22 दिन तक दर्द सहने के बाद 2 साल की मासूम की हुई मौत, आखिरी वक्त तक कहती रही- पापा घर ले चलो

punjabkesari.in Wednesday, Oct 08, 2025 - 09:35 AM (IST)

नारी डेस्क: दुनिया में कोई भी मां- बाप अपने बच्चे को तकलीफ में नहीं दे सकते , वह अपने बच्चे की खुशी के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। एक पिता ने भी दर्द से तड़प रही अपनी बेटी को बचाने की बहुत कोशिश की लेकिन वह कामयाब नहीं हो सके। अब उनके कानों में बेटी के आखिर शब्द गूंज रहे हैं। उनके बेटी बस बार- बार यही कह रही थी- पापा घर ले चलो।


22 दिन तक अस्पताल में रही बच्ची

पिछले कुछ दिनों से कफ सिरप ने कई मासूम बच्चों की जान ले ली।  2 साल की योजिता ठाकरे भी कफ सिरप पीने के बाद बीमार पड़ गई थी। वह  22 दिन तक नागपुर के एक अस्पताल में मौत से जंग लड़ती रही। चार अक्टूबर को जिंदगी की जंग हार गई। लड़की के पिता ने बताया कि  8 सितंबर की शाम उनकी दो साल की बेटी को बुखार आया। डॉ. ठाकुर के क्लिनिक में ना होने के चलते वह पास के डॉ.प्रवीण सोनी  के पास पहंच गए, जिन्होंने  कुछ दवाइयां देकर कहा कि चार टाइम दवा देना, बच्ची ठीक हो जाएगी।


कफ सिरप पीते ही बच्ची को आई उल्टियां

कफ सीरप पीने के अगले दिन ही बच्ची की तबीयतबिगड़ गई, उसेहरे रंग की उल्टियां कीं। जांच करवाने पर पता चला कि बच्ची की किडनी में इंफेक्शन है, उसे तुरंत नागपुर लेकर गए। 22 दिनों तक योजिता का 16 बार हुआ डायलिसिस।  इस दौरान 12 से 13 लाख रुपए का खर्च आ गया। पर पिता ने पैसों की परवाह ना करते हुए अपनी बेटी के इलाज में कोई कमी नहीं छोड़ी। तमाम कोशिशों और दुआओं के बावजूद 4 अक्टूबर की सुबह डॉक्टरों ने कहा कि हमने सब कुछ किया, लेकिन अब कुछ नहीं बचा है।


घर जाने के लिए तड़प रही थी मासूम

पिता ने बताया कि हर बार जब उनकी बेटी आंखें खोलती थी तो बस यही कहती थी कि पापा घर ले चलो। और मैं उसे सिर्फ झूठी तसल्ली देता था कि बस बेटा, जल्दी घर चलेंगे। अपनी बेटी को याद करते हुए पिता ने कहा-  मैंने सब कुछ बेच दिया, लेकिन अपनी बेटी को नहीं बचा पाया। मेरी सिर्फ एक गुजजारिश है कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले, ताकि किसी और पिता को यह दर्द न सहना पड़े।


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vasudha

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