Hormones Imbalance का संकेत तो नहीं मुहांसे और डार्क सर्कल? महिलाएं जरूर करें गौर

punjabkesari.in Friday, Jan 28, 2022 - 11:40 AM (IST)

जब आप उम्र बढ़ने के साथ-साथ त्वचा में बदलाव आता है तो वो आपको परेशान नहीं करता?  उम्र के साथ-साथ कुछ हार्मोन जैसे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन में बदलाव आपकी त्वचा को भी प्रभावित करते हैं। शरीर संतुलन बनाए रखने के लिए हार्मोन के साथ काम करता है लेकिन अगर एक भी हार्मोन संतुलन से बाहर हो तो स्किन में सूखापन, मुंहासे, फाइन लाइन्स, झुर्रियां और रोसैसिया जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आज अपने इस आर्टिकल में हम आपको यही बताएंगे कि हार्मोनल बदलाव के कारण स्किन को किन-किन परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है

मुंहासे

एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और टेस्टोस्टेरोन जैसे हार्मोन्स तेल ग्रंथियों को उत्तेजित करते हैं। ऐसे में महिलाओं में हार्मोनल उतार-चढ़ाव, मासिक धर्म के दौरान छिद्रों में तेल का उत्पादन अधिक हो जाता है, जिससे मुंहासे निकल सकते हैं।

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काले घेरे

तनाव का स्तर बढ़ने से शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन का अधिक उत्पादन होता है, जिसके कारण अनिद्रा, बैचेनी, थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जो आंखों के नीचे डार्क सर्कल्स का कारण भी बन सकते हैं।

ड्राई स्किन

त्वचा में रुखापन भी एक हार्मोनल असंतुलन का परिणाम है, जो एस्ट्रोजन जैसे प्रजनन हार्मोन के घटते स्तर के कारण होता हैहै। जैसे-जैसे हार्मोन का स्तर गिरता है वैसे-वैसे तेल का उत्पादन भी कम होता है, जिससे त्वचा शुष्क, खुरदरी, खुजलीदार या परतदार हो जाती है।यह शरीर में फैटी एसिड और अन्य पोषक तत्वों की कमी का संकेत भी हो सकता है।

त्वचा के टैग्स

त्वचा टैग गर्दन और पलक वाले हिस्से में अधिक पाए जाते हैं, जो ग्लूकोज और इंसुलिन हार्मोन असंतुलन से संबंधित हैं। जब हार्मोन बदलना शुरू होते हैं, तो एस्ट्रोजन का स्तर गिर जाता है। इससे त्वचा अपनी लोच खो देती है, जिसके कारण त्वचा पर टैग बन जाते हैं। इसके अलावा यह मेटाबोलिक सिंड्रोम, प्री-डायबिटीज, डायबिटीज और पीसीओएस के संकेत हैं।

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पीली त्वचा

यह थायराइड या मधुमेह का संकेत है, जो अक्सर निचले पैरों पर दिखाई देता है। यह तब होता है जब रक्त वाहिकाओं में परिवर्तन होते हैं। इसके कारण त्वचा उभरी हुई, पीली और दिखने में मोमी हो जाती है। यह यकृत की विफलता का संकेत भी दे सकता है। इसके अलावा त्वचा का रंग बदलना भी तनाव और चिंता का संकेत है।

मेनोपॉज में स्किन सैगिंग

मेनोपॉज वो सम जब है जब माहवारी मासिक चक्र रुक जाता है और महिलाओं को पीरियड्स आना बंद हो जाते हैं। इस दौरान महिलाओं के शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिसमें से एक स्किन सैगिंग होना भी है। ऐसा शरीर में एस्ट्रोजन में कमी से हो सकता है।

चेहरे पर बाल आना

हार्मोन में परिवर्तन के कारण महिलाओं की ठोडी या गाल पर असामान्य तरीके से बाल आने लगते हैं। जब महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन के साथ-साथ पुरुषों में पाया जाने वाला टेस्टोस्टेरॉन एंड्रोजन भी आ जाता है तो चेहरे पर बाल आना, ऑयली स्किन, एक्ने की समस्या हो सकती है।

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Content Writer

Anjali Rajput

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