लड़कों का पिंक कलर कैसे बन गया लड़कियों के लिए परफेक्ट?
punjabkesari.in Friday, Mar 08, 2019 - 03:30 PM (IST)

लड़का या लड़की के लिए कोई भी गिफ्ट या चीज खरीदते समय इस बात का ख्याल रखा जाता है कि लड़की के लिए पिंक और लड़के के लिए ब्लू हो। लड़कियों के लिए पिंक कलर या इससे मिलते जुलते कलर को ही प्राथमिकता दी जाती हैं मगर कभी सोचा है कि ऐसा क्यों है। तो चलिए हम बताते है कि लड़कों का पिंक कलर कैसे लड़कियों के लिए परफेक्ट बन गया।
गुलासी रंग की खासियत
दरअसल, लगभग 100 साल पहले यह सोच शुरू हुई कि लड़कियों के लिए पिंक परेफक्ट कलर है। इससे पहले के इतिहास के मुताबिक, पिंक कलर पुरुषत्व का प्रतीक रहा है। दरअसल, जब लाल और सफेद रंग मिला है तो गुलाबी रंग बनता है। लाल रंग हमेशा शक्ति और ताकत का प्रतीक है, वहीं सफेद रंग सुख समृद्धि और शांति का प्रतीक है। इसका अर्थ है कि पिंक कलर शक्ति, ताकत, सुख, समृद्धि और शांति जैसे गुणों का संगम है।
गुलाबी रंग की सच्चाई
इतिहास गवाह है कि राजपूत और राजस्थानी संस्कृति की वीरता और दृढ़ता का प्रतीक जयपुर शहर गुलाबी है। अगर हम इतिहास की झलक देखेंगे तो पाएंगे कि पुराने रोमन सैनिकों के हेल्मेट पर भी लाल या गुलाबी रंग की ही कलगी लगी होती है, यहां तक कि उनका ड्रेसअप भी पिंक हुआ करता था। वहीं, 1794 में आई किताब ‘ए जर्नी राउंड माय रूम’ में लिखा है कि पुरुषों के कमरे में गुलाबी रंग की पेंटिंग और वस्तुएं होनी चाहिए, इससे उत्साह बढ़ता है।
कैसे पुरुषों का गुलाबी रंग बना महिलाएं के लिए?
पिंक कलर लड़कियों के लिए बना है इसके पीछे कहीं नहीं युद्धों का प्रभाव है। दरअसल, प्रथम विश्वयुद्ध के आसपास कुछ ऐसा हुआ जिसमें समाज की स्टीरियोटाइप तय किए गए। प्रथम विश्वयुद्ध के समय कई नए रोजगार बने थे। जिनमें नर्स , वेटर, सेक्रेटरी और टायपिस्ट जैसी नौकरियां शामिल थी। मगर यह नौकरियां व्हाइट कॉलर जॉब्स व जदूरों वाली जॉब ब्लू कॉलर का भी दर्जा भी नहीं मिल पाया। फिर इन नौकरियों को पिंक कॉलर जॉब्स का दर्जा दिया गया जिसकी खासियत थी कि इसमें तरक्की की एक तय सीमा थी। इसीलिए इसे महिला प्रधान माना गया। तभी से गुलाबी रंग महिलाओं के लिए तय कर दिया दया। बस यहीं से पुरुष पिंक से दूर होने लगे। फिर धीरे-धीरे लड़कियों के लिए पिंक और लड़कों के लिए ब्लू कर निर्धारित कर दिया गया।
पेरिस फैशन शो में गुलाबी रंग पर हुई बहस
पेरिस फैशन शो में जेंडर कलर पेयरिंग यानी पुरुषों और महिलाओं को रंगों के आधार पर देखा जाए। 1927 में टाइम मैग्जीन ने लिखा कि पिंक अब भी लड़कों की पसंद है। मगर 1940 महिलाओं के लिए पिंक और पुरुषों के लिए ब्लू कलर की ड्रेसेज का ट्रैंड आया। 1950 में हॉलीवुड की काउबॉय फिल्में से लड़कों में व्हाइट टीशर्ट और ब्लू जींस का फैशन बढ़ा। वहीं पिंक अमेरिकी राष्ट्रपति आइजनहावर की पत्नी मैमी का फेवरेट कलर बन गया जो लड़कियों के लिए भी ट्रैंड बन गया।