सावधान! अगर आप भी Pet lover हैं, तो जरूर पढ़ लें ये खबर
punjabkesari.in Saturday, Dec 27, 2025 - 04:19 PM (IST)
नारी डेस्क : रेबीज एक बेहद गंभीर और जानलेवा वायरल बीमारी है, जिससे हर साल दुनिया भर में हजारों लोगों की मौत हो जाती है। आमतौर पर लोग जानते हैं कि कुत्ते या किसी संक्रमित जानवर के काटने से रेबीज फैलता है, लेकिन कई लोगों के मन में यह सवाल भी उठता है कि क्या कुत्ते के जूठे खाने या दूध पीने से भी रेबीज हो सकता है? आइए, इस पूरे विस्तार से समझते हैं।
कैसे फैलता है रेबीज?
एक्सपर्ट्स के अनुसार, रेबीज वायरस मुख्य रूप से संक्रमित जानवर की लार में मौजूद होता है। यह वायरस तब इंसान के शरीर में प्रवेश करता है, जब कोई संक्रमित कुत्ता, बिल्ली या अन्य जानवर काटता है और उसकी लार खुले घाव, कट या खरोंच के संपर्क में आती है। यही कारण है कि रेबीज फैलने का सबसे बड़ा और आम कारण जानवर का काटना माना जाता है। डॉक्टरों का कहना है कि अगर किसी व्यक्ति को कुत्ते या अन्य जानवर ने काट लिया है, तो 24 घंटे के अंदर एंटी-रेबीज वैक्सीन लगवाना बेहद जरूरी होता है। समय पर टीकाकरण से वायरस शरीर में फैलने से पहले ही नष्ट हो जाता है और जान बचाई जा सकती है।

क्या कुत्ते के जूठे खाने से हो सकता है रेबीज?
इस सवाल को लेकर लोगों में काफी भ्रम है। एक्सपर्ट्स साफ तौर पर बताते हैं कि कुत्ते के जूठे खाने या दूध पीने से रेबीज फैलने का कोई वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित मामला अब तक सामने नहीं आया है, खासकर तब जब भोजन या दूध उबला हुआ हो। यदि दूध को 50 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान पर उबाला गया है, तो उसमें मौजूद रेबीज वायरस नष्ट हो जाता है और संक्रमण का खतरा नहीं रहता। हालांकि, अगर किसी व्यक्ति ने कच्चा दूध पी लिया हो और दूध को जूठा करने वाला कुत्ता संदिग्ध या असामान्य व्यवहार कर रहा हो, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी हो जाता है।
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जूठे खाने से जुड़ा मामला क्यों बना चिंता का कारण?
कुछ समय पहले छत्तीसगढ़ के एक स्कूल में बच्चों को कुत्ते का जूठा खाना परोसे जाने का मामला सामने आया था, जिसके बाद हड़कंप मच गया। एहतियात के तौर पर सभी बच्चों को एंटी-रेबीज वैक्सीन का पूरा कोर्स दिया गया और हाईकोर्ट ने प्रत्येक बच्चे को मुआवजा देने के निर्देश भी दिए। हालांकि, यह कदम सावधानी और सुरक्षा के लिहाज से उठाया गया था, क्योंकि रेबीज एक जानलेवा बीमारी है और इसमें किसी भी तरह का रिस्क नहीं लिया जाता।

एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?
डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि रेबीज वायरस बाहरी वातावरण में ज्यादा देर तक जीवित नहीं रह पाता और जल्दी नष्ट हो जाता है। आज तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है, जिसमें यह वायरस पेट के जरिए शरीर में जाकर रेबीज का कारण बना हो। हालांकि, अगर किसी व्यक्ति के मुंह में छाले, कट या घाव हों और उसने कच्चा दूध या संदिग्ध भोजन लिया हो, तो संक्रमण का जोखिम सैद्धांतिक रूप से हो सकता है। ऐसे मामलों में घबराने की बजाय तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। टीका लगवाना है या नहीं, इसका फैसला डॉक्टर जांच के बाद करते हैं।
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कुत्ते के काटने से रेबीज फैलने का खतरा सबसे ज्यादा होता है, जबकि कुत्ते के जूठे खाने या उबला हुआ दूध पीने से रेबीज होने की पुष्टि नहीं है। फिर भी, किसी भी संदिग्ध स्थिति में लापरवाही न बरतें और तुरंत मेडिकल सलाह जरूर लें, क्योंकि रेबीज में देरी जानलेवा साबित हो सकती है।

