पुरुषों के मुकाबले महिलाएं बनी Smart Investor, म्युचुअल फंड और SIP पर खूब कर रही हैं निवेश
punjabkesari.in Thursday, Mar 27, 2025 - 01:32 PM (IST)

नारी डेस्क: पारंपरिक रूप से भारत में महिलाओं की निवेश की भागीदारी कम रही है, लेकिन अब परिस्थितियां बदल रही हैं। पिछले कुछ वर्षों में महिलाओं का वित्तीय जागरूकता, निवेश ज्ञान और आत्मनिर्भरता की ओर रुझान बढ़ा है। महिलाएं अब सिर्फ गृहिणी या सेविका ही नहीं, बल्कि स्मार्ट इन्वेस्टर भी बन रही हैं। वे म्युचुअल फंड, स्टॉक्स, गोल्ड, प्रॉपर्टी और SIP जैसे विकल्पों में निवेश कर रही हैं।
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म्यूचुअल फंड पर महिलाओं को ज्यादा भरोसा
नई रिपोर्ट के मुताबिक भारत में महिला निवेशक म्यूचुअल फंड निवेश में तेजी से महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, क्योंकि उनका एसेट्स अंडर मैनेजमेंट मार्च 2019 में 4.59 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर मार्च 2024 में 11.25 लाख करोड़ रुपये हो गया है जो कि डबल है।। म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाली महिलाओं की संख्या में भी तेजी से वृद्धि हुई है, हर चार में से एक निवेशक महिला है। इसके अतिरिक्त, महिलाओं ने अपने निवेश पोर्टफोलियो के औसत आकार में तेज वृद्धि दर दिखाई है, मार्च 2019 और मार्च 2024 के बीच उनके फ़ोलियो आकार में 24 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि पुरुषों के लिए यह वृद्धि केवल 6 प्रतिशत रही है।
रेगुलर इन्वेस्टमेंट प्लान ले रही महिलाएं
रिपोर्ट में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान्स (SIP) में भी उल्लेखनीय वृद्धि दिखाई गई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक Mutual Funds में निवेश करने वालीं ज्यादातर महिला निवेशक रेगुलर इन्वेस्टमेंट प्लान के तहत पैसे लगाती हैं और जब म्यूचुअल फंड वितरक के माध्यम से निवेश करती है। म्यूचुअल फंड्स में महिलाओं की बढ़ती भागीदार के पीछे रिपोर्ट में जो वजहे बताईं गई हैं उनका लेबर पार्टिसिपेशन, यानी कामकाजी महिलाओं की संख्या में इजाफा हुआ है और महिलाओं की साक्षरता भी इस ट्रेंड को बढ़ावा देती है।
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भारत में महिलाओं की निवेश भागीदारी की स्थिति
महिलाएं अब निवेश में अधिक सक्रिय हो रही हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार शेयर बाजार में निवेश करने वाली महिलाओं की संख्या 15% तक बढ़ी है। भारत में 41% महिलाएं नियमित रूप से SIP में निवेश कर रही हैं। फिनटेक कंपनियों का कहना है कि महिलाओं के निवेश पोर्टफोलियो में विविधता आई है। वित्तीय स्वतंत्रता की चाह ने महिलाओं को निवेश के प्रति अधिक जागरूक बनाया है। महिलाएं अब SIP (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के जरिए निवेश कर रही हैं, यह उन्हें नियमित बचत और लॉन्ग टर्म ग्रोथ का लाभ देता है। मिड और स्मॉल कैप फंड में महिलाओं का निवेश ज्यादा देखने को मिल रहा है।
शेयर बाजार में भी महिलाओं की भागीदारी
महिलाएं अब स्टॉक्स में भी निवेश कर रही हैं। महानगरों में रहने वाली 30-40% महिलाएं शेयर मार्केट में निवेश कर रही हैंवे IPO, ब्लू-चिप स्टॉक्स और लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट को प्राथमिकता दे रही हैं। महिलाएं अब सिर्फ गोल्ड में ही नहीं, बल्कि ईक्विटी म्यूचुअल फंड और स्टॉक्स में भी रुचि ले रही हैं। कई महिलाएं अपने नाम पर घर खरीद रही हैं, जिससे उन्हें टैक्स में भी छूट मिलती है। गृह ऋण (होम लोन) में महिलाओं को 0.05% की दर पर छूट मिलती है, जिससे उन्हें प्रॉपर्टी खरीदने में सहूलियत होती है। 2023 में महिलाओं के नाम रजिस्टर्ड प्रॉपर्टी की संख्या में 25% की वृद्धि दर्ज की गई।
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डिजिटल निवेश और क्रिप्टोकरेंसी में भी बढ़ी भागीदारी
नई पीढ़ी की महिलाएं अब डिजिटल निवेश को भी प्राथमिकता दे रही हैं।क्रिप्टोकरेंसी में भी महिलाओं की भागीदारी तेजी से बढ़ रही है।2024 में क्रिप्टो में निवेश करने वाली भारतीय महिलाओं की संख्या 12% तक बढ़ी।हालांकि, यह निवेश अभी भी जोखिमभरा और अस्थिर माना जाता है, लेकिन महिलाएं इसे एक साहसिक विकल्प के रूप में देख रही हैं। इंटरनेट और फिनटेक प्लेटफॉर्म के जरिए महिलाएं वित्तीय साक्षरता भी प्राप्त कर रही हैं।महिलाएं अब अपनी वित्तीय प्लानिंग खुद कर रही हैं, वे निवेश को केवल बचत का माध्यम नहीं, बल्कि वेल्थ क्रिएशन का जरिया मानने लगी हैं।
निवेश में महिलाओं को होने वाले लाभ
महिलाएं ELSS, PPF और NPS जैसी योजनाओं में निवेश कर टैक्स बचा रही हैं। गृह ऋण लेने पर महिलाओं को 0.05% कम ब्याज दर का लाभ मिलता है। म्युचुअल फंड और SIP में भी महिलाओं को अच्छा रिटर्न मिल रहा है। गोल्ड और रियल एस्टेट में निवेश करने से सुरक्षित निवेश का लाभ मिलता है।महिलाओं को निवेश से भविष्य में आर्थिक सुरक्षा मिलती है, वे अपने रिटायरमेंट के लिए भी पेंशन योजनाओं में निवेश कर रही हैं।