World Rabies Day 2025: वैक्सीन के बाद भी रहता है खतरा, घर में है पालतू कुत्ता तो जान ले ये जरूरी बातें
punjabkesari.in Sunday, Sep 28, 2025 - 03:06 PM (IST)

नारी डेस्क: हर साल 28 सितंबर को विश्व रेबीज दिवस (World Rabies Day) मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को इस जानलेवा बीमारी के बारे में जागरूक करना और इसके बचाव के उपायों की जानकारी देना है। रेबीज एक ऐसी बीमारी है, जो एक बार लक्षण दिखाने पर मौत की गारंटी बन जाती है। इसलिए अगर आपके घर में पालतू कुत्ता है तो आपको इस बीमारी के बारे में पूरी जानकारी होना बेहद जरूरी है।
रेबीज क्या है और क्यों है खतरनाक?
रेबीज एक वायरल बीमारी है जो संक्रमित जानवरों की लार या काटने से फैलती है। WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में हर साल हजारों लोग रेबीज के कारण अपनी जान गंवाते हैं, जिनमें 99% केस संक्रमित कुत्तों के काटने से जुड़े होते हैं। सबसे खतरनाक बात यह है कि एक बार लक्षण दिखाई देने के बाद इसका कोई इलाज नहीं है और मरीज की मौत निश्चित हो जाती है। यही कारण है कि इसे सबसे घातक बीमारियों में गिना जाता है।
वैक्सीन के बाद भी रहता है रिस्क
कई लोग मानते हैं कि घर के पालतू कुत्ते काट लें तो रेबीज नहीं होता, जबकि यह गलत है। यदि आपके पालतू डॉग का समय पर वैक्सीनेशन नहीं हुआ है तो उसके काटने या खरोंच से भी रेबीज हो सकता है। यहां तक कि अगर कुत्ते का वैक्सीनेशन हुआ भी है, तब भी उसके काटने पर डॉक्टर से जरूर परामर्श लेना चाहिए। डॉक्टर घाव देखकर तय करते हैं कि आपको टीका लगवाने की जरूरत है या नहीं। ध्यान रखें – कुत्ते का काटना ही नहीं बल्कि उसका घाव को चाटना भी खतरनाक हो सकता है। ऐसे में तुरंत घाव को धोना और डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।
रेबीज के लक्षण क्या होते हैं?
रेबीज की शुरुआत फ्लू जैसे लक्षणों से होती है और धीरे-धीरे यह गंभीर हो जाती है। इसके लक्षणों में शामिल हैं
तेज बुखार और सिरदर्द
जी मिचलाना और उल्टी
बेचैनी और घबराहट
एंग्जायटी और भ्रम
निगलने में कठिनाई
अत्यधिक लार आना
पानी और हवा से डर लगना
नींद न आना (इनसोम्निया)
आंशिक लकवा (Partial Paralysis)
एक बार जब ये लक्षण दिखने लगते हैं, तो मरीज की जान बचाना लगभग असंभव हो जाता है।
बचाव के उपाय: कैसे बचा सकते हैं जान?
कुत्तों का वैक्सीनेशन करें: पिल्लों सहित सभी कुत्तों को समय-समय पर रेबीज का टीका लगाना बेहद जरूरी है। यह बीमारी रोकने का सबसे असरदार तरीका है।
इंसानों के लिए भी वैक्सीन: अगर आप ऐसे इलाके में रहते हैं जहां कुत्तों के काटने की संभावना ज्यादा है तो आप पहले से भी रेबीज का टीका लगवा सकते हैं।
जागरूकता बढ़ाएं: बच्चों और बड़ों को यह जानकारी दें कि कुत्तों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए और काटने या खरोंचने की स्थिति में क्या करना चाहिए।
काटने के बाद तुरंत एक्शन लें: अगर कुत्ता या कोई अन्य जानवर काट ले तो घाव को कम से कम 15 मिनट तक साबुन और साफ पानी से धोएं। इसके बाद तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और डॉक्टर की सलाह के अनुसार वैक्सीन लगवाएं।
रेबीज एक लाइलाज और घातक बीमारी है, लेकिन समय पर कदम उठाकर इससे बचा जा सकता है। पालतू कुत्तों का टीकाकरण, सतर्कता और काटे जाने के बाद तुरंत इलाज ही इसका सबसे बड़ा बचाव है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से दवा या इलाज का विकल्प नहीं है। किसी भी संदिग्ध स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।