RSV से हर साल मरते है लाखों बच्चें, WHO ने पहली बार लॉन्च की वैक्सीन, जाने कब और कैसे लगवाएं

punjabkesari.in Friday, Jun 06, 2025 - 12:52 PM (IST)

नारी डेस्क: रेस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस (RSV) से हर साल लाखों बच्चे प्रभावित होते हैं। यह एक वायरल संक्रमण है जो खासकर श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचाता है। RSV न केवल शिशुओं और बच्चों को प्रभावित करता है बल्कि वयस्कों को भी इसका खतरा रहता है। इस वायरस के कारण सांस लेने में तकलीफ हो सकती है और गंभीर मामलों में अस्पताल में भर्ती की जरूरत पड़ सकती है।

RSV से होने वाली मौतें और अस्पताल में भर्ती

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया भर में 5 साल से कम उम्र के बच्चों में RSV के कारण लगभग 100,000 मौतें होती हैं। इसके अलावा 3.6 मिलियन से अधिक बच्चे RSV के कारण अस्पताल में भर्ती होते हैं। इन मौतों में से आधी से ज्यादा मौतें 6 महीने से कम उम्र के शिशुओं की होती हैं।

PunjabKesari

ये भी पढ़े: मां की लापरवाही ने कर दिया पेट में ही शिशु का ये हाल, डिलीवरी हुई तो बच्चे को देख डर गए परिवार वाले

WHO ने RSV से बचाव के लिए दी नई सिफारिश

RSV के कारण होने वाले गंभीर स्वास्थ्य खतरों को देखते हुए, WHO ने पहली बार शिशुओं को इस वायरस से बचाने के लिए दो खास उपायों को वैश्विक स्तर पर अपनाने की सिफारिश की है। यह सिफारिश गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के लिए प्रभावी टीकाकरण के रूप में की गई है।

WHO की सिफारिश के अनुसार दो वैक्सीन

मैटरनल वैक्सीन: यह गर्भवती महिलाओं को उनकी तीसरी तिमाही में दी जाती है, जिससे उनका शिशु जन्म के बाद RSV संक्रमण से सुरक्षित रहता है।
मोनोक्लोनल एंटीबॉडी (MABs): यह वैक्सीन नवजात शिशुओं को RSV सीजन से ठीक पहले या सीजन के दौरान दी जा सकती है, ताकि उन्हें वायरस से लंबे समय तक सुरक्षा मिल सके।

PunjabKesari

वैक्सीन से क्या लाभ होंगे?

WHO द्वारा अनुशंसित यह टीकाकरण RSV से होने वाली गंभीर बीमारियों को रोकने में मदद करेगा। इससे अस्पताल में भर्ती होने वाले बच्चों की संख्या कम होगी और RSV से होने वाली मौतों में भी भारी गिरावट आएगी। इन वैक्सीन के माध्यम से विश्व स्तर पर कई शिशुओं की जान बचाई जा सकती है।

ये भी पढ़े: गर्मियों की छुट्टियों में बच्चों को घर पर सिखाएं ये 5 काम, खेल-खेल में सीखेंगे

RSV क्या है?

मायो क्लिनिक के अनुसार, RSV एक ऐसा वायरस है जो फेफड़ों और श्वसन तंत्र को संक्रमित करता है। यह संक्रमण बहुत आम है और अधिकांश बच्चे 2 साल की उम्र तक इससे संक्रमित हो चुके होते हैं। वयस्कों को भी यह वायरस संक्रमित कर सकता है, लेकिन ज्यादातर मामलों में लक्षण हल्के होते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में यह सांस लेने में गंभीर दिक्कत पैदा कर सकता है।

बच्चों में RSV के लक्षण

सांस छोटी, उथली और तेज होना
सांस लेने में कठिनाई महसूस होना
लगातार खांसी आना
सही तरीके से खाना न खाना या पोषण न मिलना
असामान्य थकान या सुस्ती महसूस होना
चिड़चिड़ापन और बेचैनी

PunjabKesari

RSV से बचाव के उपाय

RSV से बचाव के लिए स्वच्छता का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। बच्चों को भीड़-भाड़ वाले स्थानों से दूर रखना चाहिए, खासकर RSV सीजन में। WHO द्वारा सुझाई गई वैक्सीन गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के लिए सुरक्षा की सबसे अच्छी राह है। इसके अलावा, हाथ धोना और संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाना भी जरूरी है।

इस गंभीर संक्रमण से बचाव के लिए जागरूकता बढ़ाना और WHO की वैक्सीन सिफारिशों को अपनाना बेहद आवश्यक है ताकि RSV से होने वाली मौतों और गंभीर बीमारियों को रोका जा सके।

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

PRARTHNA SHARMA

Related News

static