पद्म विभूषण गायक का निधन होते ही संपत्ति के लिए लड़ने लगे बच्चे, पिता की तेरहवीं करने से भी किया इनकार
punjabkesari.in Thursday, Oct 09, 2025 - 04:13 PM (IST)

नारी डेस्क: धर्म शास्त्रों के अनुसार पिता का श्राद्ध और अंतिम संस्कार पुत्र का प्रमुख कर्तव्य माना जाता है, लेकिन क्या कभी आपने किसी बेटे को अपने ही पिता के अंतिम संस्कार का हिसाब लेते हुए देखा है? हाल ही में दिवंगत पंडित छन्नूलाल मिश्रा के घर में कुछ ऐसा ही देखने को मिला, उनकी निधन को अभी कुछ दिन भी नहीं हुए कि उनके बेटे संपत्ति के लिए आपस में भीड़ गए।
पद्म विभूषण से सम्मानित हो चुके हैं छन्नूलाल मिश्र जी
शास्त्रीय संगीत की दुनिया के महान गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र अब इस दुनिया में नहीं हैं। 2 अक्टूबर को आयु संबंधी बीमारी के कारण निधन हो गया था। हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के महानतम कलाकारों में से एक छन्नूलाल मिश्र को 2020 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। जरा सोचिए जिस इंसान ने दुनिया भर में इतना नाम कमाया उनके बच्चे उनके अंतिम संस्कार के लिए 25000 रुपये तक की व्यवस्था नहीं कर पाई।
तेरहवीं पर भी उठ रहे सवाल
पंडित जी के बच्चे तो इस बात से भी लड़ रहे हैं कि पिता की तेरहवीं कौन करेगा। दरअसल उनकी बेटी नम्रता का दावा है कि पंडित छन्नूलाल के अंतिम संस्कार के बाद रात में दो बजे उन्हें फोन कर 25 हजार रुपये का भुगतान करने को कहा गया। भाई ने ब्राह्मण भोज नहीं कराया, 13 पंडितों को बुलाया गया और लिफाफा पकड़ाकर भेज दिया गया। हम लोग इतने व्यस्त नहीं हैं कि 25,000 रुपये का भुगतान न कर सकें। वह कहती हैं कि आखिरी समय में उनका भाई अपने पिता से मिलने तक नहीं आया।
बेटी के साथ रहते थे छन्नूलाल मिश्र
नम्रता ने कहा कि पिताजी के आखिरी जीवन में पुत्र का दायित्व निभाना चाहिए था, जिसमें वे असफल रहे। मैं तन, मन और धन से ब्राह्मण भोज कराऊंगी। वहीं पंडित जी के बेटे ने अपी बहन पर आरोप लगाते हुए कहा- नम्रता ने पिताजी का पुराना मकान बिना बताए बेच दिया। जब मुख्यमंत्री यहां पिताजी से मिलने आए थे तो नम्रता ने नकली रिश्तेदारों को उनके सामने प्रस्तुत कर दिया। जहां तक कर्मकांड की बात है, उसे वह पूरी निष्ठा से कर रहे हैं। बहन संपत्ति के लालच में इस तरह का आरोप लगा रही है। पंडित छन्नूलाल मिश्र की चार बेटियां और एक बेटा है। मिर्जापुर केबीपीजी कॉलेज में प्रोफेसर नम्रता मिश्र के घर पर ही छन्नूलाल मिश्र तीन सालों से रह रहे थे।