साल में 1 बार जरूर करवाएं ये 11 तरह के Blood Test, हर बीमारी से बचे रहेंगे

punjabkesari.in Saturday, Feb 08, 2025 - 07:35 PM (IST)

नारी डेस्कः हम कितने सेहतमंद हैं और अगर में कोई समस्या चल भी रही है और कहां-क्या कमी आ रही है, इसे जानने का बेस्ट तरीका है ब्लड टेस्ट, जिसकी मदद से आपको हेल्थ से जुड़ी हर अपडेट्स आसानी से मिलती है। ऐसे बहुत से ब्लड टेस्ट है जिसे आपको करीब 1 साल के भीतर जरूर करवाना चाहिए ताकि आपको आपकी सेहत का हाल, समय रहते पता चले। ये ब्लड टेस्ट कौन-कौन से हो सकते हैं, चलिए उन टेस्ट के बारे में आपको बताते हैं।

1. CBC (Complete Blood Count) ब्लड टेस्ट

CBC यानि कंप्लीट ब्लड काउंट ब्लड टेस्ट। यह आपकी ओवर ऑल हैल्थ के लिए है। इससे शरीर में इंफेक्शन, एनीमिया,  ल्यूकेमिया आदि के बारे में पता चलता है। सफेद ब्लड सेल्स कितने आसामान्य तरीके से बढ़ गए हैं। 

लाल रक्त कोशिकाएं (RBC): ऑक्सीजन को पूरे शरीर में ले जाती हैं।
सफेद रक्त कोशिकाएं (WBC): संक्रमण से लड़ती हैं।
प्लेटलेट्स: रक्त के थक्के बनने में मदद करती हैं।
हीमोग्लोबिन: लाल रक्त कोशिकाओं में प्रोटीन जो ऑक्सीजन को ले जाता है।

PunjabKesari, Nari Punjabkesari, Blood Test

2. LFT (Liver Function Test)

लीवर फंक्शन टेस्ट से जुड़ा, यह एक ऐसा ब्लड टेस्ट है जो लीवर से जुड़ी बीमारियों और आपको आपका लीवर काम कैसे कर रहा है इस बारे में बताता है। इस ब्लड टेस्ट से आपके शरीर में एंजाइम और प्रोटीन के स्तर का पता चलता है।

3. KFT (Kidney Function Test)

ये ब्लड टेस्ट किडनी फंक्शन टेस्ट के लिए होता है । आपकी किडनी कितनी अच्छे से काम कर रही है। ये उन लोगों को खासतौर पर करवाने के लिए कहा जाता है जो डायबिटीज और हाई ब्लड प्रैशर से मरीज हैं। अगर आपको यूरिन पास करते दर्द होती हैं। यूरिन में ब्लड आता है। बार-बार यूरिन आता है तो यह किडनी से जुड़ी समस्या हो सकती है। 

यह भी पढ़ेंः रुक-रुक कर आते हैं Light Periods तो पढ़िए देसी इलाज, खुल कर आएगी माहवारी

4. Lipid Profile (लिपिड पैनल या लिपिड प्रोफाइल)

यह एक कंप्लीट कोलेस्ट्रॉल टेस्ट है जिसे लिपिड पैनल या लिपिड प्रोफाइल कहते हैं। इस ब्लड टेस्ट में आपके कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स (Triglycerides) लेवल के बारे में बताती है। आपकी धमनियों में कितनी वसा जमी है। गुड और बैड वसा कितनी है इस बारे में जानकारी मिलती है।

5.  FBS (फास्टिंग ब्लड शुगर) और PPBS (पोस्टप्रांडियल ब्लड शुगर टेस्ट) 

FBS को फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट कहते हैं जिसकी मदद से आपके रक्त में शुगर (ग्लूकोज) के स्तर को मापा जाता है, जब आपने कम से कम 8 घंटे तक कुछ भी नहीं खाया होता है। इसे आमतौर पर सुबह के समय लिया जाता है, ताकि रातभर के फास्ट के बाद ब्लड शुगर का स्तर मापा जा सके। यह टेस्ट डायबिटीज या प्रीडायबिटीज का पता लगाने में मदद करता है।  
PPBS को पोस्टप्रांडियल ब्लड शुगर टेस्ट कहते हैं जो भोजन के दो घंटे बाद किया जाता है। इस टेस्ट से यह जानने में मदद मिलती है कि खाना खाने के बाद आपके ब्लड शुगर का स्तर कितना बढ़ता है।  

यह भी पढ़ेंः जब Body दे ऐसे संकेत तो समझ लें आप बहुत Stress में हैं!

6. HB A1c ( ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन टेस्ट) ब्लड टेस्ट

इसे ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन टेस्ट कहते हैं। यह टेस्ट आपके शरीर में पिछले 2 से 3 महीनों में रक्त में  शुगर की एवरेट का पता लगाने के लिए किया जाता है। यह टेस्ट आपके रक्त में मौजूद हीमोग्लोबिन (लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला प्रोटीन) के साथ जुड़ी हुई ग्लूकोज की मात्रा को मापता है। हीमोग्लोबिन के साथ जुड़ी हुई ग्लूकोज को ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन कहा जाता है, और इसकी माप को प्रतिशत में व्यक्त किया जाता है। यह टेस्ट उन लोगों के लिए बहुत जरूरी हैं जो डायबिटीज के मरीज है। यह डायबिटीज के जोखिम, प्री-डायबिटीज और डायबिटीज की दवाई को एडजस्ट करने में मदद मिलती
है। 
PunjabKesari, Nari Punjabkesari

