Year Ender 2024: इन बीमारियों ने इस साल मचाया हड़कंप, जान लीजिए इनके बारे में

punjabkesari.in Wednesday, Dec 25, 2024 - 05:31 PM (IST)

नारी डेस्क: साल 2024 अपने अंतिम पड़ाव पर है, और इस वर्ष ने हमसे कई महत्वपूर्ण घटनाएं छीन लीं, जिनमें से कुछ बीमारियों ने खासतौर पर सुर्खियां बटोरीं। हम आज इस लेख में उन बीमारियों के बारे में बात करेंगे, जिन्होंने इस साल भारत में तबाही मचाई और लोगों को चिंता में डाल दिया। इनमें कुछ नए वायरस और संक्रमण शामिल हैं, जिन्होंने इस साल के अंत तक देश भर में अपना प्रभाव दिखाया है। आइए जानते हैं उन प्रमुख बीमारियों के बारे में, जो इस साल चर्चा का विषय बनीं।

निपाह वायरस (Nipah Virus)

निपाह वायरस 2024 में एक बार फिर सुर्खियों में रहा। यह एक जानलेवा वायरस है, जो चमगादड़ और सूअरों से फैलता है। 2018 में भारत के केरल राज्य में इसका पहला प्रकोप देखा गया था, लेकिन इस साल भी कई राज्य में इसके मामले सामने आए। निपाह वायरस के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और सांस लेने में कठिनाई शामिल हैं। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। इसके इलाज के लिए अभी तक कोई खास दवा उपलब्ध नहीं है, जिससे यह वायरस और भी खतरनाक हो जाता है।

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 जीका वायरस (Zika Virus)

जीका वायरस, जो एडीज एजिप्टी मच्छर द्वारा फैलता है, भारत में एक बार फिर गंभीर खतरा बनकर उभरा है। 2024 में इस वायरस के कई मामले देश के विभिन्न हिस्सों में पाए गए। जीका वायरस के लक्षण में हल्का बुखार, लाल आंखें, त्वचा पर रैशेज और जोड़ों में दर्द शामिल हैं। गर्भवती महिलाओं में यह वायरस गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए खतरे का कारण बन सकता है, जिससे बच्चों में माइक्रोसेफली जैसी बीमारी हो सकती है।

क्रीमियन-कांगो रक्तस्रावी बुखार (CCHF)

क्रीमियन-कांगो रक्तस्रावी बुखार (CCHF) एक ऐसा वायरस है, जो तिखे मच्छरों, टिक्स और अन्य कीड़ों से फैलता है। 2024 में इस वायरस के प्रकोप ने गुजरात, राजस्थान, केरल और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में चिंताएं बढ़ा दी। CCHF के लक्षणों में बुखार, शरीर में दर्द, सिरदर्द और रक्तस्राव शामिल होते हैं, जो अगर जल्दी इलाज न मिले, तो जानलेवा हो सकता है। इस वायरस के लिए कोई खास इलाज नहीं है, लेकिन इलाज में एंटीवायरल दवाइयों का उपयोग किया जा सकता है।

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चांदीपुरा वायरस (Chandipura Virus)

चांदीपुरा वायरस, जो मच्छरों, टिक्स और रेत मक्खियों द्वारा फैलता है, इस साल फिर से भारत में सक्रिय हो गया। इसका पहला प्रकोप 1965 में महाराष्ट्र में देखा गया था, और अब फिर से इस वायरस के मामले सामने आए हैं। यह वायरस मुख्य रूप से महाराष्ट्र और गुजरात में फैलता है। इस वायरस के संक्रमण से बुखार, सिरदर्द, दौरे, और न्यूरोलॉजिकल लक्षणों का सामना करना पड़ता है। इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है, अगर इलाज में देरी हो जाए।

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डेंगू (Dengue)

डेंगू वायरस का प्रकोप भारत में हर साल होता है, लेकिन 2024 में इसके मामले और भी बढ़ गए। डेंगू मच्छरों के द्वारा फैलता है, और इसके कारण बुखार, शरीर में दर्द, चकत्ते और कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इस साल भी डेंगू के मामले देश भर में तेजी से बढ़े हैं, खासकर बारिश के मौसम में। डेंगू से बचाव के लिए मच्छरदानी का उपयोग, मच्छर को मारने वाले स्प्रे और मच्छरों से बचाव के उपायों का पालन करना महत्वपूर्ण है।

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जापानी इंसेफेलाइटिस (Japanese Encephalitis)

जापानी इंसेफेलाइटिस एक वायरल संक्रमण है जो मच्छरों के द्वारा फैलता है। यह बीमारी खासकर उन क्षेत्रों में देखी जाती है, जहां मच्छरों की अधिकता होती है। 2024 में इस संक्रमण के मामलों में इजाफा हुआ है, जिससे कई लोगों की जान गई। इस बीमारी के कारण मस्तिष्क में सूजन आ जाती है, जिससे दिमागी विकार और कभी-कभी मृत्यु भी हो सकती है।

 क्यासनूर वन रोग (KFD)

क्यासनूर वन रोग, जिसे "क्यासनूर जंगल बुखार" भी कहा जाता है, 2024 में भारत में एक और नई चिंता बनकर उभरा है। यह वायरल संक्रमण मुख्य रूप से कर्नाटक, महाराष्ट्र, और कुछ अन्य राज्यों में पाया जाता है। यह रोग टिक के काटने से फैलता है और इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और न्यूरोलॉजिकल समस्याएं शामिल हैं। इस बीमारी के उपचार के लिए कोई विशिष्ट दवा नहीं है, लेकिन इलाज में सपोर्टिव थेरेपी दी जाती है।

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2024 में भारत में कई नई बीमारियों का प्रकोप देखा गया, जिनमें निपाह वायरस, जीका वायरस, क्रीमियन-कांगो रक्तस्रावी बुखार, चांदीपुरा वायरस, डेंगू, जापानी इंसेफेलाइटिस और क्यासनूर वन रोग जैसे वायरस शामिल हैं। इन बीमारियों ने न केवल स्वास्थ्य विभाग को चुनौती दी है, बल्कि देश के नागरिकों को भी स्वास्थ्य सुरक्षा के उपायों पर अधिक ध्यान देने के लिए मजबूर किया है। इन बीमारियों से बचाव के लिए सतर्कता, सफाई और समय पर इलाज जरूरी है।
 

 


 


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Content Editor

Priya Yadav

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