Parents Alert: स्कूल के 47% बच्चे कमर और जोड़ों के दर्द से परेशान – Aiims study
punjabkesari.in Monday, Oct 06, 2025 - 10:26 AM (IST)

नारी डेस्क: हाल ही में एम्स (AIIMS) के डॉक्टरों और फिजियोथेरेपी विशेषज्ञों ने 9वीं से 12वीं कक्षा तक के 380 स्कूली बच्चों की स्क्रीनिंग की, जिसमें सामने आया कि लगभग 47% बच्चे गर्दन, कमर और जोड़ों के दर्द से पीड़ित हैं। अध्ययन में यह भी पाया गया कि लंबे समय तक गलत तरीके से बैठना और लैपटॉप व मोबाइल का अधिक इस्तेमाल बच्चों में शारीरिक परेशानियों का मुख्य कारण बन रहा है।
गलत बैठने की आदत और तकनीकी उपकरणों का असर
अध्ययन के अनुसार, बच्चे लंबे समय तक मोबाइल और लैपटॉप पर बैठे रहते हैं, जिससे उनकी गर्दन और कमर पर अत्यधिक दबाव पड़ता है। इसके अलावा, खेल-कूद के दौरान होने वाली शारीरिक चोटें और उचित देखभाल का अभाव भी बच्चों में पैरों, कमर, गर्दन और अन्य जोड़ो में खिंचाव व दर्द का कारण बन रहा है।
क्या पढ़ाई का दबाव आपकी मानसिक शांति छीन रहा है?
— Dharmendra Yadav (@Dharmendra2091) October 5, 2025
भारत के 70% छात्र anxiety और depression से जूझ रहे हैं और ज़्यादातर चुप हैं,अब वक़्त है चुप्पी तोड़ने का।
हर साल लाखों छात्र entrance exams, assignments और societal pressure के बोझ से टूटते हैं।
उन्हें लगता है "मैं ही अकेला… pic.twitter.com/cKe2x1vzwr
फिजियोथेरेपी से मिली राहत
एम्स के ट्रॉमा सेंटर एडिशन प्रोफेसर डॉ. समर्थ मित्तल और बर्न व प्लास्टिक सर्जरी फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. एएस मूर्ति के नेतृत्व में किए गए इस अध्ययन में पाया गया कि फिजियोथेरेपी कराने से बच्चों को आराम मिला। बच्चों को 12 सप्ताह तक फिजियोथेरेपी और व्यायाम कराए गए, जिसमें पुश-अप, हर्डल क्रॉसिंग जैसे व्यायाम शामिल थे। 12 सप्ताह बाद फॉलोअप जांच में दर्द और खिंचाव में सुधार देखा गया।
स्कूलों में फिजियोथेरेपी विशेषज्ञ की जरूरत
अध्ययन में यह भी जोर दिया गया कि वर्तमान में स्कूलों में फिजियोथेरेपी विशेषज्ञ नहीं होते। विशेषज्ञों के पास मांसपेशियों की जांच, फिटनेस स्क्रीनिंग और गति आंकलन की गहन जानकारी होती है, जिससे बच्चे शुरुआती स्तर से ही सही खेल प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। डॉ. ममता दहिया, जो इस अध्ययन में शामिल हैं, ने बताया कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने इस शोध के लिए फंड जारी किया है। यह पहली बार है जब स्कूली बच्चों में फिजियोथेरेपी की आवश्यकता और इसके प्रभाव पर गहन अध्ययन किया जा रहा है। इस अध्ययन में चार स्कूलों के बच्चों को शामिल किया गया है।
इस अध्ययन से स्पष्ट हुआ कि बच्चों में गर्दन, कमर और जोड़ो के दर्द को रोकने के लिए शुरुआती उम्र से फिजियोथेरेपी और सही बैठने की आदतों का प्रशिक्षण बेहद जरूरी है। स्कूलों में फिजियोथेरेपी विशेषज्ञों की नियुक्ति बच्चों के स्वास्थ्य और खेल प्रदर्शन दोनों के लिए लाभकारी साबित हो सकती है।