अस्थमा के मरीजों पर सबसे पहले अटैक करता है प्रदूषण, इन 4 तरीकों से बचाएं खुद को
punjabkesari.in Tuesday, Nov 25, 2025 - 03:20 PM (IST)
नारी डेस्क: प्रदूषण अस्थमा मरीजों के लिए सबसे बड़ा दुश्मन माना जाता है, क्योंकि यह अस्थमा अटैक (Asthma Attack) को तेजी से ट्रिगर करता है। जब हवा में धूल, धुआं, केमिकल्स और जहरीले कण बढ़ जाते हैं तो अस्थमा मरीजों की सांस नलियों पर सीधे असर पड़ता है। ऐसे में डॉक्टरों ने प्रदूषित शहरों में रहने वाले अस्थमा मरीजों को 4 महत्वपूर्ण टिप्स बताए हैं, जिसे अपनाकर रोगी सांस संबंधी मुश्किलों से काफी हद तक राहत पा सकते हैं।
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मास्क जरूर पहनें (N95 या KN95)
प्रदूषण अस्थमा मरीजों का सबसे बड़ा ट्रिगर है। डॉक्टर के अनुसार कॉटन या कपड़े के मास्क बिल्कुल भी सुरक्षा नहीं देते इसलिए N95/KN95 मास्क ही पहनें। इससे आप PM2.5 और PM10 जैसे खतरनाक कणों से बच सकते हैं।
घर के अंदर हवा को साफ रखें
बाहर का प्रदूषण सीधे घर के अंदर न आने दें। डॉक्टर के अनुसार खिड़कियां सुबह व शाम के पीक प्रदूषण समय में बंद रखें (6–10 AM और 5–9 PM)। कमरे में एयर प्यूरिफायर, HEPA फिल्टर या गमले वाले एयर-प्यूरीफाइंग पौधे रखें। घर में धूल, स्मोकिंग या अगरबत्ती/धूप जैसी चीजें कम से कम करें।
इनहेलर हमेशा अपने साथ रखें
अस्थमा रोगियों के लिए रिलीवर इनहेलर (ब्लू इनहेलर) और कंट्रोलर इनहेलर डॉक्टर की सलाह के अनुसार रोज़ाना लेना जरूरी है। प्रदूषण के मौसम में हमला (Asthma attack) अचानक बढ़ सकता है, इसलिए इनहेलर हमेशा पास रखें। डॉक्टर बताते हैं कि इनहेलर की डोज़ छोड़ देना लक्षणों को और गंभीर कर देता है।
सांस को मजबूत बनाने के लिए ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ करें
डॉक्टर के मुताबिक रोज़ाना 10–15 मिनट की फेफड़ों को मजबूत करने वाली एक्सरसाइज से सांस लेने की क्षमता बढ़ती है। लिप-पर्स्ड ब्रीदिंग, डायफ्रामेटिक ब्रीदिंग, अनुलोम-विलोम, स्पाइरोमीटर से फेफड़ों की एक्सरसाइज ये तकनीकें फेफड़ों को अधिक ऑक्सीजन लेने और प्रदूषण के असर को कम करने में मदद करती हैं।
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अस्थमा मरीजों पर क्यों अटैक करता है प्रदूषण
हवा में मौजूद PM2.5 और PM10 कण फेफड़ों में गहराई तक जाते हैं ये सूक्ष्म कण इतने छोटे होते हैं कि सीधे सांस नलियों तक पहुंचकर सूजन (inflammation) और संकीर्णता (narrowing) पैदा कर देते हैं। इससे सांस लेने में कठिनाई बढ़ जाती है। प्रदूषण लगातार रहने से वायुमार्ग (airways) कमजोर और अति-संवेदनशील हो जाते हैं। इसलिए मामूली हवा, धूल या गंध भी अस्थमा अटैक कर सकती है। इसके अलावा सिगरेट, बायोमास या चूल्हे का धुआं प्रदूषण के साथ मिलकर अस्थमा को तुरंत बिगाड़ देता है और खतरनाक स्तर तक अटैक ला सकता है।
अतिरिक्त सावधानियां
-सुबह की वॉक, जॉगिंग या कठोर एक्सरसाइज़ से बचें।
-घर में पालतू जानवर हों तो उनकी साफ-सफाई का ध्यान रखें।
- धूल मिट्टी वाले स्थानों पर न जाएं।
- ठंडी हवा से बचने के लिए सर्दियों में स्कार्फ/मफ्लर से नाक ढकें।
-भोजन में विटामिन C और Omega-3 बढ़ाएं, ये फेफड़ों को प्राकृतिक रूप से मजबूत बनाते हैं।

