बच्चे दिल की बीमारियों से क्यों मर रहे हैं? डरने की बजाय इसका कारण समझे पेरेंट्स
punjabkesari.in Monday, Sep 29, 2025 - 03:31 PM (IST)

नारी डेस्क: बच्चों में हार्ट अटैक? जी हां आपने सही पढ़ा, कभी मुख्य रूप से बड़ों से जुड़ा हार्ट अटैक अब बच्चों में भी एक समस्या बनता जा रहा है। कुछ दिन पहले, एक 13 साल के बच्चे की हृदय संबंधी जटिलताओं के कारण मृत्यु हो गई। दुखद सच्चाई यह है कि बच्चों में अचानक हृदय संबंधी जटिलताओं के कारण होने वाले बढ़ते मामलों ने इस खतरनाक प्रवृत्ति के कारणों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस आइए जानते हैं बच्चे हार्ट अटैक से क्यों मर रहे हैं और संभावित कारणों और बचाव के उपायों पर भी चर्चा करें।

बच्चों में सीने में दर्द: क्या यह हृदय की समस्या है?
आमतौर पर बच्चों में सीने का दर्द दिल से जुड़ा कारण नहीं होता। इसके मुख्य कारण हो सकते हैं: गैस या पेट की समस्या, मांसपेशियों में खिंचाव (जैसे खेलते समय), चिंता या तनाव, फेफड़ों से जुड़ी समस्या (खांसी, अस्थमा आदि), हृदय से जुड़ा सीने का दर्द बच्चों में बहुत कम पाया जाता है। अगर हो, तो इसके लक्षण होंगे: लगातार और तेज़ दर्द, दौड़ने या खेलने पर दर्द बढ़ना, सांस फूलना, चक्कर आना या बेहोशी ऐसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर (बाल हृदय रोग विशेषज्ञ) से संपर्क करें।
बच्चों में कार्डियक अरेस्ट (हृदयगति रुकना) के चार कारण
बच्चों में कार्डियक अरेस्ट बहुत कम होता है, लेकिन जब होता है तो जानलेवा साबित हो सकता है। इसके मुख्य कारण है-जन्मजात हृदय रोग, इलेक्ट्रिकल सिस्टम की गड़बड़ी (arrhythmia), गंभीर संक्रमण, हार्ट में ब्लॉकेज या सूजन (myocarditis)। इसके संकेत हैं बच्चा अचानक गिर जाए, सांस लेना बंद हो जाए, नाड़ी (pulse) महसूस न हो। ऐसा होने पर तुरंत CPR (हृदय और फेफड़ों की कृत्रिम मालिश) शुरू करें। समय पर इलाज से जान बचाई जा सकती है।

बच्चे हार्ट अटैक से क्यों मर रहे हैं
हाल के वर्षों में खबरें आई हैं कि कुछ बच्चे या किशोर अचानक हार्ट अटैक से गुजर रहे हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं:
जन्मजात हृदय रोग: कुछ बच्चों के दिल में जन्म से ही दोष होते हैं।
अनुवांशिक समस्या:परिवार में हार्ट डिज़ीज़ का इतिहास होना।
संक्रमण/वायरस: जैसे कोविड या अन्य संक्रमण दिल की मांसपेशियों को कमजोर कर सकते हैं।
अनहेल्दी लाइफस्टाइल: कम उम्र में जंक फूड, मोटापा, शारीरिक गतिविधि की कमी, स्क्रीन टाइम बढ़ना।
अत्यधिक तनाव और प्रतियोगिता का दबाव: पढ़ाई या खेलों में अधिक दबाव से हार्ट पर असर।
ड्रग्स/एनर्जी ड्रिंक का सेवन (किशोरों में): दिल की धड़कन को असामान्य बना सकता है।
बच्चों के दिल की सुरक्षा के लिए सुझाव
बच्चे को संतुलित आहार दें जैसे- फल, सब्ज़ियां और अनाज। रोज़ाना थोड़ी शारीरिक गतिविधि/खेलकूद करवाए। नियमित स्वास्थ्य जांच करवाएँ, खासकर अगर परिवार में हृदय रोग का इतिहास हो। किसी भी असामान्य लक्षण (बार-बार सीने में दर्द, बेहोशी, सांस फूलना) को हल्के में न लें। ज्यादातर बच्चों का सीने का दर्द दिल से जुड़ा नहीं होता, लेकिन अगर दर्द गंभीर है तो तुरंत जांच कराएं। कार्डियक अरेस्ट दुर्लभ है पर गंभीर होता है, और हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं जिनके पीछे जीवनशैली और जन्मजात कारण दोनों हैं। सही खानपान, नियमित व्यायाम और समय पर जांच से बच्चों के दिल को सुरक्षित रखा जा सकता है।