वैजाइना में हो रही खुजली व एलर्जी को ना करें इग्नोर, जान लें कुछ जरूरी बातें
punjabkesari.in Sunday, Dec 20, 2020 - 12:01 PM (IST)
वैजाइना शरीर का सबसे सेंसिटिव अंग है लेकिन कई बार छोटी-छोटी गलतियों के कारण महिलाओं को बैक्टीरियल इंफेक्शन और एलर्जिक रिएक्शन हो जाता है। इसके कारण तेज दर्द, खुजली और रैशेज जैसी समस्याएं हो जाती है। मगर, महिलाएं लापरवाही, शर्म या झिझक के चलते इस ओर ध्यान नहीं देती जो धीरे-धीरे गंभीर समस्या बन जाता है।
वजाइना में एलर्जिक रिएक्शन के लक्षण
-लगातार तेज खुजली
-जलन महसूस होना
-सफेद, पीला या हरा डिस्चार्ड होना
-स्किन पर लाल चक्ते
-छोटे-छोटे दाने उभर आना
-बेचैनी होना
बैक्टीरियल वेजिनोसिस है कारण
बैक्टीरिया के इन्फ्लेमेशन से होने वाला यह वेजाइनल इंफेक्शन महिलाओं में काफी कॉमन है। यह महिलाओं को किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन 25-35 की उम्र की महिलाओं को इसका सबसे ज्यादा खतरा होता है। इसके कारण भी योनि में खुजली होना आम बात है। इसमें खुजली के साथ-साथ ग्रे कलर का डिस्चार्ज भी आता है। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत अपने डॉक्टर की सलाह लें।
वैजाइनल एलर्जिक के अन्य कारण
. सेमिनल प्लाजमा हाइपरसेंस्टिविटी
. लैटेक्स कंडोम का इस्तेमाल
. यूरिनरी ट्रेक्ट या यीस्ट इंफेक्शन
. प्रेगनेंसी में ड्राईनेस के कारण भी यह समस्या हो सकती है
इसके अलावा आपके द्वारा रोजाना की जाने वाली कुछ गलतियां भी प्राइवेट पार्ट में एलर्जी का कारण बन सकती है जैसे...
1. खुश्बूदार प्रोडक्ट्स का यूज करना
2. सिंथेटिक कपड़े या नए अंडर गारमेंट्स के कारण
3. केमिकलयुक्त प्रोडक्ट्स का अधिक इस्तेमाल
4. हेयर रिमूवर, गंदे टॉयलेट या रेजर का बार-बार का इस्तेमाल
5. बहुत अधिक टाइट या पेंटी पहनना
6. योनि की सफाई के लिए कठोर साबुन का इस्तेमाल
अब जानिए कुछ घरेलू नुस्खे
सेब का सिरका
1 लीटर पानी में 3 बड़े चम्मच सेब का सिरका मिलाकर योनि को सफाई करने से एलर्जी, खुजली, जलन और रैशेज की समस्या दूर हो जाएगी।
नीम या तुलसी के पत्ते
नीम या तुलसी के पत्तों को पानी में उबालकर रोजाना वैजाइना की सफाई करें। इससे भी आपको आराम मिलेगा।
टी ट्री ऑयल
कॉटन पर टी ट्री ऑयल की कुछ बूंदें लगाकर 4 घंटे तक योनि पर लगाएं। टी ट्री ऑयल एक नैचुरल फंगल क्लींजर है, जिससे एलर्जी दूर हो जाएगी।
इसके अलावा वैजाइना की साफ-सफाई का खास ख्याल रखें और पीरियड्स के दौरान भी हाइजीन बनाए रखें। साथ ही हर 6 महीने बाद गाइनकोलॉजिस्ट से चेकअप करवाएं।