रोती हुई अफगान लड़की ने कहा, ''मुझे आंसू पोछने होंगे, किसी को हमारी परवाह नहीं''
punjabkesari.in Wednesday, Aug 18, 2021 - 05:32 PM (IST)
तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान के लोग काफी सदमे में आ गए है। अफगानी महिलाएं घरों में बंद होने पर मजबूर हो गई हैं। वहां के राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ने के बाद तालिबान ने अपने हाथ में सत्ता ले ली है, जिसके बाद चारों ओर खौफ का माहौल है। लोग अपनी जान बचाने के लिए देश छोड़कर भाग रहे हैं।
रोती हुई लड़की बोली, किसी को हमारी परवाह नहीं है, हम धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगे
वहीं इस भगदड़ और दहशत के बीच एक अफगान लड़की का रोते हुए वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में अफगानी लड़की ने अपने देश में हो रही इस तबाही को लेकर एक सवाल किया है। वीडियो में फूट-फूटकर रो रही अफगानी लड़की लड़की कहती है कि हमारा मार होना किसी के लिए मायना नहीं रखता है, क्योंकि हम अफगानिस्तान में पैदा हुए हैं। आगे कहा है कि 'मुझे आंसू पोछने होंगे, किसी को हमारी परवाह नहीं है, हम इतिहास में धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगे।
“We do not count because we were born in Afghanistan . . . We’ll die slowly in history.” I am heartbroken. The women & girls of Afghanistan have been abandoned. What of their dreams, hopes? The rights they have fought two decades for? #PrayforAfghanistan pic.twitter.com/Os6aSRv5RK
— Khaled Hosseini (@khaledhosseini) August 14, 2021
बता दें कि इस वीडियो को मानवाधिकार कार्यकर्ता मसीह अली नेजाद द्वारा ट्विटर पर पोस्ट किया गया है 45 सेकंड की इस वीडियो को अब तक 1.6 मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है।
यह संघर्ष महिलाओं और बच्चों पर बड़ा असर डाल रहा है
एक रिपोर्ट के मुताबिक, जिस दिन वीडियो पोस्ट किया गया उसी दिन संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने एक बयान में कहा कि अफगानिस्तान नियंत्रण से बाहर हो रहा है, यह संघर्ष महिलाओं और बच्चों पर बड़ा असर डाल रहा है। गुटेरेस ने आगे कहा कि वह अफगानी लड़कियों और महिलाओं के कड़ी मेहनत से जीते गए अधिकारों को उनसे छिनते देखना भयावह और हृदयविदारक है।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने बेहद कठोर प्रयास कर महिलाओं को दिलाए थे अधिकार
उन्होंने बताया कि अफगानी महिलाओं और लड़कियों को अधिकार दिलाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने बेहद कठोर प्रयास किए. पहले जहां अफगान में किसी भी पुरुष डॉक्टर द्वारा महिला का उपचार करने की अनुमति नहीं थी, जब तक कि कोई पुरुष संरक्षक उस महिला के साथ न हो।
खतरे में है अफगानी महिलाओं का भविष्य
साल 2001 में तालिबान के सत्ता से बाहर होने के बाद महिलाओं को काम पर लौटने की अनुमति दी गई। बता दें कि अब तक तालिबान ने अफगानिस्तान की 34 प्रांतीय राजधानियों में से 18 पर कब्जा कर लिया है जिससे अफगानी महिलाओं का भविष्य खतरे में दिखाई दे रहा है।