चाणक्य नीति बताती है कैसी होनी चाहिए एक आदर्श पत्नी, जाने अच्छी गृहिणी के लक्षण
punjabkesari.in Friday, Apr 25, 2025 - 06:39 PM (IST)

नारी डेस्क: हम सबने एक कहावत तो जरूर सुनी होगी “हर सफल पुरुष के पीछे किसी महिला का हाथ होता है।” लेकिन जब घर बर्बादी की ओर बढ़ता है, तब भी अक्सर उंगलियां महिला की ओर ही उठती हैं। यही वजह है कि एक पत्नी के गुण और अवगुण दोनों ही परिवार को प्रभावित करते हैं। चाणक्य नीति के अनुसार, महिलाओं में इतनी शक्ति होती है कि वे एक बिगड़े हुए व्यक्ति को भी सुधार सकती हैं। जब एक बेटी बहू बनकर किसी घर में प्रवेश करती है, तो उस घर की इज्जत, संस्कार और खुशहाली काफी हद तक उसके हाथों में होती है।
एक बुराई भी कर सकती है पूरे परिवार को शर्मिंदा
अगर बहू में एक भी गंभीर अवगुण हो तो न सिर्फ परिवार शर्मिंदा होता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों पर भी इसका असर पड़ता है। पति और पत्नी मिलकर ही समाज की नई पीढ़ी का निर्माण करते हैं। ऐसे में अगर पत्नी के गुणों में कमजोरी हो, तो दांपत्य जीवन तो प्रभावित होता ही है, साथ ही पूरे परिवार को उसका नुकसान उठाना पड़ता है।
चाणक्य नीति से जानिए आदर्श पत्नी की पहचान
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में एक श्लोक के ज़रिये आदर्श पत्नी की विशेषताओं का वर्णन किया है
“साभार्या या शुचिदक्षा सा भार्या या पतिव्रता।
सा भार्या या पतिप्रीता सा भार्या सत्यवादिनी।।”
इस श्लोक में बताया गया है कि एक आदर्श पत्नी वह होती है जो शुद्ध विचारों वाली हो, जिसका आचरण पवित्र हो, जो पति को प्रेम करे और सत्य बोलने वाली हो।
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आदर्श पत्नी में होने चाहिए ये 3 शुद्ध गुण
मन से शुद्धता: पत्नी के मन में कोई छल-कपट नहीं होना चाहिए। वह सच्चे दिल से अपने परिवार और पति के प्रति समर्पित होनी चाहिए।
वचन की मिठास: वह जो बोले, वह मीठा हो। अपने शब्दों से किसी को आहत न करे, बल्कि सबका सम्मान करे।
कर्मों की पवित्रता: अपने कर्तव्यों को पूरी ईमानदारी और सच्चाई से निभाए। परिवार को एक धागे की तरह जोड़कर रखने की कला उसमें होनी चाहिए।
पत्नी की बोली होनी चाहिए मीठी, न कि कड़वी: चाणक्य नीति में साफ कहा गया है कि जिस महिला की वाणी कड़वी हो, उसे त्याग देना ही उचित होता है। क्योंकि शब्दों का घाव तलवार से भी गहरा होता है। जो महिलाएं बिना सोचे-समझे अपशब्द बोलती हैं, वे दूसरों की भावनाओं को आहत करती हैं। इससे घर में विवाद बढ़ता है और समाज में परिवार की छवि भी खराब होती है।
गुस्से पर कंट्रोल जरूरी है
आचार्य चाणक्य के अनुसार क्रोध इंसान की सबसे बड़ी कमजोरी है। जब गुस्सा आता है, तो व्यक्ति अच्छे-बुरे का फर्क भूल जाता है। अगर पत्नी हर बात पर गुस्सा करती है, तो घर का माहौल बिगड़ सकता है। ऐसे रिश्ते में कभी शांति और सुख नहीं आ पाते। इसलिए पत्नी को चाहिए कि वह शांत स्वभाव की हो और रिश्तों को प्यार से संभाले।
आदर्श पत्नी न केवल अपने पति का जीवन संवारती है, बल्कि पूरे घर की बुनियाद को मजबूत करती है। चाणक्य नीति में बताई गई बातें आज के समय में भी उतनी ही महत्वपूर्ण हैं। हर पुरुष और परिवार को चाहिए कि वे पत्नी के इन गुणों को समझें और एक सुखद व संतुलित जीवन की ओर कदम बढ़ाएं।