यहां पर हर साल के साथ बढ़ता है शिवलिंग का आकार, रात में भी सुनाई देती हैं घंटियां और मंत्र!
punjabkesari.in Monday, Nov 17, 2025 - 06:20 PM (IST)
नारी डेस्क : भारत के जंगलों में कई मंदिर हैं, जिन्हें राजाओं या भक्तों ने बनवाया है। लेकिन छत्तीसगढ़ के घने जंगलों में स्थित भूतेश्वर महादेव मंदिर एक ऐसा मंदिर है, जिसे किसी ने बनवाया नहीं। यहां का शिवलिंग स्वयंभू है, यानी यह स्वयं पृथ्वी से प्रकट हुआ और अपनी प्राकृतिक स्थिति में है।

शिवलिंग का विशाल आकार
भूतेश्वर महादेव का शिवलिंग लंबाई में लगभग 25 फीट और चौड़ाई में 20 फीट है, जिससे इसे देश का सबसे बड़ा शिवलिंग भी माना जाता है। इसका रहस्यमयी आकार और प्राकृतिक उत्पत्ति भक्तों को आश्चर्यचकित करती है। लोक कथाओं के अनुसार, गांव के कुछ चरवाहे जंगल में मवेशी चराने गए थे और उन्होंने देखा कि एक चट्टान पर गायें अपने आप दूध छोड़ रही थीं। यह खबर गांव के बुजुर्गों तक पहुंची और खुदाई के बाद विशाल शिवलिंग का पता चला। तब से यह स्थान भूतेश्वर (भूतों के ईश्वर) के नाम से प्रसिद्ध है।
यें भी पढ़ें : क्या सच में लकड़ी छूने से नहीं लगती बुरी नजर, क्यों कहते हैं लोग 'TOUCH WOOD'
प्राकृतिक चमत्कार और आस्था
सावन, महाशिवरात्रि और सोमवती अमावस्या जैसे पावन अवसरों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते हैं। भक्तों का कहना है कि रात में भी मंदिर से घंटियों की आवाज और “ऊँ नमः शिवाय” के मंत्र सुनाई देते हैं। यह मंदिर न सिर्फ आस्था का केंद्र है, बल्कि प्राकृतिक चमत्कार का प्रतीक भी है।

हर साल बढ़ता शिवलिंग
जब यह शिवलिंग खोजा गया था, तब इसकी लंबाई केवल 3 फीट थी। अब यह लगभग 25 फीट का हो गया है। यह बात इसे और भी रहस्यमयी बनाती है और देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु इसे देखने पहुंचते हैं। छत्तीसगढ़ के घने जंगलों और शांत पहाड़ियों के बीच स्थित यह शिवलिंग आज भी अपने आकार और चमत्कारिक विशेषताओं के कारण लोगों को आकर्षित करता है।

