हमेशा Antibiotics ही नहीं होता यूरिन इन्फेक्शन का इलाज, सोच- समझकर खाएं दवाइयां

punjabkesari.in Tuesday, Nov 18, 2025 - 01:42 PM (IST)

जब भी आपको पेशाब में जलन की शिकायत होती है तो डॉक्टर आमतौर पर इसके इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स लिखते हैं। हालांकि, हर मूत्र संक्रमण के लिए एंटीबायोटिक्स लेना हमेशा सुरक्षित विकल्प नहीं हो सकता है। सर्जन चेतावनी दते हैं कि  एंटीबायोटिक्स हर यूटीआई‑लक्षण में सुरक्षित नहीं होते। चलिए जानते हैं क्यों है ये इतना खतरनाक आपको किन चीजों का रखना चाहिए ध्यान। 


एंटीबायोटिक के नुकसान

डॉक्टर बताते हैं कि यूटीआई (मूत्र मार्ग संक्रमण) के इलाज में एंटीबायोटिक्स का बेहद अधिक और गैर-जिम्मेदाराना उपयोग हो रहा है।  जब बहुत बार या गलत एंटीबायोटिक दी जाती है जैसे कि डॉक्टर की सलाह न लेकर दवाएं लेना, गलत दवाओं का इस्तेमाल करना, या ज़्यादा‑कम समय के लिए लेना  तो बैक्टीरिया एंटीबायोटिक्स के प्रति “रोक‑प्रतिरोधी” बन सकते हैं। यह समस्या गंभीर है क्योंकि एंटीबायोटिक प्रतिरोध बढ़ने से भविष्य में संक्रमण का इलाज मुश्किल हो सकता है। 


 पेशाब में जलन का कारण

 पेशाब में जलन का कारण हर बार बैक्टीरिया संक्रमण (UTI) नहीं होता। MSD Manual के मुताबिक, दर्द या जलन पेशाब करते समय (dysuria) कई कारणों से हो सकती है - जैसे कि मूत्राशय की जलन, अन्य गैर-बैक्टीरियल समस्याएं आदि।  यदि चिकित्सक पहले पेशाब का कल्चर न करे, तो यह पता नहीं चलता कि कौन‑सा बैक्टीरिया है,और क्या वह उस एंटीबायोटिक के प्रति संवेदनशील है या नहीं। गलत एंटीबायोटिक लेने का मतलब है कि संक्रमण ठीक न हो और समस्या बढ़ जाए। 


अनचाहे दुष्प्रभाव

 कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि “अनपेक्षित उपयोग” या गलत एंटीबायोटिक के कारण सरल यूटीआई में भी इलाज विफल हो जाता है।  जब इलाज सफल न हो, तो सिर्फ लक्षण हल होते दिख सकते हैं लेकिन संक्रमण पूरी तरह खत्म न हो और वह फिर से लौट सकता है।  एंटीबायोटिक्स सिर्फ बैक्टीरिया को मारते हैं; यह शरीर के अन्य भागों (जैसे गुट माइक्रोबायोम) को भी प्रभावित कर सकते हैं। दवाओं का गलत या अधिक उपयोग स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डाल सकता है और कभी-कभी अधिक खतरनाक संक्रमणों या प्रतिरोधी (resistant) स्टेंस को जन्म दे सकता है।


सुरक्षित और समझदारी से एंटीबायोटिक उपयोग के लिए

-पेशाब में जलन, बार-बार जाना, द्रव्यमान कम होना आदि लक्षण होने पर स्वयं-दवा न लें-  यूरोलॉजिस्ट (पेशाब रोग विशेषज्ञ) से मिलें।
-डॉक्टर से कहें कि पेशाब का संस्कृति परीक्षण (urine culture)करें, ताकि यह पता चल सके कि कौन‑से बैक्टीरिया हैं और कौन‑सी दवा उन पर असर करेगी।
-एंटीबायोटिक लेने पर डॉक्टर द्वारा बताई गई पूरी अवधि और खुराक का पालन करें- बीच में दवा बंद करना संक्रमण को पूरी तरह खत्म न कर सकता।
- पर्याप्त पानी पिएं  यह मूत्र पथ को “धोने” में मदद करता है और संक्रमण के जोखिम को कम कर सकता है। (यह यूरोलॉजिस्ट डा. अमित तिवारी जैसी सलाह में भी शामिल है) 
- एंटीबायोटिक स्टुअर्डशिप को बढ़ावा दें - मतलब, एंटीबायोटिक्स का समझदारी से, ज़रूरत पर और डॉक्टर‑परामर्श के बाद उपयोग करना।


इस बात का रखें ध्यान 


 गैर-जिम्मेदाराना एंटीबायोटिक उपयोग न सिर्फ प्रतिरोध (resistance) बढ़ाता है, बल्कि इलाज विफलता, दुबारा संक्रमण और अन्य जटिलताओं का जोखिम भी बढ़ा देता है। इसलिए, डॉक्टर का परामर्श लेना, परीक्षण कराना और दवा‑पद्धति (dose / duration) का सही पालन करना बेहद जरूरी है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

vasudha

Related News

static