ब्लड मून, ग्रहण और पितृ पक्ष एक साथ! 7 सितंबर आज भूलकर भी न करें ये काम
punjabkesari.in Sunday, Sep 07, 2025 - 10:36 AM (IST)

नारी डेस्क: 7 सितंबर 2025 को एक दुर्लभ खगोलीय और आध्यात्मिक संयोग बन रहा है, जिसे साल का सबसे नकारात्मक दिन माना जा रहा है। इस दिन "ब्लड फुल मून", यानी रक्तपूर्णिमा, के साथ-साथ एक चंद्र ग्रहण भी लगेगा। साथ ही, पितृ पक्ष (श्राद्ध) की शुरुआत भी इसी दिन हो रही है। इन तीनों शक्तिशाली घटनाओं का एक साथ आना बहुत असामान्य है और ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, यह दिन मानसिक असंतुलन, तनाव, असुरक्षा और गलत फैसलों से भरा हो सकता है।
ऐसे में इस दिन विशेष सतर्कता बरतना ज़रूरी है। इस लेख में हम आपको विस्तार से बताएंगे कि इस दिन क्या नहीं करना चाहिए (DON’TS) और क्या करना चाहिए (DO’S) ताकि आप खुद को और अपने परिवार को नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षित रख सकें।
7 सितंबर को क्या न करें (DON’TS)
नए काम, प्रोजेक्ट या निवेश शुरू न करें
इस दिन नई शुरुआत करना जैसे कि व्यापार, नौकरी, संपत्ति का लेन-देन या कोई बड़ा निर्णय लेना, उल्टा पड़ सकता है। चंद्र ग्रहण और पितृ पक्ष के प्रभाव से आपकी मेहनत का अपेक्षित फल नहीं मिल पाएगा और जोखिम अधिक रहेगा।
शुभ कार्यों या पूजा-पाठ से परहेज करें
पितृ पक्ष एक ऐसा समय होता है जो केवल पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए समर्पित होता है। इसमें शादी, गृह प्रवेश, मुंडन, हवन आदि जैसे शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है। इस दिन ग्रहण काल भी है, इसलिए धार्मिक अनुष्ठान से दूर रहना ही बेहतर होगा।
विवादों से बचें – बहस और झगड़े से दूर रहें
चंद्र ग्रहण के समय मन अशांत रहता है। छोटे-छोटे मुद्दे बड़े विवाद में बदल सकते हैं। इसलिए कोशिश करें कि आप किसी से बहस या टकराव न करें, वरना स्थिति हाथ से बाहर जा सकती है।
दूसरों के मामलों में टांग न अड़ाएं
इस दिन किसी और की जिंदगी या फैसलों में दखल देने से उलझनें और परेशानी बढ़ सकती हैं। आपकी "मदद" किसी के लिए मुसीबत भी बन सकती है। बेहतर है कि आप खुद तक सीमित रहें।
ग्रहण के दौरान भोजन न करें
शास्त्रों के अनुसार, चंद्र ग्रहण के समय भोजन करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। ग्रहण काल के दौरान खाना पचता नहीं और शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसलिए ग्रहण शुरू होने से पहले हल्का भोजन कर लें और ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करें।
7 सितंबर को क्या करें (DO’S)
शांत रहें और ध्यान करें: यह दिन आंतरिक शांति और ऊर्जा की सुरक्षा के लिए उत्तम है। किसी शांत स्थान पर बैठकर गहरी सांस लें, ध्यान करें और मानसिक संतुलन बनाए रखें। इससे नकारात्मक विचारों से बचा जा सकता है।
पितरों का स्मरण करें और श्रद्धा अर्पित करें: पितृ पक्ष की शुरुआत होने के कारण यह दिन अपने पूर्वजों को याद करने और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का है। आप जल अर्पण, तिल तर्पण, या कोई भी श्रद्धा का कार्य कर सकते हैं।
हनुमान चालीसा या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें: इन मंत्रों का उच्चारण आपकी ऊर्जा की रक्षा करता है और नकारात्मक शक्तियों से दूर रखता है। दिन में कम से कम एक बार शुद्ध मन से इनका जाप अवश्य करें।
तिल के तेल का दीपक जलाएं: संध्या के समय एक दीपक में तिल का तेल डालकर जलाएं। यह दीपक न केवल सकारात्मक ऊर्जा आकर्षित करता है, बल्कि पितरों की आत्मा को भी शांति देता है।
ऊर्जा शुद्धिकरण और ब्लॉकेज हटाने के उपाय करें: कर्पूर, गूगल, या लोबान जलाकर घर की सफाई करें। इससे घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। चाहें तो नमक मिले पानी से पोछा भी लगाया जा सकता है।
शांति और सफाई बनाए रखें: घर को साफ-सुथरा और शांत रखें। ऊंची आवाज़ों, झगड़े और शोरगुल से दूर रहें। स्वच्छ वातावरण सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करता है।
7 सितंबर 2025 एक विशेष, लेकिन संवेदनशील दिन है। इस दिन आपके मन, शरीर और आत्मा पर ग्रहों और ब्रह्मांडीय ऊर्जा का गहरा प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए, सावधानी अपनाएं, आत्मिक संतुलन बनाए रखें और पितरों को श्रद्धांजलि देकर अपने जीवन में शुभता बनाए रखने का प्रयास करें।