अगर दिखें ये 10 लक्षण तो समझ लीजिए नसें हो रही ब्लॉकेज , तुरंत लें डॉक्टरी इलाज
punjabkesari.in Friday, Sep 05, 2025 - 06:10 PM (IST)

नारी डेस्क: हमारा दिल हर पल हमारे शरीर में खून पंप करता है और यही खून हमारे अंगों तक ऑक्सीजन और ज़रूरी पोषक तत्व पहुंचाता है। लेकिन जब इस ब्लड फ्लो में रुकावट आने लगती है, तो शरीर धीरे-धीरे इशारे देने लगता है। ये इशारे बेहद हल्के हो सकते हैं, लेकिन अगर इन्हें नज़रअंदाज़ कर दिया जाए तो दिल की बड़ी बीमारी, जैसे कि कोरोनरी आर्टरी डिज़ीज (CAD) या हार्ट अटैक तक की नौबत आ सकती है।
यह बीमारी तब होती है जब दिल तक खून पहुंचाने वाली धमनियों में चर्बी या प्लेक जमा होने लगता है, जिससे रक्त प्रवाह बाधित होता है। आइए जानते हैं ऐसे 10 संकेत जो शरीर हमें देता है और जिन्हें कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
सीने में दर्द या भारीपन महसूस होना
अगर आपको कभी-कभी सीने में दबाव, जकड़न या भारीपन जैसा महसूस होता है, तो इसे हल्के में न लें। इसे मेडिकल भाषा में एंजाइना कहा जाता है। यह दर्द अक्सर छाती के बीच या बाईं तरफ होता है और दौड़ने, सीढ़ी चढ़ने, या खाने के बाद महसूस हो सकता है। कुछ लोग इसे गैस या मांसपेशियों की समस्या समझ लेते हैं, लेकिन यह दिल की बीमारी का शुरुआती संकेत हो सकता है।
सांस लेने में दिक्कत होना
क्या आपको हल्की-फुल्की एक्टिविटी के बाद भी सांस चढ़ जाती है? अगर हां, तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि आपका दिल खून को ठीक से पंप नहीं कर पा रहा है। जब शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती, तो सांस फूलने लगती है। यह दिल की कमजोरी या ब्लॉकेज का इशारा हो सकता है।
सीने से बाहर कहीं और दर्द होना
दिल का दर्द हमेशा छाती में ही महसूस नहीं होता। कई बार यह दर्द हाथों, कंधों, गर्दन, जबड़े, पीठ या यहां तक कि पेट में भी हो सकता है। इसे referred pain कहा जाता है। लोग अक्सर इसे मांसपेशियों की खिंचाव या गैस समझ बैठते हैं, लेकिन अगर ये दर्द बिना वजह और बार-बार हो, तो डॉक्टर से तुरंत मिलें।
चक्कर आना या सिर हल्का महसूस होना
अगर आपको बार-बार चक्कर आते हैं, या खड़े होते ही सिर घूमने लगता है, तो यह आपके दिल की सेहत से जुड़ा हो सकता है। ऐसा तब होता है जब दिमाग को पर्याप्त खून नहीं मिल पाता। इससे बेहोशी या गिरने तक की नौबत आ सकती है।
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अचानक ठंडा पसीना आना
अगर बिना किसी मेहनत या गर्मी के भी आपके शरीर से पसीना बहने लगे, खासकर ठंडा पसीना, तो यह एक गंभीर चेतावनी हो सकती है। यह खासतौर पर तब खतरनाक होता है जब यह चेस्ट पेन, मितली या चक्कर के साथ आए। यह स्थिति हार्ट अटैक की शुरुआत हो सकती है।
पैरों या टखनों में सूजन आना
अगर आपके टखने, पैर या जांघें अकसर सूज जाती हैं, तो यह हार्ट फेल्योर का संकेत हो सकता है। जब दिल खून को ठीक से पंप नहीं कर पाता, तो शरीर में फ्लूइड जमा होने लगता है, जिससे सूजन आती है। इसे हल्के में लेना सही नहीं है।
लगातार खांसी रहना
क्या आपको ऐसी खांसी है जो खासकर लेटते समय बढ़ जाती है और लम्बे समय तक बनी रहती है? यह सिर्फ सर्दी या एलर्जी नहीं हो सकती – यह हार्ट फेल्योर का लक्षण भी हो सकता है। हार्ट की कमजोरी की वजह से फेफड़ों में फ्लूइड भरने लगता है, जिससे खांसी और सीटी जैसी आवाज़ें (wheezing) आने लगती हैं।
दिल की धड़कनों का अनियमित होना
कभी-कभी ऐसा लगता है जैसे दिल एक बीट छोड़ रहा है, या बहुत तेज़ दौड़ रहा है? इसे arrhythmia कहते हैं। अगर आपको धड़कन तेज़ होने के साथ-साथ चक्कर, सीने में दर्द या बेहोशी महसूस हो, तो यह खतरे की घंटी हो सकती है। तुरंत मेडिकल मदद लें।
गले या जबड़े में दर्द
सिर्फ गले या जबड़े में दर्द हो, तो यह आमतौर पर सर्दी या दांतों से जुड़ा हो सकता है। लेकिन अगर ये दर्द चेस्ट टाइटनेस या भारीपन के साथ हो, तो यह हार्ट अटैक या एंजाइना का संकेत हो सकता है। खासकर अगर ये दर्द किसी एक्टिविटी के बाद हो।
पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे मितली या जलन
कई बार महिलाओं में हार्ट डिज़ीज़ के संकेत गैस या अपच की तरह दिखते हैं। अगर आपको मितली, पेट में जलन या भारीपन महसूस हो, और ये लक्षण आम दवाओं से ठीक न हो रहे हों, तो हो सकता है यह दिल से जुड़ा मामला हो।
क्या करना चाहिए?
इन लक्षणों को नजरअंदाज करना मतलब खतरे को खुला निमंत्रण देना। अगर आप इनमें से कोई भी लक्षण बार-बार महसूस कर रहे हैं, तो तुरंत कार्डियोलॉजिस्ट (दिल के डॉक्टर) से मिलें। समय रहते अगर ध्यान दिया जाए, तो दिल की बीमारी को रोका या कम किया जा सकता है।
दिल को बचाने के लिए अपनाएं ये उपाय
संतुलित और हेल्दी डाइट लें (फल, सब्जियां, कम नमक और कम फैट वाला खाना)।
रोजाना कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज जरूर करें।
धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं।
तनाव को कंट्रोल में रखें – योग और ध्यान मददगार हो सकते हैं।
हर साल हेल्थ चेकअप जरूर कराएं, खासकर अगर आप 35 से ऊपर हैं या फैमिली में हार्ट की हिस्ट्री है।
नोट: यह जानकारी आम जागरूकता के लिए है। कोई भी नई समस्या या लक्षण दिखने पर खुद से इलाज न करें, बल्कि विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लें। दिल है तो जिंदगी है – इसे अनदेखा न करें। समय पर चेत जाएं और अपनों के लिए खुद का ख्याल रखें।