पहल: मेहर में पैसे या गहने नहीं, दुल्हन ने मांगी किताबें
punjabkesari.in Thursday, Jan 30, 2020 - 05:18 PM (IST)
शादी के मौके पर दुल्हन अक्सर ही अपने माता-पिता, होने वाले पति से तोहफे में सोने, चांदी, घर, गाड़ी की डिमांड करती है। वहीं मुस्लिम समाज में इस रस्म को मेहर कहा जाता है जिसमें दुल्हन अपने पति से तोहफा मांगती है। इसी रस्म को अदा करते हुए केरल की एक दुल्हन ने नई मिसाल कायम की है। हाल ही में केरल में हुए एक निकाह में दुल्हन ने मेहर की रस्म में पैसे और गहने की जगह दुल्हे से 80 किताबें मांगी।
केरल के कोल्लम जिले के नीलामेल में अजना नाजिम की शादी 26 साल के सिविल इंजीनियर इजाज हाकिम के साथ हुई थी। जिसके बाद अजना ने हाकिम से मेहर में 80 किताबों की मांग की और हाकिम ने उसे 96 किताबें भेट दी। इन किताबों में भारतीय संविधान के अतिरिक्त गीता, बाइबल, कुरान और कई पवत्रि ग्रंथ शामिल है।
बेडरुम में बनवाई बुक शेल्फ
हाकिम ने अजना की इन किताबों का ख्याल रखते हुए शादी के बाद बेडरुम में एक बुकशेल्फ भी तैयार करवा कर दी। यहां पर अजना की सारी किताबें रखी गई है। अक्टूबर में जब इन दोनों की सगाई हुई थी तो बीएड की छात्रा अजना ने मेहर में किताबें मांगी थी। किताबों की इस लिस्ट में खालिद हुसैनी, हारुकी मुराकामी और मिशेल ओबामा की जीवनी जैसी किताबें शामिल थी।
क्या होती है मेहर की रस्म
मुस्लिम समाज में शादी के दौरान की जाने वाली एक रस्म मेहर होती है। जिसमें दुल्हन अपने होने वाले पति से मांग करती है और पति उसे हर कीमत पर पूरा करता है। इस रस्म के पूरा होने के बाद ही काजी निकाह करवाता है। यह रस्म दोनों परिवारों के आर्थिक स्तर पर निर्भर करती है। इस रस्म में दुल्हन, रुपए, अपार्टमेंट, कार या गहने की मांग कर सकती है।
केरल में हुआ यह पहना मामला नहीं है इससे पहले भी 2016 में हैदराबाद यूनिवर्सिटी से राजनीति विज्ञान में ग्रेजुएट साहला नीचील ने मेहर में 50 किताबों की मांग की थी। जिसमें उसने मलप्पुरम के समुदाय के लोगों को संदेश दिया था कि बिना सोने के भी रिश्ते जुड़ सकते है।