21 दिन खाना छोड़ दें गेहूं, शरीर में दिखेंगे ये जबदस्त फायदे, कई बीमारियां दूर होगी
punjabkesari.in Monday, Sep 01, 2025 - 08:28 PM (IST)

नारी डेस्कः भारत के हर घर में लगभग गेंहू के आटे की ही रोटी बनती हैं और सालों से लोग इसी अनाज की रोटी खाते आ रहे हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि शरीर के लिए उतनी लाभकारी नहीं जितना अभी तक लोग इसे समझ रहे हैं। गेहूं भले ही पौष्टिक गुणों से भरपूर होता है लेकिन इसे खाने से ब्लड शुगर का लेवल भी तेजी से बढ़ता है। इसके आटे की रोची जल्दी नहीं पचती इसलिए कई लोगों का डाइजेशन इससे बिगड़ जाता है। वहीं जो लोग वजन कम करना चाहते हैं उनकों भी गेंहू का आटा नहीं खाना चाहिए क्योंकि इस आटे में बहुत कैलोरी होती है। अगर हैल्थ एक्सपर्ट की मानें तो अगर आप 21 दिन गेहूं खाना छोड़ दें तो वे एक नहीं कई तरह की बीमारियों से दूर हो सकते हैं। चलिए इस बारे में आपको थोड़ा विस्तार से बताते हैं।
क्यों नहीं खानी चाहिए गेहूं की रोटी?
एक्सपर्ट के मुताबिक, डाइट में सबसे जरूरी होता है अनाज जैसे जो, बाजरा, रागी और गेहूं आदि लेकिन इसमें सबसे हानिकारक अनाज गेहूं माना जाता है। अगर सिर्फ 21 दिनों तक गेहूं न खाएं तो पूरे शरीर में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते है।
इसमें लोगों को इंफ्लेमेशन यानि शरीर में सूजन की समस्या होती है। यहां तक की कुछ लोग इस बात से भी अनजान रहते हैं कि उन्हें वीट एलर्जी है जिस वजह से उन्हें आगे चलकर समस्या होती है। गेहूं ग्लूटेन से भरपूर होता है। ऐसे लोगों को पेट में, चेहरे पर और फिर हाथों-पैरों में सूजन होती है। उन्हें गैस की समस्या हो सकती है और पूरे दिन बॉडी में थकान हो सकती है।
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गेहूं की जगह पर क्या खाया जाए?
गेहूं की जगह मोटे अनाज की रोटियां खा सकते हैं जैसे, बेसन, रागी या बाजरा खा सकते हैं। इन्हें खाने से आप काफी बेहतर हैल्थ महसूस करेंगे। मोटा अनाज शरीर को कई प्रकार के अलग-अलग न्यूट्रिएंट्स देता है, वहीं गर्मियों में ज्वार के आटे की रोटी खानी चाहिए और सर्दी में हमें बाजरे की आटे की रोटी खानी चाहिए। अगर आप 21 दिन तक गेहूं की रोटी खाना बंद कर देते हैं तो शरीर में कुछ सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार गेहूं छोड़ने से ...
1. ब्लड शुगर कंट्रोल रहेगा: गेहूं का आटा जल्दी ब्लड शुगर स्पाइक करता है। इसे छोड़ने पर शुगर लेवल संतुलित रहेगा, खासकर डायबिटीज़ पेशेंट्स के लिए फायदेमंद।
2. पाचन बेहतर होगा: गेहूं की रोटी धीरे पचती है और गैस, एसिडिटी जैसी दिक्कतें दे सकती है। मोटे अनाज (जैसे रागी, बाजरा, ज्वार) खाने से पाचन दुरुस्त होगा।
3. सूजन (Inflammation) कम होगी: गेहूं में ग्लूटेन होता है जो कई बार शरीर में इंफ्लेमेशन और एलर्जी का कारण बनता है। गेहूं छोड़ने पर शरीर की सूजन कम हो सकती है।
4. थकान और भारीपन कम होगा: गेहूं खाने से कई लोगों को सुस्ती और थकान महसूस होती है। 21 दिन बाद एनर्जी लेवल बेहतर महसूस हो सकता है।
5. फिटनेस और इम्युनिटी में सुधार: मोटे अनाज विटामिन, मिनरल और फाइबर से भरपूर होते हैं। ये इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं और फिटनेस बेहतर बनाते हैं।
नोटः 21 दिन गेहूं छोड़ने से ब्लड शुगर कंट्रोल, पाचन सुधार, सूजन कम, एनर्जी लेवल हाई और फिटनेस बेहतर हो सकती है। डॉक्टर की मानें तो इसके बाद शरीर में फर्क साफ दिखने लगता है। फिर भी कोई भी डाइट बदलाव करने से पहले डॉक्टरी व एक्सपर्ट सलाह जरूर लें।