सपनों में क्यों आते हैं पूर्वज और दिवंगत व्यक्ति? जानिए प्रेमानंद महाराज से इसका गहरा रहस्य
punjabkesari.in Sunday, Jun 08, 2025 - 06:00 PM (IST)

नारी डेस्क: रात को जब हम गहरी नींद में होते हैं तो हमारा शरीर भले ही विश्राम करता हो, लेकिन मन और चेतना की यात्रा जारी रहती है। इसी यात्रा के दौरान कई बार हमें सपनों के रूप में कुछ ऐसे दृश्य दिखाई देते हैं जो हमें भावुक भी कर देते हैं और परेशान भी। खासकर जब कोई मृत व्यक्ति या पूर्वज सपने में दिखे, तो हम घबरा जाते हैं कि आखिर इसका क्या मतलब है? क्या यह कोई संकेत है या डर का कारण? इस विषय पर वृंदावन-मथुरा के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज ने सपनों को लेकर बहुत ही शांत, आध्यात्मिक और तार्किक व्याख्या दी है जो हर व्यक्ति को जाननी चाहिए।
सपनों में क्यों आते हैं पूर्वज?
प्रेमानंद महाराज कहते हैं, "पूर्वजों का सपनों में आना कोई भूत-प्रेत या अशुभ संकेत नहीं होता, बल्कि यह आत्मा का मूक संवाद होता है। यह एक अवसर होता है जब आत्माएं अपने संबंधियों को कुछ याद दिलाने या मार्ग दिखाने के लिए प्रकट होती हैं।" अक्सर ऐसा तब होता है जब हम पितृ ऋण या कोई पारिवारिक दायित्व अधूरा छोड़ देते हैं। ऐसे में आत्मिक ऊर्जा हमारे सपनों के माध्यम से हमें चेताती है। कई लोग जब अपने पूर्वजों या मृत परिजनों को सपने में देखते हैं, तो वे घबरा जाते हैं। लेकिन प्रेमानंद महाराज का कहना है कि यह डरने का विषय नहीं है, बल्कि उस आत्मा का एक संवेदनशील और प्रेमपूर्ण संकेत होता है। यह आत्मा का एक सौम्य स्मरण है कि हमने कुछ छोड़ा है—कोई कर्म, कोई श्राद्ध या कोई भाव।
तीन प्रकार के होते हैं सपने: प्रेमानंद महाराज की व्याख्या
मानसिक सपने: ये वो सपने होते हैं जो हमारे दिनभर के तनाव, विचार, या अनुभव से बनते हैं। जैसे आपने दिन में किसी व्यक्ति के बारे में सोचा, तो रात को वो सपना बन गया।
काल्पनिक या निरर्थक सपने: ये केवल मस्तिष्क की हलचल होते हैं जिनका कोई विशेष मतलब नहीं होता। जैसे रंग-बिरंगे दृश्य, असंगत घटनाएं, उड़ना, गिरना आदि।
आध्यात्मिक सपने: ये सबसे महत्वपूर्ण और संकेत देने वाले सपने होते हैं। इनमें किसी संत, महापुरुष, भगवान या पूर्वज का दर्शन होता है। ये सपने आत्मा से आत्मा के संवाद होते हैं जो कर्तव्य, चेतावनी या मार्गदर्शन देते हैं।
यदि सपने में दिखे मृत व्यक्ति या पूर्वज तो क्या करें?
प्रेमानंद महाराज की सलाह है कि ऐसे सपनों को देखकर घबराएं नहीं, बल्कि शांत मन से आत्ममंथन करें। कुछ उपाय जो ऐसे समय किए जा सकते हैं। पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पितृ तर्पण या श्राद्ध कर्म करें। किसी गरीब को भोजन कराएं या दान दें। रोज सुबह गायत्री मंत्र या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। अपने मन की बात ईश्वर से साझा करें और मार्गदर्शन माँगें। जीवन में किसी अधूरे कार्य को पूरा करने की कोशिश करें