राखी से जुडी हैं कई मान्यताएं, जानें क्यों मनाया जाता है यह त्योहार

punjabkesari.in Sunday, Aug 06, 2017 - 04:45 PM (IST)

रक्षा बंधन भाई-बहन के रिश्ते का सबसे प्यारा त्योहार है। भारत के हर हिस्से में मनाए जाने वाले इस त्योहार का इंतजार हर बहन बेसब्री से करती है। इस त्योहार पर सारे बाजार बहुत सजे होते हैं, बहन अपने भाई के लिए राखी और भाई अपनी प्यारी बहन को गिफ्ट देने के लिए पहले से ही तैयारियां करनी शुरू कर देते हैं। इस त्योहार को मनाने के लिए वैसे तो कोई स्पष्ट परिणाम नहीं है लेकिन इसके साथ जुडे धार्मिक और ऐतिहासिक कई उदाहरण सुनने को मिलते हैं। 
 
धार्मिक महत्व
रक्षा बंधन का महत्व महाभारत जुडा है। कहा जाता है कि श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन शिशुपाल का वध करते समय भगवान श्रीकृष्ण की तर्जनी उंगुली पर चोट आ गई, द्रोपदी ने भगवान कृष्ण के बहते खून को रोकने के लिए अपनी साडी फाड़कर बांधी थी। कौरवों द्वारा द्रोपदी के चीर हरण से भगवान कृष्ण ने उनकी रक्षा करके कर्ज चुकाया था। 

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ऐतिहासिक महत्व
महारानी कर्मावती ने चित्तौड़ की रक्षा करने के लिए मुगल सम्राट हुमायूं को राखी भेजी थी। हूमायूं ने इस धागे का मान करते हुए तुरंत अपनी सेना चितौड़ के लिए रवाना कर दी थी। इसके अलावा राखी से जुड़ी एक और कहानी भी है। सिकंदर की पत्नी ने अपने पति के शत्रु पुरू की कलाई में राखी बांधकर सिकंदर को न मारने का वचन लिया था। पुरू ने राखी का मान करते हुए सिकंदर को जीवनदान दे दिया था।

इसके महत्व को देखते हुए लोग आज भी हर साल बड़े बेसब्री से इस त्योहार का इंतजार करते हैं। बहन और भाई के प्यार का प्रतीक यह त्योहार पूरे देश में मनाया जाता है। 


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