गंदे दांत और डायबिटीज का है गहरा कनेक्शन, छोटी सी लापरवाही आपको उम्र भर के लिए बना देगी बीमार
punjabkesari.in Thursday, Oct 30, 2025 - 02:07 PM (IST)
नारी डेस्क: हममें से ज़्यादातर लोग मानते हैं कि ओरल हाइजीन (Oral Hygiene) यानी सिर्फ दांत साफ रखना, लेकिन सच्चाई ये है कि मुंह की सेहत पूरे शरीर की सेहत से जुड़ी होती है। अगर मसूड़े और दांत अस्वस्थ हैं, तो उनके ज़रिए बैक्टीरिया पूरे शरीर में फैलकर डायबिटीज, हार्ट डिज़ीज़ और लंग इंफेक्शन जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। यहां समझिए कैसे।
मसूड़ों का संक्रमण और डायबिटीज का रिश्ता
जब मसूड़ों में सूजन या पेरियोडोंटल डिजीज (Periodontal Disease) होती है, तो शरीर में इंफ्लेमेशन (सूजन) बढ़ता है। यही सूजन इंसुलिन रेज़िस्टेंस को बढ़ाकर ब्लड शुगर कंट्रोल को बिगाड़ देती है। इससे डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है, या जिन लोगों को पहले से डायबिटीज है, उनका शुगर लेवल और अस्थिर हो जाता है। डेंटल डॉक्टर मानते हैं- अगर मसूड़ों का संक्रमण कंट्रोल में रहे, तो डायबिटीज पेशेंट का ब्लड शुगर भी बेहतर रहता है।
गंदे दांत और हार्ट अटैक का कनेक्शन
मुंह में मौजूद बैक्टीरिया और प्लाक जब खून में जाते हैं, तो वे धमनियों (Arteries) में जमकर उन्हें कठोर बना देते हैं। इससे ब्लड फ्लो कम होता है और हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। कई स्टडीज में पाया गया है कि गम डिजीज वाले लोगों को हार्ट डिजीज का खतरा लगभग 2 गुना ज़्यादा होता है। यानी, मसूड़ों की सूजन सिर्फ़ दर्द नहीं, बल्कि हार्ट पर सीधा वार भी कर सकती है।
ओरल इंफेक्शन और लंग प्रॉब्लम का संबंध
अगर मुंह में बैक्टीरिया ज़्यादा हैं, तो सांस लेते समय ये फेफड़ों तक पहुंच जाते हैं। इससे ब्रोंकाइटिस, निमोनिया या COPD जैसी फेफड़ों की बीमारियां ट्रिगर हो सकती हैं। बुज़ुर्गों या कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में यह असर और भी ख़तरनाक हो सकता है। खराब ओरल हेल्थ से मुंह से बदबू, मसूड़ों से खून आना, दांतों का ढीला होना या गिरना या खाने में दर्द और स्वाद कम होना भी हो सकता है।
कैसे बचें इन बीमारियों से
-दिन में दो बार ब्रश करें (सुबह और रात को)।
-हर 6 महीने में एक बार डेंटल चेकअप ज़रूर कराए।
-फ्लॉसिंग करें ताकि दांतों के बीच जमे बैक्टीरिया हटें।
-शुगर और जंक फूड कम करें।
-धूम्रपान से दूर रहें, क्योंकि यह मसूड़ों के संक्रमण को बढ़ाता है।

