खाने में यह तेल इस्तेमाल करना भारी पड़ेगा, FSSAI ने बताया कौन सा तेल है हेल्दी
punjabkesari.in Thursday, Nov 13, 2025 - 09:31 AM (IST)
नारी डेस्क: आज के समय में खाने में इस्तेमाल होने वाला तेल हमारी सेहत पर बहुत बड़ा असर डालता है। ज्यादा तेल वाला खाना सिर्फ मोटापा नहीं बढ़ाता बल्कि डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल, हृदय रोग और यहां तक कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकता है। इसलिए विशेषज्ञ और FSSAI (फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया) दोनों ही कम तेल का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं।
ज्यादा तेल खाने से क्या खतरे हैं?
डॉक्टर के अनुसार, डीप फ्राइड या बार-बार गर्म किया गया तेल बेहद हानिकारक होता है। इसमें जहरीले तत्व बन जाते हैं जो शरीर के लिए नुकसानदायक होते हैं। इससे दिल की बीमारियां, मोटापा, कोलेस्ट्रॉल बढ़ना और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लोगों से अपील कर चुके हैं कि अपने खाने में तेल की मात्रा 10% तक कम करें ताकि सेहत बनी रहे और गंभीर बीमारियों से बचा जा सके।
नकली घी का जखीरा हजारों लीटर नकली घी तैयार किया जा रहा है ,
— खुरपेंची स्वास्थ्य (@Khurpenchhealth) October 29, 2025
हमारे और आपको घरों में कैंसर नकली घी के रूप में पहुंच रहा है।
लेकिन जब तक FSSAI के अधिकारी सोकर उठेंगे आधा भारत कैंसर युक्त हो चुका होगा !! pic.twitter.com/V3MXf3Cxvj
खाना बनाने में तेल कैसे कम करें?
FSSAI और एक्सपर्ट्स की सलाह है कि खाना पकाने के तरीके बदलें। तलने के बजाय ग्रिलिंग, बेकिंग, स्टीमिंग या कम तेल में पकाने के विकल्प अपनाएं।
स्टीमिंग और बेकिंग: भोजन हल्का, स्वादिष्ट और पचने में आसान बनता है।
ग्रिलिंग और सॉटे: स्वाद भी बना रहता है और तेल की मात्रा कम रहती है।
हर डिश के लिए अलग तेल का इस्तेमाल करें
पोहा: तिल का तेल
दोपहर की सब्जी: सरसों का तेल
दाल: थोड़ा सा घी
रात की सब्जी: सूरजमुखी का तेल
बेस्ट कुकिंग ऑयल
FSSAI के अनुसार, अलग-अलग तेलों का बारी-बारी से इस्तेमाल करना शरीर के लिए फायदेमंद है क्योंकि इससे सभी तरह के फैटी एसिड और पोषक तत्व मिलते हैं। स्वास्थ्य और स्वाद दोनों के लिए ये तेल उपयोगी हैं:
FSSAI = Food Safety Scam Authority of India
— खुरापात (@KHURAPATT) September 15, 2025
👉 जहाँ लाइसेंस बिकते हैं, और जनता के पेट में ज़हर घुलता है।
मिलावट माफ़िया मिलावटी दूध, तेल, मसाले बेचते हैं,और FSSAI की फाइलों में सब “स्टैंडर्ड” लिखा मिलता है।
अमेरिका-यूरोप में कंपनीज़ प्योर बनाती हैं,
भारत में वही पेस्टिसाइड +… pic.twitter.com/CcPYXbPht1
सूरजमुखी तेल
कुसुम तेल
बिनौला तेल
राइस ब्रान ऑयल
तेल की मात्रा कम करके और सही प्रकार के तेल का चयन करके आप अपने स्वास्थ्य को गंभीर बीमारियों से बचा सकते हैं। याद रखें, "Health is wealth" – असली दौलत आपकी सेहत है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी दवा या इलाज का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।

