छोटी उम्र में ही महिलाओं को हो रही है बच्चेदानी में रसौली! जानिए लक्षण और बचाव का तरीका
punjabkesari.in Saturday, Aug 12, 2023 - 03:13 PM (IST)

आजकल के समय में बिजी लाइफस्टाइल के चलते महिलाओं में थायराइड और रसौली की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रसौली को आम भाषा में गांठें बोला जाता है। इसमें गर्भाशय और उसके आसपास गांठें बनती हैं। लेकिन ज्यादातर महिलाओं को इस गंभीर बीमारी के लक्षण पता नहीं होते हैं। वहीं कई महिलाओं को गर्भाशय में रसौली के कारण प्रेग्नेंट होने में भी दिक्कतें आती हैं। ये एक genetic बीमारी हैं तो एक जनरेशन से ज्यादा दूसरे जनरेशन तक चलती हैं। वैसे तो एक समय में गर्भाशय में गांठ पड़ने की समस्या 30-50 साल की महिलाओं को होती थी, लेकिन इधर खराब लाइफस्टाइल के चलते छोटी उम्र की महिलाओं में भी ये परेशानी नजर आने लगी है। इसके पीछे कई सारे कारण होते हैं....
रसौली का कारण
- एस्ट्रोजन हार्मोन की ज्यादा मात्रा
- जेनेटिक कारण
-गर्भनिरोधक गोलियां का ज्यादा सेवन
-गर्भवस्था के दौरान
- मोटापा
-जो कभी मां ना बनी हो
- खाना- पीना सहीन ना होना
-पानी कम पीना
-पीरियड्स सही आना
रसौली होने के लक्षण
- पीरियड्स में हैवी ब्लीडिंग
- अनियमित पीरियड्स
- पेट के नीचे के हिस्से में दर्द
- प्राइवेट पार्ट से खून आना
-एनीमिया
- कमजोरी महसूस करना
-प्राइवेट पार्ट से बदबूदार डिस्चार्ज
-पेशाब रुक- रुककर आना
रसौली से बचने के लिए घरेलू उपाय
आंवले का जूस
ये जूस रसौली को दूर करने का बेहतरीन उपचार है। आंवला में एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। रोजाना सुबह एक चम्मच आंवला का जूस में शहद डालकर खाली पेट पीने से आपको काफी फर्क नजर आएगा।
ग्रीन टी
ग्रीन टी का सेवन से गर्भाशय में रसौली को फैलना से रोकता ह। इसलिए महिलाओं को दिन में कम से 2-3 कप ग्रीन टी पीनी चाहिए।
हल्दी
हल्दी में मौजूद एंटीबॉयोटिक गुण शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है, साथ ही इससे गर्भशय कैंसर का खतरा भी कम होता है।
लहसुन
2 महीने तक खाली पेट रोज 1 लहसुन का सेवन करने से रसौली की समस्या जड़ से खत्म हो सकती है।