13 साल की बच्ची को नहीं आ रहे थे  पीरियड्स, मां हुई परेशान ,गाइनकोलॉजिस्ट ने बताई चौंकाने वाली वजह

punjabkesari.in Wednesday, Nov 05, 2025 - 10:45 AM (IST)

नारी डेस्क:  लुधियाना की एक महिला अपनी 13 साल की बेटी को लेकर घबराई हुई डॉक्टर के पास पहुंचीं। वजह थी कि उनकी बेटी को पिछले कुछ महीनों से पीरियड्स नियमित रूप से नहीं आ रहे थे। मां को यह डर सता रहा था कि कहीं यह कोई गंभीर बीमारी का संकेत तो नहीं। लेकिन जब डॉक्टर ने जांच की और असली कारण बताया, तो मां को बड़ी राहत मिली। डॉक्टर ने समझाया कि यह स्थिति सामान्य है और अधिकतर किशोरियों में ऐसा होना आम बात है।

 मामला क्या था?

गाइनकोलॉजिस्ट ने अपने इंस्टाग्राम वीडियो में इस मामले को साझा किया। वीडियो में एक महिला ने बताया कि उसकी बेटी की उम्र 13 साल है और उसे पीरियड्स शुरू हुए लगभग छह महीने हो चुके हैं। लेकिन इन छह महीनों में बच्ची को सिर्फ तीन बार ही मासिक धर्म आया। कभी पीरियड्स बहुत जल्दी आ जाते, तो कभी दो से तीन महीने तक नहीं आते। इस वजह से मां को चिंता होने लगी कि कहीं उसकी बेटी के साथ कुछ गड़बड़ तो नहीं है।

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 डॉक्टर ने क्या कहा?

जब किसी लड़की को पहली बार पीरियड्स शुरू होते हैं, तो शुरुआती दिनों में उनका अनियमित होना पूरी तरह से सामान्य बात है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इस उम्र में बच्चियों का शरीर तेजी से बदल रहा होता है और हार्मोन अभी पूरी तरह से स्थिर नहीं होते। इसलिए कभी पीरियड्स जल्दी आते हैं और कभी देर से।

लगभग 10 साल की उम्र में लड़कियों की ओवरीज़ (अंडाशय) काम करना शुरू कर देती हैं। इसी समय शरीर के अंदर तीन अहम ग्रंथियां —हाइपोथैलेमस, पिट्यूटरी और ओवरी  आपस में एक तालमेल बनाना शुरू करती हैं। जब इन तीनों ग्रंथियों के हार्मोन संतुलित रूप से काम करने लगते हैं, तब जाकर पीरियड्स का चक्र नियमित हो जाता है। इसलिए 13 या 14 साल की उम्र में दो से तीन महीने का गैप होना किसी बीमारी का संकेत नहीं है।

 घबराने की जरूरत कब नहीं और कब है?

 अगर किसी लड़की को हाल ही में पीरियड्स शुरू हुए हैं और शुरुआती दो-तीन साल तक वह अनियमित रहते हैं, तो इसमें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। लेकिन अगर पीरियड्स लगातार छह महीने या उससे ज्यादा समय तक नहीं आते, या ब्लीडिंग बहुत ज्यादा या बहुत कम होती है, या दर्द असहनीय होता है, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

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ऐसी स्थिति में डॉक्टर कुछ हार्मोनल टेस्ट और एक साधारण अल्ट्रासाउंड करने की सलाह देती हैं। अगर इन जांचों की रिपोर्ट सामान्य आती है, तो यह तय है कि शरीर सिर्फ अपने नेचुरल बैलेंस को बना रहा है और यह समस्या धीरे-धीरे खुद ही ठीक हो जाएगी। आमतौर पर दो से तीन साल के भीतर पीरियड्स नियमित हो जाते हैं।

 डॉ. की सलाह — डाइट और एक्सरसाइज पर ध्यान दें

 इस समय पर माता-पिता को सबसे ज्यादा ध्यान अपनी बेटी की डाइट और लाइफस्टाइल पर देना चाहिए। इस उम्र में शरीर को सही पोषण और शारीरिक गतिविधि की जरूरत होती है। बच्चियों को संतुलित भोजन देना जरूरी है, जिसमें हरी सब्जियाँ, फल, दालें, दूध और सूखे मेवे शामिल हों। इसके साथ ही मैदे से बनी चीज़ें, जंक फूड, और बहुत तली-भुनी चीज़ें कम खानी चाहिए क्योंकि ये हार्मोनल संतुलन को प्रभावित कर सकती हैं। डॉ. सोनिया ने सलाह दी कि बच्चियों को रोजाना साइक्लिंग, वॉक या हल्की एक्सरसाइज करने की आदत डालनी चाहिए। इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर रहता है और पीरियड्स नियमित होने में मदद मिलती है।

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“अगर आपकी बेटी को पीरियड्स शुरू हुए अभी कुछ ही महीने हुए हैं और वह नियमित नहीं आ रहे हैं, तो यह चिंता की नहीं बल्कि विकास की सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है। शरीर को अपने हार्मोनल संतुलन को सेट करने में थोड़ा समय लगता है, इसलिए घबराने की कोई जरूरत नहीं है। बस सही डाइट और हेल्दी रूटीन अपनाएं, सब कुछ अपने आप ठीक हो जाएगा।”
  

 


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Content Editor

Priya Yadav

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