नेपोटिज्म पर छलका अभिषेक बच्चन का दर्द, बोले- निर्देशकों के चक्कर लगाए
punjabkesari.in Monday, Jun 22, 2020 - 03:42 PM (IST)
सुशांत सिंह रजपूत की मौत को एक हफ्ता बीत चुका है। मगर, नेपोटिज्म को लेकर चल रही बहस अब भी जारी है। जहां कुछ स्टार्स फिल्म इंडस्ट्री की सच्चाई सामने लेकर आए तो वहीं कुई स्टार्स को लोगों ने जमकर ट्रोस किया। इसी बीच अब अमिताभ बच्चन के बेटे बॉलीवुड एक्टर अभिषेक बच्चन ने भी अपने स्ट्रगल के दिनों के बारे में बताया है।
अभिषेक बच्चन ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर की है। जिसके साथ उन्होंने लिखा, ''साल 2009...दिल्ली 6 और पा। बहुत लोग ये बात नहीं जानते होंगे कि 1998 में मैं और राकेश ओमप्रकाश मेहरा अपने फिल्मी करियर की एकसाथ शुरुआत करना चाहते थे। मैं उनके निर्देशन में काम करने वाला था लेकिन मुझे लॉन्च करने वाला कोई नहीं मिला। इसके लिए मैंने बहुत कोशिश की। मुझे याद भी नहीं की मैंने कितने निर्माताओं और निर्देशकों के चक्कर लगाए। मैंने कई लोगों से कहा कि मुझे एक्टिंग का एक मौका दें।इसके बाद हम दोनों ने खुद ही कुछ करने का विचार बनाया और फिल्म 'समझौता एक्स्प्रेस' पर काम शुरू किया। हालांकि वो फिल्म कभी बन नहीं सकी।''
उन्होंने आगे लिखा, ''उसके बाद राकेश मेरे पिता के साथ 'अक्स' बनाने लगे और सौभाग्य से मैं और पापा जेपी साब से मिले। उन्हें मेरा लुक पसंद आया। जेपी साब 'आखिरी मुगल' बनाने के बारे में सोच रहे थे और उसके लिए उन्हें एक नए चेहरे की तलाश थी। मैं लकी रहा...उन्हें कभी आखिरी मुग़ल तो नहीं बनाई लेकिन उसकी जगह ‘रिफ्यूजी’ बनाई।''
अभिषेक आगे लिखते हैं, ''10 साल बाद राकेश और मैं आखिरकार साथ काम कर पाए। हमने साथ में ‘दिल्ली 6’ बनाई। बेहत प्यारी कास्ट... हम एक परिवार की तरह थे। ये सोनम कपूर की दूसरी फिल्म थी। इसके बाद अभिषेक ने अपने पोस्ट में पापा के साथ ‘पा’ और विद्या बालन के साथ काम करने का भी जिक्र किया है। आपको बता दें कि अभिषेक ने रिफ्यूजी से ही बॉलीवुड में डेब्यू किया था। इस फिल्म में उनके साथ करीना कपूर लीड रोल में थीं।'' अभिषेक बच्चन का कहना है कि अमिताभ बच्चन का बेटा होने के बावजूद भी उन्हें अपने करियर में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।