7. Thyroid TSH, T4, T3  (थायरॉइड ग्रंथि) का टेस्ट

थायरॉइड ग्रंथि गले में स्थित एक महत्वपूर्ण ग्रंथि है, जो हार्मोन का उत्पादन करती है। ये हार्मोन्स शरीर के मेटाबोलिज्म, ऊर्जा स्तर, और कई शारीरिक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करते हैं। थायरॉइड की सेहत को मापने के लिए तीन प्रमुख ब्लड टेस्ट्स किए जाते हैं: TSH, T4, और T3। इन टेस्ट्स के बारे में विस्तार से जानकारी नीचे दी गई है:

TSH (Thyroid-Stimulating Hormone) टेस्ट
TSH एक हार्मोन है जो पिट्यूटरी ग्रंथि द्वारा उत्पादित होता है। इसका मुख्य काम थायरॉइड ग्रंथि को T4 और T3 हार्मोन बनाने के लिए प्रेरित करना है। TSH टेस्ट से यह पता चलता है कि थायरॉइड ग्रंथि ठीक से काम कर रही है या नहीं।
T4 (Thyroxine) टेस्ट
T4 थायरॉइड द्वारा उत्पादित मुख्य हार्मोन है, जो शरीर की मेटाबोलिक दर को नियंत्रित करता है। T4 टेस्ट को दो रूपों में किया जा सकता है: कुल T4 और फ्री T4।
T3 (Triiodothyronine) टेस्ट
T3 भी एक थायरॉइड हार्मोन है, जो T4 से अधिक सक्रिय होता है। T3 टेस्ट तब किया जाता है जब TSH और T4 के परिणाम सामान्य होते हैं, लेकिन फिर भी थायरॉइड की समस्याओं के लक्षण होते हैं।

यह भी पढ़ेंः Thyroid से परेशान औरतें खाली पेट पीना शुरू करें दें ये जूस, जड़ से जाएगी बीमारी!

8. विटामिन D से जुड़ा ब्लड टेस्ट

विटामिन D ब्लड टेस्ट, जिसे 25-हाइड्रॉक्सी विटामिन D टेस्ट भी कहा जाता है, यह आपके शरीर में विटामिन D के स्तर की जांच के लिए किया जाता है। विटामिन D हमारे शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है और हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता है। यह आपके मसल्स, नर्वस सिस्टम और इम्यून सिस्टम को नॉर्मल रखने में मदद करता है। अगर शरीर में
विटामिन डी की कमी होगी तो थकान, अवसाद या कमजोरी जैसी समस्याएं आएंगी।
PunjabKesari, Vitamin D blood test

9. विटामिन बी12  से जुड़ा ब्लड टेस्ट

विटामिन B12 ब्लड टेस्ट एक सिंपल सा टेस्ट होता है जो आपके शरीर में विटामिन बी12 के स्तर को बताता है। यह शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है, क्योंकि यह लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण, तंत्रिका तंत्र का सही तरीके से काम करने और DNA के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी कमी से व्यक्ति को थकान, कमजोरी या चक्कर आ सकते हैं। इसकी कमी से शरीर में एनीमिया जैसे लक्षण भी दिखते हैं और याद्दाश्त कमजोर होने लगती है।  

10. आयरन के लिए ब्लड टेस्ट

आयरन ब्लड टेस्ट करवाना इसलिए जरूरी है क्योंकि इससे शरीर में आयरन का लेवल पता चलता है। आयरन शरीर में हीमोग्लोबिन बनाने में मदद करता है जो ऑक्सीजन को शरीर के विभिन्न हिस्सों तक पहुंचाने का काम करता है। अगर आपके शरीर में आयरन की कमी या अधिकता होती है, तो इससे स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं हो सकती हैं। अगर कमी हैं तो दिल, लीवर और बाकी अंगों पर असर डालता है। अगर आपको थकान, बाल झड़ना, साँस लेने में कठिनाई, या कमजोर इम्यून सिस्टम जैसी समस्याएं हो रही हैं, तो यह आयरन की कमी का संकेत हो सकता है। टेस्ट से इन लक्षणों की वजह का पता चलता है।

11.  FSH And LH टेस्ट 

FSH (Follicle-Stimulating Hormone) और LH (Luteinizing Hormone)  का ब्लड टेस्ट हार्मोंन का टेस्ट है। इस टेस्ट के जरिए हार्मोन का लेवल पता चलता है। हार्मोन, पुरुषों और महिला के शरीर में अलग-अलग तरीकों से काम करते हैं और शरीर में हार्मोंन लेवल का संतुलन होना बहुत जरूरी है। इस टेस्ट के जरिए महिला की गर्भधारण में आ रही मुश्किल, मेनोपॉज, पीरियड्स प्रॉब्लम, पीसीओडी, पीसीओएस और पुरुषों के स्पर्म उत्पादन की क्षमता में आने वाली प्रॉब्लम्स आदि का पता चलता है। 

डिस्कलेमरः ब्लड टेस्ट से आप छोटी और बड़ी बीमारी का पता लगा सकते हैं इसलिए साल में एक बार ब्लड टेस्ट जरूर करवाएं और ब्लड टेस्ट कौन-कौन से करवाने अति अनिवार्य है इस बारे में ज्यादा जानकारी डॉक्टर से लें। 
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Vandana

Related News

static