देवी लक्ष्मी को क्यों कहा जाता है कमला? आप भी नहीं जानते होंगे ये 7 अद्भुत बातें

punjabkesari.in Wednesday, Feb 24, 2021 - 12:29 PM (IST)

धन की देवी लक्ष्मी जी की अराधना सभी करते हैं और उनकों मनाने के लिए विभिन्न पूजा पाठ भी करते हैं। लेकिन यहां हम आपको बता रहे हैं देवी लक्ष्मी से जुड़ी ये खास बातें जो आपको जरूर जाननी चाहिए। लक्ष्मी जी की कृपा पाने के लिए आपको सबसे पहले घर मैं बैठी हुई लक्ष्मी की प्रतिमा या फोटो लगानी चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि कभी भी खड़ी लक्ष्मी की प्रतिमा न लगाएं।

देवी लक्ष्मी को क्यों कहा जाता है कमला?

देवी लक्ष्मी का एक नाम कमला है। चूंकि वह कमल के आसन पर व‌िराजमान होती हैं और उनके हाथों में भी कमल का पुष्प होता है इसलिए उन्हें कमला देवी भी कहा जाता है।

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उल्लू या हाथी, कौन है मां लक्ष्मी का वाहन

पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी लक्ष्मी का वाहर उल्लू है जबकि धन की देवी महालक्ष्मी का वाहर हाथी को माना जाता है। वहीं, कुछ के अनुसार, उल्लू को माता अलक्ष्मी का वाहन माना जाता है, जिसपर बैठकर वह भगवान विष्णु के साथ पृथ्वी भ्रमण करने आती हैं।

मां लक्ष्मी को चढ़ाए से चीजें

माता लक्ष्मी को पूजा के दौरान मखाना, सिंघाड़ा, बताशे, ईख, हलुआ, खीर, अनार, पान, सफेद और पीले रंग के मिष्ठान्न, केसर-भात चढ़ाना चाहिए। इससे मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न हो जाती है।

मां लक्ष्मी के 8 रूप

समुद्र मंथन से जब मां लक्ष्मी प्रकट हुई तब उनके हाथ में स्वर्ण से भरा कलश था, जिसमें से वह धन की वर्षा करती हैं। वहीं, माता लक्ष्मी के 8 रूप धनलक्ष्मी, आदिलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, संतानलक्ष्मी, गजलक्ष्मी, विजयलक्ष्मी, वीरलक्ष्मी, विद्यालक्ष्मी माने जाते हैं।

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"दुर्भाग्य की देवी" माता अलक्ष्मी

माता लक्ष्मी के बारे में तो पूरा संसार जानता है लेकिन उनकी एक बड़ी बहन भी थी देवी अलक्ष्मी। भागवत महापुराण के अनुसार, देवी अलक्ष्मी समुद्र मंथन के दौरान 14 रत्न के साथ बाहर निकली थी लेकिन आसुरी शक्तियों की शरण में जाने की वजह से उन्हें 14 रत्नों में नहीं गिना जाता। मां लक्ष्मी धन की देवी है जबकि माता अलक्ष्मी को गरीबी व दरिद्रता और दुर्भाग्य की देवी कहा जाता है।

मां लक्ष्मी के माने जाते हैं दो रूप

मान्यता है कि जहां भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना होती हैं वहां मां लक्ष्मी जरूर वास करती है। लक्ष्मीजी को श्रीरूप और लक्ष्मी रूप को देमें देखा जाता है। श्रीरूप में वह कमल और लक्ष्मी रूप में वह भगवान विष्णु के साथ विराजमान होती हैं। महाभारत में लक्ष्मी के 'विष्णुपत्नी लक्ष्मी' एवं 'राज्यलक्ष्मी' दो प्रकार बताए गए हैं।

अन्न का रूप भी है देवी लक्ष्मी

माता लक्ष्मी का एक रूप अन्न भी है। जो लोग जरा-सा गुस्सा आने पर भोजन की थाली फेंक देते हैं या अन्न का अपमान करते हैं उनके घर धन, वैभव एवं पारिवारिक सुख नहीं टिकता।


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Content Writer

Anjali Rajput

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