Side-Effect: लॉकडाउन के कारण संकट में Zoo, एक-दूसरे का भोजन बनेंगे जानवर
punjabkesari.in Thursday, Apr 16, 2020 - 03:06 PM (IST)
कोरोना वायरस के कारण सिर्फ इंसानों पर ही नहीं बल्कि जानवरों पर भी मुसीबत के बादल छा रहे हैं। कोरोना को फैलने से रोकने के लिए कंपलीट लॉकडाउन कर दिया गया है लेकिन इसकी वजह से जीव-जंतु भूखे मर रहे हैं। सिर्फ अवारा जानवर ही नहीं बल्कि चिड़ियाघर (Zoo) में बंद जानवर भी इस परेशानी को झेल रहे हैं।
जी हां, जर्मनी के राष्ट्रीय चिड़ियाघर के प्रबंधकों का कहना है कि लॉकडाउन के कारण वो चिड़ियाघर, कई अन्य व्यवसायों के विपरीत हाइबरनेशन में नहीं जा सकते हैं। जबकि चिड़ियाघरों में जानवरों को प्रतिदिन खाना और उनकी देखभाल करना करना जरूरी है।
चिड़ियाघर के प्रबंंधको का कहना है कि मौजूदा समय में खर्च को मैनेज करने के लिए 1 अप्रैल से 230 कर्मचारियों में से 70% को 3 महीने की छुट्टी पर भेज दिया है। मगर, इसकी वजह से जानवरों के खान-पान को लेकर समझौता मुश्किल होता जा रहा है।
यही नहीं, चिड़ियाघरों में कुछ जानवरों को जिंदा रखने के लिए अन्य जानवरों को उनका भोजन बनाना पड़ सकता है। न्यूमुन्स्टर ज़ू (Neumünster Zoo) के निदेशक वेरना कास्परी (Verena Kaspari) ने कहा कि उन्होंने उन जानवरों की सूची बना ली है, जिन्हें पहले मारकर अन्य जानवरों का भोजन बनाना है। उन्होंने कहा कि पेंगुइन को दैनिक आधार पर बड़ी मात्रा में ताजी मछलियों की जरूरत होती है। चिड़ियाघरों में सबसे बुरा यही होने वाला है कि कुछ जानवरों को दूसरों को खिलाना होगा।
उन्होंने कहा कि चूंकि न्यूमनस्टर एक संघ से संबंधित है और छोटे व्यवसायों के लिए राज्य आपातकालीन निधि से वित्तीय सहायता प्राप्त करने का हकदार नहीं है, इसलिए चिड़ियाघर को कम विकल्पों के साथ छोड़ दिया गया है। जानवरों को मारने का विकल्प चिड़ियाघर की वित्तीय समस्या को हल नहीं करेगा इसलिए उन्होंने इसके लिए चांसलर एंजेला मर्केल से 100 मिलियन यूरो की मदद देने का आग्रह किया है। चिड़ियाघर के निदेशक ने इस महामारी के चलते बसंत के दौरान $ 200,000 के नुकसान का अनुमान लगाया।