दिल्ली में खतरनाक प्रदूषण का कहर, दिल्ली सरकार ने स्कूलों के लिए लिया बड़ा फैसला!
punjabkesari.in Sunday, Nov 23, 2025 - 03:42 PM (IST)
नारी डेस्क : दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण एक बार फिर ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंच गया है। कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार दर्ज किया गया है, जिससे लोगों की सेहत पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों पर पड़ रहा है, इसी को देखते हुए दिल्ली सरकार ने स्कूलों में सभी आउटडोर खेलकूद और बाहरी गतिविधियों पर तुरंत रोक लगाने का बड़ा फैसला लिया है।
बिगड़ते प्रदूषण पर सरकार सख्त
दिल्ली के कई प्रमुख क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता लगातार गिरती जा रही है। खतरनाक धुंध और स्मॉग के कारण सांस लेने में दिक्कत, गले में जलन, आंखों में खुजली और अस्थमा के मरीजों में वृद्धि दर्ज की जा रही है। ऐसी स्थिति में छोटे बच्चों को खुली हवा में खेलने देना गंभीर जोखिम पैदा कर सकता है। सरकार के इस निर्णय की पृष्ठभूमि में हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणियां रही हैं, जहां कोर्ट ने बच्चों को प्रदूषण के बीच मैदान में उतारने को लेकर नाराजगी जताई थी। इसके बाद शिक्षा निदेशालय ने सभी सरकारी व निजी स्कूलों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं।
स्कूलों में कोई भी आउटडोर गतिविधि नहीं होगी
नई गाइडलाइंस के अनुसार: जब तक प्रदूषण ‘बहुत गंभीर’ या ‘आपातकालीन’ श्रेणी में रहेगा, तब तक किसी भी स्कूल में आउटडोर स्पोर्ट्स, पीटी, मॉर्निंग असेंबली, ग्राउंड ऐक्टिविटीज आयोजित नहीं की जाएंगी। निर्देशों का पालन न करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। यह फैसला 19 नवंबर 2025 को बुलाई गई एक आपात बैठक में लिया गया, जिसमें स्कूली शिक्षा विभाग, युवा मामले एवं खेल विभाग तथा दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
यें भी पढ़ें : मां के दूध में यूरेनियम: बच्चों की सेहत पर खतरा और कैंसर का डर, डॉक्टर से जानें सच
बच्चों की सेहत के लिए ज़रूरी कदम
विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण का सबसे खतरनाक असर बच्चों के फेफड़ों पर पड़ता है।
उनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।
प्रदूषित हवा फेफड़ों के विकास को रोक सकती है।
लंबे समय तक इससे दमा, खांसी, एलर्जी और सांस संबंधी बीमारियां बढ़ सकती हैं।
इन्हीं खतरों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इसे बच्चों की सुरक्षा के लिए अनिवार्य कदम बताया है।
कब हटेगा प्रतिबंध?
सरकार की ओर से कहा गया है कि यह रोक अस्थायी है और हवा की गुणवत्ता में सुधार होते ही इसे वापस लिया जाएगा।
फिलहाल, प्रदूषण के स्तर में सुधार के कोई स्पष्ट संकेत नहीं हैं।
यें भी पढ़ें : शादी के 30 दिन बाद महिला डेढ़ महीने की प्रेग्नेंट! डॉक्टर ने बताया हैरान कर देने वाला राज
माता-पिता के लिए एडवाइजरी
बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सरकार और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने माता-पिता को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। बच्चों को सुबह-शाम घर से बाहर जाने से बचाएं, क्योंकि इस समय हवा में प्रदूषक कणों की मात्रा सबसे ज्यादा होती है। बाहर निकलना जरूरी हो तो बच्चों को मास्क जरूर पहनाएं। घर के भीतर स्वच्छ हवा बनाए रखने के लिए एयर-प्यूरीफायर का उपयोग करें या कमरों में उचित वेंटिलेशन सुनिश्चित करें। अगर बच्चे को लगातार खांसी, सांस लेने में परेशानी, सीने में जकड़न या थकान महसूस हो रही हो, तो बिना देरी किए चिकित्सक से संपर्क करें।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण लगातार एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल बनता जा रहा है। ऐसे में बच्चों की सुरक्षा के लिए आउटडोर गतिविधियों पर रोक सरकार का बेहद ज़रूरी और समय पर लिया गया निर्णय है। जब तक हवा साफ नहीं होती, एहतियात ही सबसे बड़ा बचाव है।

