आशिक ने बनाया प्रेमिका के बच्चे को बंधक, फिर खौफनाक मंजर ने दहला दिया सबको...
punjabkesari.in Saturday, Sep 20, 2025 - 08:08 PM (IST)

नारी डेस्क : उत्तर प्रदेश के कन्नौज से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। यहां एक सिरफिरे युवक ने अपनी पत्नी के घर पहुंचकर उसके दो बच्चों को तमंचे के बल पर बंधक बना लिया। करीब आठ घंटे तक उसने कमरे में बच्चों को बंद रखा और कभी खुद को, तो कभी बच्चों को गोली मारने की धमकी देता रहा। जाने पूरा मामला।
तालग्राम क्षेत्र के ग्राम सलेमपुर निवासी दीपू चक ने छिबरामऊ की एक महिला से चार महीने पहले कोर्ट मैरिज की थी। महिला के पहले पति की मौत हो चुकी थी और उसकी 13 साल की बेटी व 8 साल का बेटा नानी के घर रहते थे। कुछ दिन पहले महिला दीपू को छोड़कर कहीं चली गई थी। शुक्रवार सुबह करीब 11:30 बजे दीपू गुस्से में पत्नी को खोजते हुए उसके मायके पहुंचा। वहां, उसने दोनों बच्चों को कमरे में बंद कर दिया और तमंचा तानकर धमकाने लगा।
पुलिस पहुंची, लेकिन आरोपी नहीं माना
सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी को समझाने की कोशिश की। दीपू लगातार पत्नी को बुलाने की जिद पर अड़ा रहा। इस दौरान मौका पाकर बेटी कमरे से बाहर निकल आई, लेकिन बेटा अंदर ही फंसा रहा। एएसपी और सीओ मौके पर पहुंचे और घंटों आरोपी को मनाने का प्रयास किया।
8 घंटे तक चला हाई ड्रामा
शाम करीब पुलिस ने आरोपी को पत्नी को बुलाने का आश्वासन दिया। इसके बाद बेटे को भी कमरे से बाहर निकाला गया। लेकिन जब एसओजी (SOG) प्रभारी ने आरोपी को पकड़ने की कोशिश की, तो दीपू ने गोली चला दी। गोली एसओजी (SOG) के हाथ को छूते हुए निकल गई। इसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में फायरिंग की, जिसमें गोली दीपू के पैर में लगी। पुलिस ने तुरंत उसे काबू में लेकर सौ शैय्या अस्पताल में भर्ती कराया।
सात कारतूस बरामद
एसपी (SP) ने बताया कि आरोपी के पास से सात जिंदा कारतूस मिले। पुलिस ने वीडियो कॉल के जरिए आरोपी की पत्नी से बात कराई थी, लेकिन इसके बाद दीपू और भड़क गया और बच्चे के सिर पर तमंचा रख दिया था। सौभाग्य से पुलिस समय रहते बच्चे को सुरक्षित बाहर निकालने में सफल रही।
लड़की ने दिखाई सूझबूझ
इस घटना में 13 साल की बेटी ने समझदारी दिखाते हुए फोन लाने का बहाना बनाया और कमरे से बाहर निकल गई। बाहर आकर उसने पड़ोसियों और पुलिस को सूचना दी। दूसरी तरफ अपने भाई को बचाने के लिए वह लगातार लोगों से मदद की गुहार लगाती रही। मासूम बेटा अब भी डरा सहमा रहा। बता दें की करीब आठ घंटे बंधक रहने के बाद जब पुलिस ने बच्चे को छुड़ाया, तो वह इस कदर सहमा हुआ था कि उसके मुंह से शब्द नहीं निकल रहे थे। लोगों ने बच्चे को खाना-पानी दिया और ढांढस बंधाया। उसकी आंखों में अब भी डर और सदमा साफ दिखाई दे रहा था।
यह घटना न केवल परिवारिक विवाद की गंभीरता को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि किस तरह पुलिस और स्थानीय लोगों की समझदारी से बड़ी दुर्घटना को टाला जा सकता है।