Parenting Tips: क्या आपके बच्चे भी आपसे छिपा रहे हैं बातें ?
punjabkesari.in Thursday, Feb 27, 2025 - 11:05 AM (IST)
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नारी डेस्क: कई बार बच्चों से जुड़ी ऐसी समस्याएं सामने आती हैं, जिनके बारे में हमें पता नहीं चलता। बच्चे हमसे अपनी बातों को छिपाने लगते हैं और हमें समझ में नहीं आता कि आखिर वे ऐसा क्यों कर रहे हैं। अगर आपके बच्चे भी आपसे अपनी बातें छिपाते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। यहां हम आपको उन कारणों के बारे में बताएंगे, जिनकी वजह से बच्चे अपनी बातें अपने माता-पिता से छुपाते हैं और इसे कैसे ठीक किया जा सकता है।
सजा मिलने का डर
बच्चे कभी-कभी इसलिए बातें छिपाते हैं क्योंकि उन्हें डर होता है कि अगर वे कुछ गलत बताएंगे, तो उन्हें सजा मिल सकती है। उदाहरण के तौर पर, अगर बच्चे स्कूल में कुछ ऐसा करते हैं जो उनके माता-पिता को नापसंद हो, तो उन्हें डर होता है कि यदि वे इसका जिक्र करेंगे, तो उन्हें डांट या सजा मिल सकती है। इसके कारण बच्चे धीरे-धीरे अपनी बातों को छिपाने लगते हैं ताकि वे बच सकें। ऐसे में बच्चों को यह एहसास दिलाना जरूरी है कि वे अपनी गलतियों के बारे में बिना डर के बात कर सकते हैं, क्योंकि आप उनकी मदद करने के लिए हैं, ना कि उन्हें सजा देने के लिए।
इमोशन न समझने का डर
कभी-कभी बच्चे अपने माता-पिता से इसलिए बातें छिपाते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि आप उनकी भावनाओं को नहीं समझेंगे। छोटे बच्चों के लिए अपनी भावनाओं को शब्दों में व्यक्त करना मुश्किल हो सकता है। वे अक्सर इस डर से अपनी भावनाओं को अंदर दबा लेते हैं कि उन्हें समझा नहीं जाएगा या उनकी भावना को हल्का समझा जाएगा। इस कारण, बच्चों को यह महसूस कराना जरूरी है कि उनके माता-पिता उनकी भावनाओं को समझेंगे और उनकी बातों का सम्मान करेंगे।
तनाव या ट्रॉमा
बच्चों के जीवन में कई बार तनाव या मानसिक आघात (ट्रॉमा) की स्थिति होती है। अगर बच्चा किसी परेशानी या समस्या से गुजर रहा है, तो वह डर और अकेलापन महसूस कर सकता है। इस दौरान, वह खुद को दूसरों से अलग महसूस करता है और आपसे भी बातें छिपाने लगता है। कभी-कभी स्कूल, दोस्तों से जुड़ी समस्याओं या परिवार में किसी विवाद के कारण बच्चों पर मानसिक दबाव पड़ता है। ऐसे में, बच्चे अपनी समस्याओं को अपने माता-पिता से छिपा सकते हैं, ताकि वे खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें। इस स्थिति में, बच्चों को समझने और उनका सपोर्ट करना बेहद महत्वपूर्ण है।
दोस्तों का प्रभाव
बच्चे अक्सर अपने दोस्तों की बातों को अपने माता-पिता से छिपाने लगते हैं। जब वे देखते हैं कि उनके दोस्त कुछ खास काम कर रहे होते हैं या कुछ ऐसा कर रहे होते हैं जो उनके माता-पिता को पसंद नहीं आएगा, तो वे भी वही करने लगते हैं और इसे आपसे छिपाने की कोशिश करते हैं। दोस्तों का दबाव और समाजिक वातावरण बच्चों के लिए कई बार भ्रमित कर देने वाला हो सकता है। ऐसे में बच्चों को यह सिखाना जरूरी है कि वे अपनी सही और गलत की पहचान करें और बिना डर के अपने माता-पिता से बात करें।
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परिवार में तनावपूर्ण वातावरण
अगर परिवार में लगातार तनाव, बहस या विवाद होते हैं, तो बच्चों को डर और चिंता हो सकती है। ऐसे माहौल में बच्चों का मानसिक विकास प्रभावित हो सकता है और वे अपनी बातों को छिपाने लगते हैं। उन्हें लगता है कि अगर वे कुछ बताएंगे तो घर में और अधिक तनाव बढ़ेगा। इससे बचने के लिए परिवार में एक शांतिपूर्ण और सकारात्मक माहौल बनाए रखना जरूरी है ताकि बच्चे अपनी समस्याओं और विचारों को सहजता से साझा कर सकें।
पेरेंट्स से बहुत अधिक उम्मीदें
कभी-कभी बच्चों को यह महसूस होता है कि उनके माता-पिता की अपेक्षाएं बहुत अधिक हैं और वे कभी भी उन उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सकते। इस दबाव के कारण बच्चे अपनी असफलताओं और कमजोरियों को छिपाने लगते हैं। वे यह नहीं चाहते कि उनके माता-पिता को उनके असफल प्रयासों का पता चले, इसलिए वे अपनी समस्याओं को आपसे छिपाते हैं। बच्चों को यह बताना जरूरी है कि उनकी कोशिश और प्रयास सबसे महत्वपूर्ण हैं, और वे जब चाहें तब अपनी चिंता आपसे शेयर कर सकते हैं।
अपनी व्यक्तिगत जगह की तलाश
जब बच्चे बड़े होते हैं, तो उन्हें अपनी व्यक्तिगत जगह और गोपनीयता की जरूरत महसूस होती है। वे चाहते हैं कि कुछ चीजें उनकी अपनी हों, जिन्हें वे अपने हिसाब से संभाल सकें। इस अवस्था में, बच्चे अपने माता-पिता से कुछ बातें छिपाते हैं, ताकि उन्हें अपनी स्वतंत्रता मिल सके। यह एक सामान्य प्रक्रिया है, और बच्चों को अपनी व्यक्तिगत सीमाओं के बारे में समझाना और उनका सम्मान करना जरूरी है।
सोशल मीडिया और डिजिटल प्रभाव
आज के दौर में बच्चों का अधिकांश समय सोशल मीडिया और डिजिटल दुनिया में गुजरता है। वे कई बातें अपने माता-पिता से इसलिए छिपाते हैं क्योंकि वे नहीं चाहते कि उनके ऑनलाइन गतिविधियों का पता चले। सोशल मीडिया पर मिलने वाले विभिन्न दबाव और प्रभाव बच्चों को कुछ चीजें छिपाने के लिए मजबूर कर सकते हैं। यहां, माता-पिता को बच्चों के डिजिटल गतिविधियों पर नजर रखना और उनके साथ बातचीत करना जरूरी है ताकि वे सुरक्षित और समझदारी से सोशल मीडिया का इस्तेमाल करें।
बच्चों के माता-पिता से बातें छिपाने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन यह जरूरी है कि आप अपने बच्चों से खुले संवाद को बढ़ावा दें। उन्हें यह महसूस कराएं कि वे बिना डर के अपनी समस्याएं और विचार आपसे साझा कर सकते हैं। एक समझदार और सहायक माता-पिता बनने से बच्चे अपनी भावनाओं और चिंताओं को शेयर करेंगे और आप दोनों के बीच विश्वास मजबूत होगा।