सूर्य नमस्कार करके उम्र भर दिखें जवां, 15 दिन में कम होगा वजन
punjabkesari.in Thursday, Jun 04, 2020 - 12:28 PM (IST)
बहुत से लोग आज जिम में वर्कआउट करने से ज्यादा योग करना पसंद करते हैं। योग करके आप शरीर की हर परेशानी से निजात पा सकते हैं। आम शारीरिक समस्याओं से लेकर कैंसर जैसे रोगों से योग आपको बचाता है। बहुत से लोगों ने तो योग के जरिए कैंसर जैसी बीमारी से पूरी तरह निजात पा लिया है। सूर्यनमस्कार योग का एक अहम हिस्सा है, 15 दिन लगातार सूर्यनमस्कार करके आप 1 से 2 किलो वजन तक कम कर सकते हैं। बॉडी फैट कम करने के अलावा सूर्यासन शरीर को लचीला बनाने में भी आपकी मदद करता है.. आइए जानते हैं सूर्य नमस्कार के अन्य फायदे...
उम्र भर दिखेंगे जवान
सूर्यनमस्कार से आपकी बॉडी फिट और एक्टिव बनती है। मसल्स स्ट्रेच होने की वजह से आपका शरीर की शेप हमेशा सही बनी रहती है। साथ ही त्वचा पर भी ग्लो बना रहता है, जिससे आप जल्द बूढ़े नहीं दिखाई देते।
स्ट्रांग होगा पाचन तंत्र
सूर्य नमस्कार करने से पेट की मांसपेशियों में खिंचाव पैदा होता है, जिससे आपका पाचन तंत्र मजबूत बनता है। इसे रोजाना करने से आपको भूख अच्छी लगती है और खाया-पिया भोजन अच्छे से डाइजेस्ट भी हो जाता है। जिससे आपका वजन बढ़ता नहीं।
पेट होता है कम
कुछ ही दिनों में पेट कम करने के लिए सूर्यनमस्कार एक बेहतरीन आसन है। जब आप इस आसन को करते हैं तो पेट में पूरी तरह खिंचाव पैदा होता है, जिससे पेट और कमर के आसपास की चर्बी जल्द पिघलने लगती है।
फेफड़ों को मिलती है फ्रेश एयर
सुबह खुली हवा में सूर्यनमस्कार करने से फेफड़े हेल्दी बनते हैं। फेफड़ो को फ्रेश हवा मिलती है, जिससे वह खुलकर सांस ले पाते हैं। पूरे शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह सही ढंग से जब होगा, तो आपके फेफड़े हमेशा स्वस्थ और शरीर हेल्दी रहेगा।
तनावमुक्त जीवन
अगर आपको दिन भर का काम करते वक्त तनाव महसूस होता है, तो अपने दिन की शुरुआत सूर्यनमस्कार के साथ करें। आपको दिन भर इसका पॉजिटिव असर महसूस होगा।
पीरियड्स की समस्या होगी दूर
जिन औरतों को समय पर पीरियड्स नहीं होते या फिर अधिक ब्लीडिंग की परेशानी रहती है, उनके लिए भी यह आसन काफी लाभदायक होता है। इसे रुटीन में करने से पीरियड्स में होने वाले असहनीय दर्द से भी राहत मिलती है, बस ध्यान रखें उन 4-5 दिनों के दौरान आपको सूर्यासन नहीं करना होता।
किन लोगों को नहीं करना चाहिए सूर्यनमस्कार
- जिनके पीठ में अधिक दर्द रहता है, उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए।
- गर्भवती महिला को 3 महीने के बाद इसे नहीं करना चाहिए।
- जिन्हें सर्वाइकिल प्रॉबल्म की वजह से चक्कर आते हैं, उन्हें भी शुरूआत में इसे नहीं करना चाहिए।
- पीरियड्स के दौरान महिलाएं यह आसन न करें, उन दिनों अनु-लोम-विलोम और हल्की कपालभाति कर सकते हैं।