बसंत पंचमी: जानिए इस दिन से जुड़े कुछ अलग और अनूठे रीति-रिवाज

punjabkesari.in Sunday, Jan 21, 2018 - 04:26 PM (IST)

माघ महीने के पाचंवे दिन मनाई जाने वाली बसंत पंचमी त्यौहार पूरे देश में में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। हर साल धूमधाम से मनाया जाने वाला यह त्यौहार नए मौसम के आने का संकेत देता है। इस दिन लोग फसल काटने से लेकर सरस्वती देवी की पूजा और पंतगबाजी करते है। इस दिन लोग पीले कपड़े और पीले पकवान के साथ अपनी खुशियों को सेलिब्रेट करते है। पारम्परिक रूप से इस त्यौहार को शीत ऋतु के जाने और बसंत ऋतु आने के रूप में सेलेब्रेट किया जाता है। इस दिन के साथ पूरे देशभर से कई रीति-रिवाज जुड़े हुए है, जिसे लोग आज भी मानते है। आज हम आपको इस दिन से जुड़े ऐसे ही कुछ रीति-रिवाज और धार्मिक मान्यताओं के बारे में बताने जा रहें है। तो चलिए जानते है इस दिन से जुड़़ी ऐसी ही कुछ धार्मिक मान्यताओं के बारे में कुछ बातें।
 

1. देवी सरस्वती की पूजा
बंसत पंचमी के दिन पूरे देश में विद्या और बुद्धि की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। एक कथा के अनुसार इस दिन श्रीकृष्ण ने देवी सरस्वती से खुश होकर उन्हें वरदान दिया था कि बसंत पंचमी के दिन तुम्हारी आराधना की जाएगी। इसी कारण आज के दिन उनकी पूजा की जाती है।

2. पढ़ाई के लिए शुभ
आन्ध्र प्रदेश में इस त्यौहार को विद्यारम्भ पर्व भी कहा जाता है। इस दिन को बच्चों की पढ़ाई के लिए बहुत शुभ माना जाता है। इसी कारण इस दिन बच्चों को प्रथमाक्षर यानी पहला शब्‍द लिखना और पढ़ना सिखाया जाता है।

3. पीला रंग का महत्व
हिंदू पंरपरा में पीले रंग को शुभ माना जाता है। यह रंग समृद्धि, ऊर्जा और सौम्य उष्मा का प्रतीक होता है। इसी कारण बंसत पंचमी के दिन भी हिंदू लोग पीले कपड़े और पीले पकवान के साथ इस त्यौहार को सेलिब्रेट करते है।

4. होली पर्व की शुरूआत
होली पर्व की शुरूआत बंसच पंचमी के दिन से ही की जाती है। इस दिन  लोग एक-दूसरे को गुलाल-अबीर लगाते है। इस दिन से दू लोग होलिका दहन के लिए लकड़ी को उसकी सार्वजनिक जगह पर रखना शुरू कर देते हैं।

5. पंतगबाजी
भारत के कई स्थानों पर इस दिन पंतगबाजी भी की जाती है। वैसे तो लोग मकर सक्रांति के दिन भी पंतगबाजी करते है लेकिन इस दिन ज्यादातर लोग अपनी खुशी को पंतगबाजी के साथ दिखाते है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Punjab Kesari

Recommended News

Related News

static