अब अंतरिक्ष में इंसान भेजेगा भारत, Gaganyaan में जाने वाले 4 Astronauts आए सामने
punjabkesari.in Wednesday, Feb 28, 2024 - 11:39 AM (IST)
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को गगनयान मिशन के चार अंतरिक्ष यात्रियों का केरल के तिरुवनंतपुरम में वीएसएससी में राष्ट्र से संक्षिप्त परिचय कराया। ये चार अंतरिक्ष यात्री अगले साल होने वाले भारत के पहले मानव उड़ान अंतरिक्ष मिशन गगनयान में उड़ान भरेंगे। यह चाराें लड़ाकू विमानों के पायलट हैं और इन्हें उड़ान भरने का 2,000 से 3,000 घंटे का लंबा अनुभव है और इनमें से दो को प्रतिष्ठित ‘स्वोर्ड ऑफ ऑनर' से सम्मानित किया जा चुका है। इन यात्रियों का परिचय इस प्रकार हैं:
ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर
कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर का जन्म 26 अगस्त 1976 को केरल के तिरुवज़यिाड में हुआ। वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के पूर्व छात्र हैं और वायु सेना अकादमी में स्वोडर् ऑफ ऑनर प्राप्तकर्ता हैं। उन्हें 19 दिसंबर 1998 को भारतीय वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम में कमीशन दिया गया था। वह एक कैट ए फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और टेस्ट पायलट हैं और उनके पास लगभग 3000 घंटे की उड़ान का अनुभव है। उन्होंने एसयू-30 एमकेआई, मिग-21, मिग-29, हॉक, डोर्नियर, एएन-32 आदि सहित विभिन्न प्रकार के एसी उड़ाए हैं। वह यूनाइटेड स्टेट्स स्टाफ कॉलेज के पूर्व छात्र और डीएसएससी, वेलिंगटन और एफआईएस में डीएस तांबरम भी हैं। उन्होंने एक प्रमुख लड़ाकू विमान एसयू-30 एसक्यूएन की कमान संभाली है।
ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन
कैप्टन अजीत कृष्णन का जन्म 19 अप्रैल 1982 को चेन्नई, तमिलनाडु में हुआ। वह एनडीए के पूर्व छात्र हैं और वायु सेना अकादमी में राष्ट्रपति के स्वर्ण पदक और स्वोडर् ऑफ ऑनर के प्राप्तकर्ता हैं। उन्हें 21 जून 2003 को भारतीय वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम में कमीशन दिया गया था। वह फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और टेस्ट पायलट हैं और उनके पास लगभग 2900 घंटे की उड़ान का अनुभव है। उन्होंने एसयू-30 एमकेआई, मिग-21,मिग-21, मिग-29, जगुआर, डोर्नियर, एएन-32 आदि सहित कई प्रकार के एसी उड़ाए हैं। वह डीएसएससी, वेलिंगटन के पूर्व छात्र भी हैं।
ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप
कैप्टन अंगद प्रताप का जन्म 17 जुलाई 1982 को प्रयागराज में हुआ। वह एनडीए के पूर्व छात्र हैं और 18 दिसंबर 2004 को भारतीय वायुसेना की लड़ाकू शाखा में नियुक्त हुए थे। वह एक फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और टेस्ट पायलट हैं और उनके पास लगभग 2000 घंटे की उड़ान का अनुभव है। उन्होंने एसयू-30 एमकेआई, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर, एएन-32 आदि सहित कई प्रकार के एसी उड़ाए हैं।
विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला
विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ, (उत्तर प्रदेश) में हुआ। वह एनडीए के पूर्व छात्र हैं और उन्हें 17 जून 2006 को भारतीय वायुसेना की लड़ाकू शाखा में नियुक्त किया गया था। वह एक फाइटर कॉम्बैट लीडर और एक टेस्ट पायलट हैं, जिनके पास लगभग 2000 घंटे की उड़ान का अनुभव है। उन्होंने एसयू-30 एमकेआई, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर, एएन-32 आदि सहित कई प्रकार के एसी उड़ाए हैं।
#ISRO reveals the identities of the four astronaut designates for #Gaganyaan's first crewed mission! 👨🚀
— ISRO Spaceflight (@ISROSpaceflight) February 27, 2024
• Group Captain Prashanth BalaKrishnan Nair
• Group Captain Ajit Krishnan
• Group Captain Angad Prathap
• Wing Commander Shubhansku Shukla
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महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी की बात
प्रधानमंत्री ने इन चारों का ऐलान करते हुए कहा- उन्हें इस बात पर गर्व और खुशी है कि गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन में उपयोग किए गए अधिकतर पुरजे भारत में बने हैं। प्रधानमंत्री ने देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम में महिलाओं द्वारा निभाई गई ‘‘महत्वपूर्ण भूमिका'' पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि चंद्रयान और गगनयान जैसे अंतरिक्ष अभियानों में महिलाएं अहम हिस्सा हैं और उनके बिना यह संभव नहीं होता। मोदी ने यह भी कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की सफलता न केवल देश की युवा पीढ़ी में वैज्ञानिक सोच के बीज बो रही है, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण विकासात्मक प्रगति से 21वीं सदी में एक बड़े वैश्विक खिलाड़ी के रूप में उभरने में भी मदद मिल रही है।