पहले एक थप्पड़ ने सबकुछ बर्बाद कर दिया फिर बहन और पति ने मिलकर उजाड़ दी जिंदगी

punjabkesari.in Wednesday, Oct 05, 2022 - 05:42 PM (IST)

बॉलीवुड में सिर्फ हीरो-हीरोइन का पॉजीटिव किरदार निभाने वाले स्टार्स ही फैंस के दिलों पर राज नहीं करते बल्कि इंडस्ट्री में खलनायक और नेगेटिव किरदार निभाकर भी बहुत से कलाकारों ने दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई। उन्हीं में से एक थी क्रूर सास का रोल निभाने वाली ललिता पवार जिन्होंने ज्यादातर फिल्मों में अपना खलनायक रूप ही फैंस को दिखाया लेकिन असल जिंदगी में जो ललिता पवार के साथ हुआ वह किसी के साथ भी ना हो। पहले किस्मत ने जोरदार तमाचा मारा और फिर बहन ने बसा-बसाया घर उजाड़ दिया चलिए आज उन्हीं के लाइफस्टोरी के कुछ किस्से आपको सुनाते हैं।

क्रूर सास बनकर घर-घर में बनाई थी पहचान

क्रूर सास बनकर घर-घर में पहचान बनाने वाली ललिता की जिंदगी पहले ऐसी नहीं थी उनकी पूरी जिंदगी तो एक थप्पड़ ने बदलकर रख दी थी लेकिन बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। रामायण में मंथरा के किरदार से भी उन्होंने घर-घर अपनी अलग पहचान बनाई। शायद ही कोई उनके किरदार को भुला पाए। हालांकि इस किरदार से फैंस के मन में उनके लिए गुस्सा और क्रूरता आ गई थी क्योंकि उनके नेगेटिव किरदार ने दर्शकों के मन में वैसी ही छवि बनाई थी लेकिन ये तो उनका काम था।
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कभी स्कूल नहीं गई थी ललिता

ललिता का जन्म 18 अप्रैल 1916 को नासिक में एक मराठी परिवार में हुआ और बचपन में ही उन्हें एक्टिंग करने का मौका मिल गया था। ललिता का असली नाम अंबा लक्षमण राव शगुन था और उनके पिता लक्षमण राव शगुन एक अमीर बिजनेसमैन थे जो कॉटन व सिल्क का काम करते थे लेकिन इसके बावजूद वह कभी स्कूल नहीं गई क्योंकि उस समय लड़कियों को स्कूल भेजना का रिवाज ही नहीं था।

पहली बार उन्होंने 9 साल की उम्र में एक्टिंग की शुरुआत एक मूक फिल्म से की थी जिसके लिए उन्हें 18 रु. मिले थे और इस तरह उन्हें आगे से आगे काम मिलता गया। ललिता की कामयाबी का सफर जारी था कि एक दिन सब बदल गया। वह साल 1942 में फिल्म  ‘जंग-ए-आजादी’ के एक सीन की शूटिंग कर रही थीं और उस दौरान एक्टर  भगवान दादा को ललिता को एक थप्पड़ मारना था लेकिन उन्होंने ललिता को इतना जोरदार थप्पड़ मारा कि वह बेहोश हो गई और उनके कान से खून बहने लगा और इलाज के दौरान डॉक्टर से उन्हें गलत दवा दी जाने के चलते शरीर के दाहिने हिस्से को लकवा मार गया और इसी के चलते उनकी दाहिनी आंख पूरी तरह से सिकुड़ गई और चेहरा खराब हो गया। ललिता को ठीक होने में काफी समय लग गया इस तरह से उन्हें हीरोइन के रूप में काम मिलना बंद हो गया लेकिन ललिता ने खुद को संभालते हुए दोबारा नए सिरे से शुरुआत की लेकिन अब उन्हें हिरोइन की जगह नेगेटिव किरदार मिलने लगे। उन्होंने अपनी एक मुंदी आंख के साथ ही निर्देशक एस.एम. यूसुफ की फिल्म ‘गृहस्थी’ से वापिसी की। 
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पर्सनल लाइफ में झेले बहुत दुख

ललिता बस काम करना चाहती थी इसलिए वह कोई रोल गंवाना नहीं चाहती थी इसलिए उन्हें जालिम, धोखेबाज, झगड़ालुु सास जैसे ही रोल किए और लोगों ने पसंद भी किया और उन्होंने सैकड़ों फिल्मों में काम किया। लेकिन प्रोफेशनल की तरह पर्सनल लाइफ में भी उन्हें बहुत दुख मिले और ये दुख किसी और ने नहीं उनके पति और सगी बहन ने ही दिए जो उनकी सौतन बन बैठी थी। उनके पति गणपत राव पवार ने उन्हें धोखा दिया जिसमें उनकी बहन भी शामिल रही। गणपत को ललिता की छोटी बहन से प्यार हो गया जिसके लिए उन्होंने ललिता को छोड़ दिया। ललिता ने इस दुख को भी स्वीकारा और अपनी लाइफ में आगे बढ़ी और उन्होंने निर्माता राज प्रकाश गुप्ता से शादी की। करीब 700 फिल्मों में काम करने वाली ललिता का आखिरी समय भी दुखों से ही घिरा रहा। ललिता ने  पूणे में अपने छोटे बंगले में अकेलपन में ही आंखे मूद ली। उस समय उनके पति राज प्रकाश अस्पताल में भर्ती थे और बेटा अपने परिवार के साथ मुंबई में था। बेटे को उनकी मौत की खबर तीन दिन बाद मिली जब उन्होंने मां को फोन किया लेकिन किसी ने फोन उठाया नहीं। आनन-फानन में पुलिस ने घर का दरवाजा तोड़ा तो ललिता पवार की बॉडी गली सड़ी अवस्था में मिली। इस तरह आखिरी समय में इंडस्ट्री पर राज करने वाली ललित अकेलेपन में ही दुनिया को अलविदा कह गई।

बॉलीवुड के चकाचौध भरी इस इंडस्ट्री के पीछे की सच्चाई कुछ और ही है। ऐसे बहुत से कलाकार है जो आखिरी समय में बिलकुल अकेले पड़ गए और उन्हें पूछने वाला कोई नहीं रहा।
 


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Content Writer

Vandana

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