे को रिचार्ज महसूस कराता है। दिमाग़‑बीचाने वाले (ब्रेन‑बूस्टिंग) आहार पर ध्यान दें।

दिमाग़‑बीचाने वाले (ब्रेन‑बूस्टिंग) आहार पर ध्यान दें
परीक्षा के समय भावनात्मक से चिंता के कारण बच्चे अक्सर “जंक फूड” की ओर जाते हैं, लेकिन यह उनकी ऊर्जा और मानसिक स्थिति पर उल्टा असर कर सकता है। विशेषज्ञ सलाह देती हैं कि ऐसे खाद्य पदार्थ शामिल करें जो मस्तिष्क के लिए अच्छे हों: जैसे बेरीज (एंटीऑक्सीडेंट के लिए), नट्स (फैट्स और पोषण के लिए), प्रोटीन स्रोत जैसे दही, उबले अंडे या चना हम्मस, ताकि ब्लड‑शुगर स्थिर रहे और फोकस बनाए रखने में मदद मिले।
बच्चों को यह महसूस कराने की ज़रूरत है कि उनका तनाव मान्य है- उनकी भावनाओं को नजरअंदाज न करें, बल्कि सुनें और समझने की कोशिश करें। घर का ऐसा माहौल बनाएं जहां उनका स्ट्रेस साझा किया जा सके, बिना डांट‑डपट के। यदि तनाव बहुत अधिक हो और ऊपर दिए उपायों से राहत न मिल रही है, तो पेशेवर मदद लेने में हिचकिचाएं नहीं स्कूल काउंसलर, मनोवैज्ञानिक या थेरेपिस्ट की मदद लें।

