क्यों बढ़ रही है थायराइड की समस्या? जानें पूरी जानकारी और घरेलू उपाय

punjabkesari.in Tuesday, Aug 26, 2025 - 02:34 PM (IST)

नारी डेस्क : आज के समय में थायराइड (Thyroid) की बीमारी बहुत तेजी से बढ़ रही है। यह समस्या केवल वजन को प्रभावित नहीं करती, बल्कि शरीर के हार्मोन को भी असंतुलित कर देती है। थायरॉयड ग्लैंड हमारे गले में मौजूद एक तितली के आकार की ग्रंथि है और यह शरीर की सबसे बड़ी अंतः स्रावी ग्रंथियों (Endocrine Glands) में से एक है। इसका काम शरीर के मेटाबॉलिज्म, ऊर्जा उत्पादन और हार्मोन के संतुलन को बनाए रखना है। अगर थायरॉयड ग्लैंड ठीक से काम न करे तो यह दो प्रमुख बीमारियों का कारण बन सकता है।

थायराइड क्या है?

थायराइड (Thyroid) एक छोटा-सा तितली के आकार का ग्रंथि है, जो हमारे गले के सामने वॉयस बॉक्स (गले की नली) के ठीक नीचे स्थित होता है। यह हार्मोन बनाता है, जो शरीर की कई जरूरी प्रक्रियाओं को नियंत्रित करते हैं। थायरॉयड की मदद से शरीर में ऊर्जा का स्तर संतुलित रहता है, हृदय की धड़कन नियंत्रित रहती है साथ ही पाचन क्रिया सही ढंग से काम करता है,वजन का संतुलन बना रहता है, और महिलाओं में मासिक धर्म व प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है।

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थायराइड रोग के प्रकार

1. हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism)

जब थायराइड ग्रंथि पर्याप्त मात्रा में हार्मोन नहीं बना पाती, तो शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है। इसके कारण कई तरह की समस्याएं सामने आती हैं, जैसे बार-बार थकान महसूस होना, बिना कारण वजन बढ़ना, कब्ज की परेशानी, बालों का झड़ना, ठंड ज्यादा लगना और त्वचा का रूखा पन होना।

2. हाइपरथायरायडिज्म (Hyperthyroidism)

इस स्थिति में थायराइड ग्रंथि जरूरत से ज़्यादा हार्मोन बनाने लगती है, जिसके कारण मेटाबॉलिज्म तेज हो जाता है और शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके लक्षणों में बिना कारण वजन घटना, दिल की धड़कन का तेज होना, चिड़चिड़ापन और लगातार चिंता महसूस करना, नींद न आना, ज्यादा पसीना आना और हाथ-पांव का कांपना होती हैं।

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पुरुष और महिलाओं में अलग-अलग लक्षण

पुरुषों में थायराइड के लक्षण: थायराइड (Thyroid) की समस्या होने पर पुरुषों में अक्सर थकान और मांसपेशियों की कमजोरी दिखाई देती है। इसके अलावा उनकी कामेच्छा (Sex Drive) कम हो सकती है और मूड बार-बार बदलने जैसी समस्या भी सामने आती है।

महिलाओं में थायराइड के लक्षण: महिलाओं में थायराइड (Thyroid) का असर मासिक धर्म पर पड़ता है, जिससे पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं। बाल पतले होने लगते हैं, गर्भधारण में कठिनाई आ सकती है और बिना किसी कारण के वजन में बदलाव देखने को मिलता है।

थायराइड को नियंत्रित करने के घरेलू उपाय

हरी पत्तेदार सब्जियां : पालक, केल और चार्ड जैसी सब्जियां एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती हैं हाइपोथायरायडिज्म में खाने से काफी फायदा होता है।

डेयरी उत्पाद : दूध, दही और पनीर थायराइड के लिए उपयोगी होते हैं (अगर लैक्टोज इनटॉलेरेंस नहीं है)।

अलसी और अन्य बीज : अलसी, सूरजमुखी व तरबूज के बीजों में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है, जो थायराइड के कार्य को बेहतर बनाता है।

विटामिन डी और धूप : रोजाना 15-20 मिनट की धूप लेने से शरीर को पर्याप्त विटामिन डी मिलता है।

हर्बल उपाय : तुलसी और एलोवेरा का रस नियमित लेने से थायराइड नियंत्रण में रह सकता है।

नारियल तेल : इसमें हेल्दी फैट होता है, जो थायराइड को संतुलित करने और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करता है।

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एप्पल साइडर विनेगर : यह शरीर को डिटॉक्स (Detox) करता है और मेटाबॉलिज्म (Metabolism) को दुरुस्त रखता है।

अदरक : इसमें सूजनरोधी (Anti-inflammatory) गुण होते हैं। अदरक की चाय पीने से थायराइड हार्मोन का संतुलन अच्छा रहता है।

विटामिन बी वाले खाद्य पदार्थ : अंडे, मछली, मांस, दालें और मेवे खाने से हाइपोथायरायडिज्म में खाने से काफी फायदा होता है।

ग्लूटेन और चीनी से परहेज : इनसे बचने पर सूजन कम होती है और थायरॉयड हार्मोन बेहतर तरीके से काम करते हैं।

 ध्यान रखें कि ये उपाय केवल सहायक (supportive) हैं। डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं को कभी बंद न करें। समय पर इलाज और जागरूकता ही थायराइड Thyroid) रोग से बचाव का सबसे बड़ा उपाय है।


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Content Writer

Vandana

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