भगवान श्री सत्य साईं बाबा के 100वें जन्मोत्सव समारोह पर पहुंची ऐश्वर्या राय, PM मोदी भी होंगे शामिल
punjabkesari.in Wednesday, Nov 19, 2025 - 10:43 AM (IST)
भारत भर में भक्ति और सेवा के प्रतीक श्री सत्य साईं बाबा की जन्म शताब्दी इस साल धूमधाम से मनाई जा रही है। दुनिया के कोने-कोने में मौजूद उनके लाखों भक्त इस पावन अवसर को यादगार बना रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्री सत्य साईं बाबा के शताब्दी समारोह में भाग लेने के लिए आंध्र प्रदेश का दौरा करेंगे।यात्रा से पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि श्री सत्य साईं बाबा का जीवन और सामुदायिक सेवा तथा समाज के आध्यात्मिक जागरण के प्रति उनके प्रयास पीढ़ियों के लिए एक मार्गदर्शक प्रकाश बने रहेंगे।

पुट्टपर्थी में श्री सत्य साईं बाबा के जन्मोत्सव पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- "मैं पुट्टपर्थी में श्री सत्य साईं बाबा के जन्मोत्सव पर हार्दिक बधाई देता हूं। उनका जीवन और सामुदायिक सेवा तथा समाज के आध्यात्मिक जागरण के प्रति उनके प्रयास पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक बने हुए हैं। मुझे पिछले कई वर्षों में उनसे बातचीत करने और उनसे सीखने के कई अवसर मिले हैं। " पीएम मोदी बुधवार सुबह आंध्र प्रदेश पहुंचेंगे और पुट्टपर्थी, आंध्र प्रदेश में भगवान श्री सत्य साईं बाबा के पवित्र मंदिर और महासमाधि पर जाकर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे। इस अवसर पर, वह भगवान श्री सत्य साईं बाबा के जीवन, शिक्षाओं और उनकी स्थायी विरासत का सम्मान करते हुए एक स्मारक सिक्का और डाक टिकटों का एक सेट जारी करेंगे।

इससे पहले अभिनेत्री ऐश्वर्या राय और क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर श्री सत्य साईं शताब्दी समारोह में भाग लेने के लिए पुट्टपर्थी पहुंचे। इस दौरान ऐश्वर्या राय ने साईं कुलवंत हॉल स्थित श्री सत्य साईं बाबा की महासमाधि पर पूजा-अर्चना की। पवित्र साईं कुलवंत हॉल में कल वेदमंत्रोच्चार के बाद, श्री एबी वी और सुश्री अंतरा नंदी द्वारा “सुरांजलि” नामक एक विशेष संगीतमय प्रस्तुति दी गई। उनकी भावपूर्ण प्रस्तुतियों ने वातावरण को और भी समृद्ध कर दिया, हृदय को भक्ति से भर दिया और प्रत्येक श्रोता को भगवान की गहरी स्मृति में खींच लिया।

भजनों और मंगला आरती के साथ शाम का समापन श्रद्धापूर्वक हुआ, जिससे इस शांत संगीतमय प्रस्तुति का आनंदमय समापन हुआ। सत्य साईं बाबा का जन्म 23 नवंबर 1926 को आंध्र प्रदेश के पुट्टपर्थी गांव में सत्यनारायण राजू के रूप में हुआ था। उन्होंने मात्र 14 वर्ष की अल्पायु में, 20 अक्टूबर 1940 को, स्वयं को शिरडी के साईं बाबा का अवतार घोषित किया और अपना जीवन लोगों की सेवा में समर्पित कर दिया था।

1950 में, उनके 25वें जन्मदिन पर, पुट्टपर्थी में उनके मुख्य आश्रम ‘प्रशांति निलयम’ की स्थापना हुई, जो आज करोड़ों भक्तों का केंद्र है। सत्य साईं बाबा का दर्शन बहुत ही सरल और मानवतावादी था. उनकी शिक्षाएं पांच मानव मूल्यों (सत्य, धर्म, शांति, प्रेम, अहिंसा) पर आधारित हैं, जिन्हें उन्होंने ‘पंचशील’ कहा। उन्होंने सत्य (सत्यनिष्ठा), धर्म (सही आचरण), शांति, प्रेम (करुणा) और अहिंसा को जीवन का आधार बताया. उनका कहना था कि इन मूल्यों को दैनिक जीवन में शामिल करने से ही समाज में नैतिकता और भाईचारा स्थापित होगा।

