गोरे नहीं काले लोगों को कोरोना का खतरा ज्यादा, जानिए क्या कहती है रिसर्च?
punjabkesari.in Tuesday, Jun 09, 2020 - 11:21 AM (IST)
कोरोना वायरस की चपेट में बुजुर्गों, बच्चों के अलावा कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग भी आसानी से आ रहे हैं। इसके अलावा जो लोग पहले से ही किसी बीमारी, जैसे अस्थमा, डायबिटीज, ऑटोइम्यून डिसीज, ब्लड प्रेशर या दिल की बीमारी से ग्रस्त है उन्हें भी कोरोना होने का खतरा अधिक है। वहीं हाल ही में हुई पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड की एक स्टडी में सामने आया है कि डार्क स्किन टोन के लोगों को कोरोना का खतरा अधिक है।
रिपोर्ट के मुताबिक, डार्क स्किन टोन वाले लोगों की मृत्यु की दर गोरे लोगों की मृत्युदर के मुकाबले दोगुनी है। डेटा के मुताबिक, डार्क स्किन कलर और एशियन नेटिव लोगों की संख्या कोरोना संक्रमितों में सबसे अधिक है। वहीं, हर एक लाख लोगों में कोरोना के जितने केस मिले, उनमें डार्क स्किन टोन के लोग अधिक है।
डार्क स्किन वाली महिलाओं को 3 गुणा खतरा
रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि गोरे रंग की तुलना में डार्क स्किन टोन वाली महिलाओं की संख्या करीब 3 गुनी ज्यादा है। वहीं यदि गोरे की महिलाओं की तुलना एशियन कंट्री की महिलाओं या मिक्स स्किन टोन की महिलाओं से की जाए तो वाइट स्किन टोन वाली महिलाओं की संख्या में इन महिलाओं में कोरोना का संक्रमण 1.6 प्रतिशत ज्यादा है।
क्यों हो रही हैं डार्क स्किन के लोगों की मृत्यु?
ऑफिस फॉर नैशनल स्टेटिसटिक्स (ONS) की गणना के अनुसार, कोविड से मरने वाले मरीजों में डार्क स्किन वाले लोगों की कुल संख्या 4 गुना अधिक है। सिर्फ भारत व यूके में बल्कि यूएस में भी डार्क स्किन टोन वाले लोग कोरोना की चपेट में अधिक आ रहे हैं। हालांकि इस बात का अभी कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिल पाया कि एशियन व अफ्रीकन मूल के लोगों में कोरोना संक्रमण का अधिक खतरा क्यों है।
कुछ सामान्य कारण
-इसका एक कारण तो सामाजिक और बायॉजिकल है।
-वहीं रिसर्च के मुताबिक, Vitamin-D की कमी भी कोरोना का कारण बनती है और डार्क स्किन टोन वाले लोगों में विटामिन डी की कमी अधिक होती है। गोरे रंग के लोगों को 15 मिनट में जरूरत के हिसाब से विटमिन-डी मिलता है तो डार्क स्किन टोन वालों को कम से कम 35 से 40 मिनट का सन एक्सपोजर चाहिए होता है।
कमजोर इम्यून सिस्ट्म भी है कारण
कोरोना वायरस को लेकर अभी तक जितनी भी रिसर्च सामने आईं हैं, उसमें हेल्थ एक्सपर्टस साफतौर पर कहा गया है कि कोरोना संक्रमण का कारण कमजोर इम्यून सिस्टम और विटामिन डी की कमी है।
बता दें कि रिपोर्ट में यह साफ कहा गया है कि इस स्टडी का मकसद रंगभेद को बढ़ावा देना नहीं बल्कि रीजन और स्किन कलर के आधार पर ह्यूमन लाइफ पर कोरोना के प्रभाव को समझना है।