बच्चे को रोज पैकेटबंद स्नैक्स खिलाना न पड़ जाए भारी, डैमेज हो सकता है शरीर का ये अहम हिस्सा

punjabkesari.in Tuesday, Jul 29, 2025 - 12:26 PM (IST)

नारी डेस्क: बच्चों को बिस्कुट, चिप्स, वेफर्स जैसे पैकेटबंद स्नैक्स अकसर चुप कराने, फटाफट कुछ खिलाने या स्कूल के टिफिन में डालने के लिए दे दिए जाते हैं। ये चीज़ें तुरंत तो बच्चों का पेट भर देती हैं, लेकिन धीरे-धीरे ये उनकी सेहत के लिए एक स्लो पॉइजन की तरह काम करती हैं। इनमें ज़्यादातर प्रिज़र्वेटिव्स, ट्रांस फैट और हानिकारक केमिकल होते हैं जो शरीर को लंबे समय में बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं।

लीवर पर पड़ता है सीधा असर

शरीर का जो हिस्सा सबसे ज्यादा प्रभावित होता है, वो है लीवर (Liver)। बिस्कुट और चिप्स में मौजूद ट्रांस फैट और प्रोसेस्ड शुगर लीवर को नुकसान पहुंचाते हैं। बच्चों का लीवर अभी पूरी तरह विकसित नहीं होता, ऐसे में यह खराब खाने को प्रोसेस नहीं कर पाता। लगातार ऐसा फूड खाने से बच्चों में फैटी लिवर जैसी बीमारी भी हो सकती है, जो पहले सिर्फ बड़ों में देखी जाती थी।

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इम्यून सिस्टम हो सकता है कमजोर

बिस्कुट और चिप्स जैसे जंक फूड में पोषक तत्वों की भारी कमी होती है। जब बच्चा रोज इन्हीं चीज़ों का सेवन करता है तो उसकी इम्युनिटी धीरे-धीरे कमजोर होने लगती है। नतीजा यह होता है कि बच्चा जल्दी-जल्दी बीमार पड़ने लगता है कभी सर्दी, कभी बुखार, कभी पेट खराब।

 पाचन तंत्र हो सकता है गड़बड़

इन चीज़ों में फाइबर की मात्रा बहुत कम होती है, जबकि बच्चों को पाचन के लिए फाइबर युक्त आहार की जरूरत होती है। रोज बिस्कुट और चिप्स खाने से बच्चों को कब्ज़, गैस, पेट दर्द और भूख न लगने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

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 मोटापा और डायबिटीज़ का खतरा

शोध बताते हैं कि जो बच्चे रोजाना प्रोसेस्ड फूड खाते हैं, उनमें बचपन से ही मोटापा और डायबिटीज़ जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। बिस्कुट और चिप्स में मौजूद हाई कैलोरी, शुगर और सॉल्ट तेजी से शरीर में फैट बढ़ाते हैं, जिससे बाद में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

बच्चे की भूख और स्वाद की आदतें बिगड़ जाती हैं

रोजाना चिप्स और बिस्कुट खाने वाले बच्चे धीरे-धीरे हेल्दी चीजों को खाना बंद कर देते हैं। उन्हें फल, सब्जी, दाल जैसे प्राकृतिक और पौष्टिक खाने में स्वाद नहीं आता। इससे उनकी खान-पान की आदतें बिगड़ जाती हैं और आगे चलकर उन्हें हेल्दी डाइट अपनाना मुश्किल हो जाता है।

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क्या करें पैरेंट्स? कुछ आसान उपाय

बच्चे को चिप्स की जगह घर पर बना भुना हुआ मखाना, चना या पोहा चिवड़ा दें। बिस्कुट की जगह घर में बना सुजी टोस्ट, फ्रूट स्लाइस, मूंग दाल चीला जैसे ऑप्शन ट्राय करें। धीरे-धीरे बच्चे की स्वाद की आदतों को बदलिए  जबरदस्ती नहीं, समझाकर। पैकेटबंद चीज़ें हफ्ते में सिर्फ एक बार दें, वो भी लिमिट में।

बच्चों की सेहत, आपकी ज़िम्मेदारी

बच्चों को बिस्कुट-चिप्स खिलाना जितना आसान है, उतना ही मुश्किल होता है उनसे होने वाले नुकसान को सुधारना। याद रखिए, बचपन की डाइट का असर पूरी ज़िंदगी पर पड़ता है। तो आज थोड़ा वक्त निकालिए, बच्चों को हेल्दी खाने की आदत डालिए और उनका लीवर और इम्यून सिस्टम बचाइए। क्योंकि सेहतमंद बचपन ही है एक खुशहाल भविष्य की नींव। 

  


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Content Editor

Priya Yadav

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