पंजाब को अलर्ट! भाखड़ा डैम से छोड़ा जाएगा पानी, बोर्ड ने लिया फैसला

punjabkesari.in Thursday, Sep 04, 2025 - 06:19 PM (IST)

 नारी डेस्क: पंजाब में भारी बारिश के बाद बांधों की स्थिति चिंताजनक हो गई है। भाखड़ा डैम का जलस्तर खतरे के निशान से महज एक फीट कम होने के कारण गुरुवार को भाखड़ा-व्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) की तकनीकी कमेटी ने लगातार दूसरे दिन अहम बैठक की। बैठक के बाद बड़ा फैसला लिया गया कि भाखड़ा डैम से पहले तय 75 हजार क्यूसेक के बजाए, 85 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा।

क्यों बढ़ाया गया पानी छोड़ने का फैसला?

गुरुवार को भाखड़ा डैम का जलस्तर 1679 फीट पर पहुंच गया, जो खतरे के निशान के बहुत करीब है। डैम के जलाशय में गुरुवार को 95,435 क्यूसेक पानी की आवक (पानी का आना) दर्ज हुई, जबकि डैम से 75 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था।

BBMB की तकनीकी कमेटी ने सतलुज नदी से सटे इलाकों को थोड़ी राहत देते हुए एक साथ में दस हजार क्यूसेक पानी बढ़ाने के बजाय, हर दो घंटे बाद 2 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने का फैसला लिया। शाम लगभग 7 बजे तक डैम से छोड़े जाने वाले पानी की कुल मात्रा 85 हजार क्यूसेक पर पहुंच गई, जो दोपहर 2 बजे 75,000 क्यूसेक थी।

अन्य बांधों की क्या है स्थिति?

भाखड़ा डैम के अलावा, पौंग डैम और रणजीत सागर डैम के जलाशयों का जलस्तर भी खतरे के निशान से अधिक हो चुका है। इस कारण व्यास, रावी और सतलुज नदियों में अतिरिक्त पानी छोड़े जाने से तीनों प्रमुख नदियां उफान पर हैं।

पौंग डैम का रिकॉर्ड

इस साल पौंग डैम ने भी लगातार नए रिकॉर्ड बनाए। मानसून सीजन खत्म होने के बाद पहली बार पौंग डैम का जलस्तर खतरे के निशान से 14.51 फीट अधिक था। 3 सितंबर को डैम के जलाशय में रिकॉर्ड 1 लाख 32 हजार 595 क्यूसेक पानी की आवक दर्ज की गई, जो एक हैरान कर देने वाला आंकड़ा है। इसके बाद BBMB की तकनीकी कमेटी के निर्देश पर डैम से 91 हजार 167 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।

रणजीत सागर डैम की स्थिति

रणजीत सागर डैम में खतरे का निशान 537 मीटर पर है, लेकिन गुरुवार को डैम के जलाशय का जलस्तर 527.05 मीटर हो गया। इस स्थिति में डैम से करीब 70 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने का निर्णय लेना पड़ा। अधिकारिक जानकारी के अनुसार डैम के जलाशय में गुरुवार को 78,193 क्यूसेक पानी की आवक दर्ज की गई।

क्या होगा असर?

इन तीनों बड़े बांधों से अचानक इतना अधिक पानी छोड़े जाने से व्यास, रावी और सतलुज नदियों के किनारे बसे इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। प्रशासन ने नदी के किनारे बसे गांवों के लोगों को सतर्क कर दिया है और नदी के करीब न जाने की सलाह दी है।

बिजली उत्पादन के लिए भी ये बांध महत्वपूर्ण हैं, लेकिन बाढ़ की स्थिति को देखते हुए बोर्ड को यह कठिन फैसला लेना पड़ा है। अधिकारी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और जरूरत पड़ने पर और भी पानी छोड़ा जा सकता है। 
 
 
 

 

 


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Content Editor

Priya Yadav

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