गलत ऑपरेशन के बाद कचरे में फैंकी बच्चेदानी, डॉक्टरों के खिलाफ FIR दर्ज

punjabkesari.in Saturday, Sep 20, 2025 - 04:26 PM (IST)

नारी डेस्क: लखनऊ के एक निजी अस्पताल शालिनी हॉस्पिटल, सीतापुर रोड (शेरवानी नगर) में इलाज के नाम पर एक महिला के साथ गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। आरोप है कि डॉक्टरों ने महिला की बिना सही प्रक्रिया के बच्चेदानी (Uterus) निकाल दी और फिर उसे जांच के लिए लैब भेजने के बजाय कचरे में फेंक दिया। यह मामला अब इतना गंभीर हो गया है कि कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने अस्पताल प्रबंधन समेत डॉ. शिखा, डॉ. रितुज और अन्य के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज कर ली है।

पीड़ित परिवार का आरोप

मड़ियांव के सेमरा गोढ़ी निवासी अमरजीत गौतम ने बताया कि उनकी मां की तबीयत खराब थी, जिसके इलाज के लिए वे उन्हें शालिनी हॉस्पिटल लेकर गए। जांच के बाद डॉक्टरों ने कहा कि बच्चेदानी में समस्या है और उसे निकालना जरूरी है। डॉ. शिखा और डॉ. रितुज ने 20 अक्टूबर 2023 की रात ऑपरेशन किया। पहले कहा गया था कि बच्चेदानी को प्राइवेट पार्ट से निकाला जाएगा, लेकिन ऑपरेशन के दौरान पेट में चीरा लगाकर उसे निकाला गया। इसके लिए 60,000 रुपये लिए गए।

डॉक्टरों से हुई गंभीर लापरवाही

इलाज के दस्तावेज नहीं दिए गए ऑपरेशन के बाद जब मरीज को छुट्टी दी गई, तो अस्पताल ने इलाज से जुड़ी कोई फाइल या रिपोर्ट नहीं दी। बच्चेदानी लैब नहीं भेजी गई ऑपरेशन के बाद निकाले गए अंग को जांच के लिए लैब भेजा जाता है, लेकिन यहां उसे कचरे में फेंक दिया गया। मरीज की हालत और बिगड़ी ऑपरेशन के कुछ दिन बाद जब महिला की तबीयत और बिगड़ने लगी, तो उन्होंने दोबारा डॉक्टर को दिखाया। डॉ. शालिनी ने इसे मामूली सूजन बताकर दवा दे दी, लेकिन स्थिति और खराब होती गई।

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 क्या हुआ आगे?

हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने बाहर से विशेषज्ञ डॉक्टर बुलाया, जिन्होंने बताया कि महिला की पेशाब की थैली (Bladder) खिसक गई है उसे थर्ड ग्रेड सिस्टोलिस हो गया है (यह एक गंभीर स्थिति होती है) जब मरीज को दूसरे अस्पताल में दिखाया गया तो वहां जांच में पहले ऑपरेशन में भारी लापरवाही की बात सामने आई और एक और सर्जरी करनी पड़ी।

 प्रशासन की कार्रवाई

CMO ऑफिस ने पहले ही शालिनी हॉस्पिटल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए अस्पताल संचालन पर रोक लगा दी थी। अब कोर्ट के आदेश के बाद मड़ियांव पुलिस ने अस्पताल प्रबंधन, डॉ. शिखा, डॉ. रितुज और अन्य जिम्मेदारों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। यह मामला सिर्फ मेडिकल लापरवाही का नहीं, बल्कि एक महिला की सेहत और मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मामला है। अब देखना होगा कि जांच में आगे क्या निकलता है और दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है।  


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Content Editor

Priya Yadav

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